दोस्तों ट्रेडिंग करते समय टेक्निकल एनालिसिस सीखना अनिवार्य होता है। और टेक्निकल एनालिसिस सीखते समय चार्ट पेटर्न की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है। इसीलिए इस लेख में हम Head and Shoulder chart Pattern के बारे में विस्तार से जानेंगे।
हेड एंड शोल्डर पैटर्न का निर्माण कैसे होता है, यह पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड में एंट्री कब लेनी चाहिए, स्टॉप लॉस और टारगेट कैसे लगाना चाहिए आदि विषयों पर हम विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।
हम आपसे वादा करते हैं कि यह लेख पढ़ने के बाद आपको फिर से “Head and Shoulder Pattern In Hindi” यह जानने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हेड एंड शोल्डर पैटर्न क्या है? (Head and Shoulder Pattern In Hindi)
यह एक ऐसा चार्ट पेटर्न है जो एक व्यक्ति के सिर और कंधों की तरह दिखाई देता है। इसीलिए इस पैटर्न का नाम हेड एंड शोल्डर पैटर्न रखा गया है। हिंदी में इसे सिर और कंधे का पैटर्न भी कहा जाता है।
हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न का दूसरा नाम थ्री बुद्धा चार्ट पैटर्न है। यह एक बेयरिश रिवर्सल चार्ट पेटर्न है। यह पैटर्न दिखाई देने के बाद बाजार में चल रहे तेजी के माहौल को खत्म करके मंदी का माहौल शुरू होता है।
हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न की रचना
हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न के रचना समझने के लिए आपको इस इमेज का सहारा लेना चाहिए।
इस चार्ट पेटर्न के रचना आसान है, लेकिन इसे समझने के लिए आपको इस पैटर्न के बेसिक कॉन्सेप्ट मालूम होनी चाहिए।
जब बाजार में तेजी होती है, तब लंबे अप ट्रेंड के बाद यह पैटर्न दिखाई देता है। अप ट्रेंड में ऊपर की ओर बढ़ते हुए प्राइस एक पहला रेजिस्टेंस लेवल तैयार करता है। पहले रेजिस्टेंस लेवल को ही पहला लेफ्ट शोल्डर कहा जाता है
पहला रेजिस्टेंस लेवल तैयार होने के बाद प्राइस थोड़ी नीचे जाकर तेजी के ट्रेंड को बरकरार रखते हुए एक पहला सपोर्ट लेवल तैयार करता।
पहला सपोर्ट लेवल तैयार करने के बाद मार्केट फिर एक बार ऊपर की तरफ चला जाता है और लेफ्ट शोल्डर के हाई के थोड़ा ऊपर जाकर दुरसा रजिस्टेंस लेवल तैयार करता है। इस रेजिस्टेंस को हेड कहा जाता है।
हेड तयार होने के बाद मार्केट में गिरावट होकर नीचे की तरफ चला जाता है, यह गिरावट पहले शोल्डर के हाई के नीचे आनी चाहिए। यह गिरावट एक दूसरा सपोर्ट तैयार करती है। लेकिन यह दूसरा सपोर्ट पहले सपोर्ट के तुलना में उसके बराबर या फिर थोड़ा सा ऊपर नीचे हो सकता है। लेकिन यह सपोर्ट पहले सपोर्ट लेवल की तुलना में उसके बराबर या फिर उसके तो अच्छा होता है। क्योंकि इससे हेड एंड शोल्डर पैटर्न की एक्यूरेसी ज्यादा होती है।
दूसरा सपोर्ट तैयार करने के बाद प्राइस एक बार फिर से ऊपर की तरफ जाने लगता है। और लेफ्ट शोल्डर के बराबर या फिर उसके थोड़ा ऊपर- नीचे तीसरा रेजिस्टेंस लेवल तैयार करता है। इस रेजिस्टेंस को राइट शोल्डर कहा जाता है।
राइट शोल्डर का निर्माण होने के बाद बाजार बहुत तेजी से नीचे गिरने लगता है। यह गिरावट एक तरह से तेजी के फ्रेंड को खत्म कर मंदी का ट्रेंड शुरू करती है। जब बेयरिश ट्रेंड शुरू होता है, तब गारंटी से कहा जाता है, कि हेड एंड शोल्डर पैटर्न तैयार हुआ है।
हेड एंड शोल्डर पैटर्न में कुछ ध्यान देने लायक बाते
1) Head and Shoulder Pattern तैयार होते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दोनों एक दूसरे से ऊपर नीचे हो सकते हैं।
2) कभी लेफ्ट शोल्डर ऊपर हो सकता है, तो कभी राइट शोल्डर ऊपर हो सकता है। और कभी दोनों शोल्डर बराबर भी हो सकते हैं।
3) यह पैटर्न तैयार होते समय शोल्डर ऊपर नीचे हो सकते हैं लेकिन हेड कभी भी शोल्डर के नीचे नहीं हो सकता। हेड हमेशा दोनों शोल्डर के ऊपर ही रहेगा।
4) हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न तैयार होते समय बहुत बड़ा महत्व होता है।
5) अक्सर लेफ्ट शोल्डर में वॉल्यूम सिर और राइट शोल्डर की तुलना में ज्यादा होता है।
6) लेकिन जब प्राइस और राइट शोल्डर तैयार करती है, और तेजी से नीचे की ओर गिरने लगती है तब फिर से एक बार वॉल्यूम भी बढ़ता है।
7) एक शोल्डर और हेड के बीच में कम से कम सात आठ कैंडल का गैप होना चाहिए। और अगर इससे कम गैप है, तो इस पैटर्न को एक वैलिड पैटर्न नहीं माना जा सकता।
हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न में टाइम फ्रेम
दोस्तों चार्ट पेटर्न में टाइम फ्रेम को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। क्योंकि चार्ट पेटर्न लगभग सभी टाइम फ्रेम में दिखाई देते हैं। चलिए जानते हैं कि Head and Shoulder pattern तैयार होते समय कौन सी टाइम फ्रेम होनी चाहिए, और उनमें कितना अंतर होना चाहिए।
Intraday chart = 7-8 Candlestick
Short term = 3-4 हफ्ते
Medium Term = 3-4 महीने
लॉन्ग टर्म = 7 से 8 महीनो का
हेड एंड शोल्डर पैटर्न में ट्रेड कैसे करें
दोस्तों इस पैटर्न को समझना ही काफी नहीं है, यह पैटर्न दिखाई देने पर इसकी पहचान करने के बाद आपको इस पैटर्न में ट्रेड भी एग्जीक्यूट करना आना चाहिए। यह पैटर्न दिखाई देने के बाद एंट्री, स्टॉप लॉस और टारगेट लगाकर प्रॉफिट बुक करना आना चाहिए।
Head and Shoulder Pattern में एंट्री
हेड एंड शोल्डर पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड में एंट्री लेने के लिए आपको सबसे पहले दो सपोर्ट लाइन के लो पॉइंट को एक दूसरे से जोड़ना है। और इसी ट्रेंड लाइन को Head and Shoulder pattern में नेक लाइन कहा जाता है।
जब प्राइस दूसरा शोल्डर तैयार करने के बाद तेजी से नीचे की ओर जाते समय जो कैंडल नेक लाइन को ब्रेक करके नीचे क्लोज होती है। तब उसके बाद वाली कैंडल में आपको बिकवाली करने के लिए ट्रेड में एंट्री लेनी चाहिए।
Head and Shoulder pattern में स्टॉपलॉस
हर एक ट्रेडर को ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस जरूर लगाना चाहिए। स्टॉपलॉस लगाने से आप खुद का नुकसान होने से बचाते। Head and Shoulder pattern दिखाई देने के बाद भी आपको ट्रेड में एंट्री लेने के पश्चात स्टॉपलॉस लगाना चाहिए।
जो कैंडल नेकलाइन को ब्रेक करके नीचे क्लोज होती है उसे कैंडल के हाई पर आपको स्टॉपलॉस लगाना चाहिए।
Head and Shoulder pattern में टारगेट
रिस्क और रिवॉर्ड रेशों मैनेज करके आपको स्टॉपलॉस की तरह टारगेट भी लगाना चाहिए। हेड एंड शोल्डर पैटर्न दिखाई देने के बाद, पहला सपोर्ट लेवल और हेड के बीच में जितना अंतर होता है, उतने गैप का टारगेट एंट्री पॉइंट से नीचे लगाना चाहिए।
हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न के लाभ और नुकसान
दोस्तों हर एक चीज के दो पहलू होते हैं। हेड एंड शोल्डर पैटर्न के कुछ लाभ है और कुछ नुकसान भी है। चलिए इन्हें विस्तार से जानते हैं।
Head and Shoulder pattern के लाभ
1) हेड एंड शोल्डर पैटर्न दिखाई देने के बाद आप इसका उपयोग करके मार्केट में शार्ट पोजीशन लेकर अच्छा खासा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
2) यह पैटर्न दिखाई देने के बाद मार्केट में ट्रेड करते समय आपको एंट्री पॉइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉपलॉस लगाने में मदद होती है।
3) यह पैटर्न हमें बताता है की मार्केट में सेलर्स लोग एक्टिव होकर बायर कमजोर हो गए हैं।
4) यह पैटन मार्केट में बुल रैली को खत्म कर बेयर रैली शुरू करता है। जिससे शॉर्ट सीलिंग करने वालों को फायदा होता है।
Head and Shoulder pattern के नुकसान
1) यह चार्ट पेटर्न दिखाई देने के बाद अगर आपने खुद के मन पर काबू नहीं रखा और ओवर ट्रेडिंग की तो नुकसान हो सकता है।
2) यह पैटर्न हमें मार्केट में मंदी शुरू होने का संकेत देता है, लेकिन अगर आपने लॉन्ग पोजीशन में ट्रेड ले लिया तो आपको नुकसान हो सकता है।
3) इस पैटर्न की पहचान होने के बाद भी आपको इस सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग में आजमाना चाहिए। नहीं तो और कॉन्फिडेंस के कारण नुकसान की संभावना हो सकती है।
FAQ
1) हेड एंड शोल्डर पैटर्न का मतलब क्या होता है?
टेक्निकल एनालिसिस करते समय जब प्राइस तीन रेजिस्टेंस लेवल और दो सपोर्ट लेवल तैयार करके एक सिर और 2 कंधे के समान आकर तैयार करती है, तब उस पैटर्न को हेड एंड शोल्डर पैटर्न कहा जाता है।
2) हेड एंड शोल्डर पैटर्न कैसे पता करें?
जब बाजार में तेजी होती है, तब प्राइस 2 शोल्डर और एक सिर की तरह जाकर तैयार करता है, यह आकार देखने के बाद आपको इस पैटर्न पता कर सकते है।
3) क्या हेड एंड शोल्डर चार्ट पैटर्न बुलीश है?
जी नहीं, हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न बुलिश नही है।
4) क्या हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न बेयरिश है?
जी हां, हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न बेयरिश है।
5) हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न में एंट्री पॉइंट कौन सा होना चाहिए?
जब प्राइस दूसरा शोल्डर तैयार करके तेजी से नीचे जाने लगता है, और नेक लाइन को ब्रेक करता है, तब ब्रेक करके नीचे क्लोज होने वाली कैंडल के अगली कैंडल में आपको एंट्री लेनी चाहिए।
Conclusion
दोस्तों “Head and Shoulder pattern in Hindi” इस लेख में हमने हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न के बारे में विस्तार से जानकारी लेने की कोशिश की है। यह चार्ट पेटर्न निर्माण होने से लेकर इस चार्ट पेटर्न में ट्रेड कैसे लेना चाहिए, टारगेट स्टॉपलॉस और एंट्री कैसे करनी चाहिए आदि विषयों को विस्तार से समझने की कोशिश की गई है। यह पैटर्न समझने के बाद आपको इसका उपयोग सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग करते समय करना चाहिए। पेपर ट्रेडिंग में माहिर होने के बाद इसका उपयोग आप रियल ट्रेडिंग करते समय कर सकते हैं।
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Contents
- 1 हेड एंड शोल्डर पैटर्न क्या है? (Head and Shoulder Pattern In Hindi)
- 2 हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न की रचना
- 3 हेड एंड शोल्डर पैटर्न में कुछ ध्यान देने लायक बाते
- 4 हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न में टाइम फ्रेम
- 5 हेड एंड शोल्डर पैटर्न में ट्रेड कैसे करें
- 6 हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न के लाभ और नुकसान
- 7 FAQ
- 8 Conclusion
1 thought on “Head and Shoulder Pattern In Hindi”