दोस्तों शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस करते समय आपको चार्ट पेटर्न की पहचान होनी चाहिए। अगर आपको सभी प्रकार के चार्ट पेटर्न जानकारी होती है, तो आप खुद की स्ट्रैटेजी लगाकर टेक्निकल एनालिसिस से लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा खासा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
इस लेख में हम Rounding Bottom Pattern के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह पैटर्न क्या है, पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड में एंट्री कब लेनी है, स्टॉपलॉस और टारगेट कहा पर लगाना है, इस तरह की सभी बातो को विस्तार से जानेंगे।
लेख पढ़ने के बाद आपको फिर से “Rounding Bottom Pattern in Hindi” जानने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
राउंडेड बॉटम चार्ट पेटर्न क्या है? (Rounding Bottom Pattern in Hindi)
जब मंदी का ट्रेंड होता है, तब अंग्रेजी लेटर U के आकार का पैटर्न तैयार होता है तब उसे राउंडेड बॉटम चार्ट पेटर्न कहा जाता है।
इस पैटर्न को Saucer Bottom चार्ट पेटर्न भी कहा जाता है, क्योंकि इसका आकार एक प्लेट के जैसे दिखाई देता है।
यह चार्ट पेटर्न मंदी के ट्रेंड में तैयार होकर बाजार में मंदी के माहौल को खत्म कर बाजार में तेजी लता है। इसीलिए यह एक बुलिश रिवर्सल चार्ट पेटर्न है।
दोस्तों इस पैटर्न के बारे में आपको यह बात मालूम होनी चाहिए कि यह एक लंबे समय का चार्ट पेटर्न है। इसकी मदद से आप इंट्राडे, शॉर्ट टर्म या फिर मीडियम टर्म ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। इसका उपयोग ट्रेडिंग करने के लिए नहीं किया जा सकता।
लेकिन इसका उपयोग केवल और केवल टेक्निकल एनालिसिस करके लॉन्ग टर्म निवेश करने के लिए किया जा सकता है।
मतलब की लंबे समय के निवेश के लिए इस चार्ट पेटर्न को पूरा बनाने में 10 से 20 वर्ष लग जाते हैं। और कभी-कभार इससे ज्यादा समय भी लग सकता है।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न की रचना
दोस्तों राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न की रचना आसान है। इस पैटर्न की रचना समझने के लिए आपको नीचे दिए गए इमेज का सहारा लेना पड़ेगा।
दोस्तों लगभग सभी चार्ट पेटर्न सिर्फ दो ट्रेंड ( अप ट्रेंड और डाउन ट्रेंड) से तैयार होते हैं। लेकिन राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न तीन ट्रेंड से तैयार होता है। यह पैटर्न तैयार होते समय डाउन ट्रेंड, साइडवाइज ट्रेंड और अप ट्रेंड इन तीनो ट्रेंड का उपयोग होता है।
जब बाजार में मंदी का माहौल होता है, यानी कि बाजार में बड़ी गिरावट होती है। यह गिरावट कुछ सालों तक चल सकती है। बीच में कभी कभी तेजी का माहौल हो सकता है। लेकिन प्रमुख ट्रेंड हमेशा मंदी का ही रहता है। तब लंबे डाउन ट्रेंड के बाद बाजार में मंदी का ट्रेंड रुक जाता है, और प्राइस एक बॉटम तैयार कर लेता है, और इसी बॉटम के बाद बाजार लंबे साइड वाइस ट्रेड की ओर बढ़ने लगता है।
साइड वाइस ट्रेंड कितने समय तक चलेगा यह कोई नहीं बता सकता। कई वर्षों तक चल सकता है।
जब साइड वाइस ट्रेंड बाजार में चल रहा होता है तब वॉल्यूम नहीं के बराबर होता है। साइड वाइस ट्रेंड खत्म होने के बाद बाजार में लंबा तेजी का ट्रेंड शुरू होता है। जब ऊपरी अप ट्रेंड शुरू होता है, तब प्राइस उसी गति से ऊपर की ओर बढ़ता है जिस गति से डाउन ट्रेंड में मार्केट नीचे आ रहा होता है। तेजी के ट्रेंड के साथ वॉल्यूम भी बढ़ने लगता है।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न के नियम
1) दोस्तों राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न तैयार होने के लिए तीनों ट्रेंड्स की जरूरत होती है।
2) यह पैटर्न तैयार होते समय सबसे पहले लंबा डाउन ट्रेंड होना चाहिए। डाउन ट्रेन के बाद मार्केट साइड वाइस ट्रेंड में जाना चाहिए। साइड वाइस ट्रेंड के बाद मार्केट अप ट्रेंड में आगे बढ़ना चाहिए।
3) डाउन ट्रेंड में वॉल्यूम ज्यादा होती है, बाद में साइड वाइस ट्रेंड में वॉल्यूम कम होता है और तेजी का अप ट्रेंड शुरू होने पर वॉल्यूम फिर से बढ़ने लगता है।
4) यह पैटर्न तैयार होने पर बाजार में चल रहे मंदी के ट्रेंड को खत्म कर कुछ सालों में साइड वाइस ट्रेंड बनाकर फिर से ऊपर की ओर बढ़कर तेजी का ट्रेंड शुरू करता है।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न में टाइम फ्रेम
दोस्तों जैसा कि यह लंबे समय का चार्ट पेटर्न है, तो इसका उपयोग केवल और केवल बाजार में निवेश करने के लिए किया जा सकता है।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न में ट्रेड कैसे करें
दोस्तों अगर आपको चार्ट में राउंडिंग बॉटम का फॉर्मेशन होता हुआ दिखाई देता है, तो आपको इसमें खरीदी करने के लिए यह देखना है कि जहां से मंदी का ट्रेंड शुरू हो रहा है, उस बिंदु को हम “A” नाम देते हैं, और और जहां पर इस पैटर्न का लोएस्ट बॉटम या फिर लोएस्ट लो बनता है, इसे हम पॉइंट “B” नाम देते हैं।
पॉइंट A से लेकर पॉइंट B तक हम मंदी का जोन मानते हैं। जब इस पैटर्न में तेजी का ट्रेंड शुरू होता है, तब प्राइस पॉइंट B से 30% ऊपर जाए तो हमें खरीदारी करने का संकेत मिलता है। यह 30% मंदी के जोन 100% की तुलना में होना चाहिए।
प्रॉफिट बुक कहां पर करना चाहिए
प्रॉफिट बुक करने के लिए आपको यह देखना है कि जब प्राइस पॉइंट A को टच करती है, तब आपको तुरंत प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए। पॉइंट A पर खींची गई लाइन हमारा पहला टारगेट होता है। जब प्राइस पॉइंट A पर खींची गई लाइन के ऊपर क्लोजिंग देता है। और फिर प्राइस ऊपर की ओर बढ़ने लगता है, पॉइंट A और पॉइंट B के पॉइंट बीच जो फर्क होता है, उतने फर्क का फिर से ऊपर टारगेट लगाना चाहिए। उसे दूसरा टारगेट कहा जाता है। लेकिन एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि दूसरा टारगेट रिस्की होता है।
इस प्रकार से हम राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न खरीदारी देने के बाद खरीदारी कर सकते हैं।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न के लाभ और नुकसान
दोस्तों हर एक चीज के दो पहलू होते हैं ठीक उसी प्रकार राउंडिंग बॉटम दे कुछ लाभ और कुछ नुकसान है।
Rounding Bottom Pattern के लाभ
1) यह चार्ट पेटर्न पहचानना बहुत ही आसान होता है। इसीलिए इसे पहचान कर आप अच्छा खासा प्रॉफिट कर सकते हैं।
2) इस चार्ट पेटर्न में आप बाजार में चल रहे ट्रेंड को पहचान कर आसानी से खरीदारी कर सकते हैं।
3) चार्ट पेटर्न लॉन्ग टर्म निवेश करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
4) लॉन्ग टर्म निवेश करने के लिए आप ज्यादा रिस्क लिए बगैर इस पैटर्न को देखकर निवेश कर सकते हैं।
Rounding Bottom Pattern के नुकसान
1) इस पैटर्न में हम शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं।
2) यह पैटर्न दिखाई देने के बाद आप सिर्फ लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग कर सकते हैं।
3) इस पैटर्न आप अगर आप शॉर्ट पोजीशन बनाते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है।
4) जिन लोगों के मन पर काबू नहीं है वह लोग यह चार्ट पेटर्न दिखाई देने के बाद अगर शॉर्ट ट्रेडिंग करते हैं तो उन्हें ज्यादा फायदा नहीं होता है।
Conclusion
दोस्तों Rounding Bottom Pattern in Hindi इस लेख में हमने राउंडिंग बॉटम चार्ट पेटर्न क्या है और यह दिखाई देने के बाद किस तरह से खरीदारी करनी चाहिए इसकी विस्तार से जानकारी दी है। यह चार्ट पेटर्न समझने के बाद आपको इसका उपयोग सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग करने के लिए करना चाहिए। पेपर ट्रेडिंग में माहिर होने के बाद आप इसका उपयोग रियल ट्रेडिंग करते समय कर सकते हैं। यह लेख पढ़ने के बाद अगर आपके मन में कोई सवाल उत्पन्न होता है तो आप हमें नीचे पूछ सकते हैं।
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