दोस्तों 2015 में ऑप्शन ट्रेडिंग करके एक आदमी में सिर्फ 28 मिनट में 18 करोड रुपए कमाए थे। ऑप्शन ट्रेडिंग करके 18 करोड़ कमाना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन जिस तरीके से उसने यह पैसा कमाए वह बहुत महत्वपूर्ण बात है। यह सारे पैसे एल्गो ट्रेडिंग करके कमाए गए थे।
जाए इस उदाहरण से आपको समझ में आया होगा कि भविष्य में एल्गो ट्रेडिंग कितनी महत्वपूर्ण है। इसीलिए इस लेख में हम जानेंगे कि एल्गो ट्रेडिंग क्या होता है, एल्गो ट्रेडिंग कैसे करते हैं, एल्गो ट्रेडिंग करने के लाभ और नुकसान क्या है।
अगर आपने यह लेख अच्छे से पढ़ लिया तो आपको फिर से “Algo trading in hindi” यह जानने की जरूर नही पड़ेगी।
एल्गो ट्रेडिंग क्या होता है
एल्गो ट्रेडिंग दो शब्दों से बना है, पहला शब्द एल्गो यानी कि एल्गोरिथम होता है, और दूसरा शब्द ट्रेडिंग तो आप जानते हैं।
एल्गोरिथम मतलब किसी सेट ऑफ बेसिस पर कुछ मैथमेटिकल ऑपरेश करके प्रोगाम तयार किया जाता है। जब इस ऑपरेशन का उपयोग करके हम ट्रेडिंग करते हैं, तब उसे एल्गो ट्रेडिंग कहा जाता है।
एल्गो ट्रेडिंग में समय, प्राइस और वॉल्यूम जैसे बेसिस को एक करके एक सेट तैयार किया जाता है। और उसे एक कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया जाता है। उसका उपयोग करके यह ट्रेडिंग की जाती है।
अगर आपको इतना बताने के बाद भी समझ नहीं आ रहा है तो इसे आसान भाषा में समझते है।
आसान भाषा में हम यह कर सकते हैं कि, कंप्यूटर का एक एल्गोरिथम होता है, एक जिसे प्रोग्राम भी कहा जाता है, उसका उपयोग करके जब ट्रेडिंग किए जाते हैं, तब उसे एल्गो ट्रेडिंग कहते हैं।
भारत में एल्गो ट्रेडिंग
भारत में एल्गो ट्रेडिंग पूरी तरह से लीगल है। सबसे पहले यह ट्रेडिंग 2008 में शुरू हुई है। लेकिन तब सिर्फ इंस्टीट्यूशन लेवल पर इसका उपयोग किया जाता था। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए यह ट्रेडिंग करना माना था।
लेकिन 2016 से भारत में रिटेल इन्वेस्टर्स को भी एल्गो ट्रेडिंग करने की इजाजत दे दी गई है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि आज मार्केट में लगभग 50% के करीब लिक्विडिटी सिर्फ और सिर्फ एल्गो ट्रेडिंग से ही आती है। लेकिन अमेरिका में यह नंबर 70% से ज्यादा है।
एल्गो ट्रेडिंग कैसे करे
आज के समय जीरोधा, अपस्टॉक, एंजेल 1 आदि ब्रोकर समीर एल्गो ट्रेडिंग की फैसेलिटीज प्रोवाइड करते हैं। किसी के साथ बहुत सारे ब्रोकर से जो आपको एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं।
आप इन ब्रोकर के साथ अपना डिमैट अकाउंट जोड़कर एल्गो ट्रेडिंग कर सकते हैं। लेकिन एक बार ध्यान रहे की मार्केट में जो ब्रोकर आपको अच्छी सर्विस देता है, उसी के साथ एल्गो ट्रेडिंग करने की कोशिश करें, और सबसे पहले कुछ दिन तक बैक टेस्टिंग जरूर करें।
शुरुआत में यह ट्रेडिंग करते समय आपको कोडिंग की आवश्यकता पड़ती थी। लेकिन आजकल कुछ ब्रोकर आपको डायरेक्टली कोडिंग के बिना यह सर्विस दे रहे हैं।
यह ट्रेडिंग रिटेलर्स के लिए नई हो सकती है। लेकिन धीरे-धीरे यह बहुत पॉपुलर होती जा रही है। बहुत सारे ब्रोकर अपने ट्रेडर्स को यह सर्विस दे रहे हैं। इस कारण से भविष्य में बहुत सारे लोग यह ट्रेडिंग कर सकते हैं।
लेकिन अगर आप अपनी खुद की स्ट्रैटेजी तैयार करके एल्गो ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो आपको कोडिंग आनी चाहिए। या फिर आप किसी कोडर को हायर करके यह ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसीलिए खुद की स्ट्रैटेजी करना थोड़ा सा महंगा पड़ सकता है।
लेकिन जैसे-जैसे इसकी पापुलैरिटी बढ़ जाएगी, वैसे-वैसे आपको यह स्ट्रैटेजिक खुद ब्रोकर लोग कम कीमत में प्रोवाइड करने की कोशिश करेंगे।
एल्गो ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
अपने एल्गो ट्रेडिंग क्या है, यह जाना अब उसकी स्ट्रेटेजी क्या है इसके बारे में हम जानते हैं।
1) सिस्टमैटिक एल्गो ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
इस स्ट्रेटजी में मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर ध्यान में रखते हुए स्ट्रैटेजि तैयार किए जाते हैं। जिसमें टेक्निकल एनालिसिस, वॉल्यूम, रिस्क रिवॉर्ड रेशों ध्यान में रखकर उसी डायरेक्शन में ट्रेड लिया जाता है, जिस डायरेक्शन में मार्केट जा रहा है।
ज्यादातर इस मेथड को हेज फंड उपयोग करते हैं। अगर हम इसे सही तरीके से उपयोग कर सके तो हमारे ट्रेड भी इस डायरेक्शन में जाएगा जिस डायरेक्शन में इंस्टीट्यूशंस के ट्रेड जा रहे हैं।
इस प्रकार से आप सिस्टमैटिक एल्गो ट्रेडिंग करके प्रॉफिटेबल ट्रेडर्स बन सकते हैं। इस स्ट्रेटजी में मोमेंटम का उपयोग करके भी एल्गो ट्रेडिंग की जाती है।
2) म्युचुअल फंड एल्गो ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
जैसा कि हम सभी जानते हैं म्यूचुअल फंड सेंसेक्स और निफ्टी जैसे इंडेक्स में निवेश करते हैं। जब भी कोई स्टॉक सेंसेक्स और निफ्टी जैसे इंडेक्स में होता है, तब उसे टॉप के पास इनडायरेक्ट म्युचुअल फंड का पैसा आता है।
इसका मतलब यह है कि अगर कोई स्टॉक म्युचुअल फंड्स में इंक्लूड या एक्सक्लूड है। तो आप इंक्लूड होने वाले स्टॉक में बुलिश पोजीशन बना सकते हैं। और एक्सक्लूड होने वाले स्टॉक में बेयरिश पोजीशन बना सकते हैं।
इस प्रकार से भी आप एक एल्गोरिथम तैयार कर सकते हैं।
3) Mean Reversion एल्गो ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
लॉ ऑफ़ मीन रिवर्जन एक मैथमेटिकल लॉ है। इस लॉ के अनुसार जब कोई चीज ऊपर जाती है, वह चीज नीचे भी आती है। और जब कोई चीज नीचे आती है, तब वह कभी ना कभी ऊपर जाती है।
इसी का उपयोग कर हम एल्गो ट्रेडिंग में यह स्ट्रेटजी बना सकते हैं कि, अगर एक स्टॉक की कीमत अपने एवरेज प्राइस से नीचे आती है, और अगर किसी एक स्टॉक की कीमत अपने एवरेज प्राइस से बहुत ऊपर चली जाती है। तब उसे दोनों स्थिति में बदलाव हो सकता है।
तब हम इस लॉ का उपयोग कर सकते हैं। और एल्गो ट्रेडिंग में स्ट्रेटजी तैयार कर सकते हैं।
4) स्काल्पिंग एल्गो ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
आपने यह नोटिस किया होगा कि जब किसी स्टॉक की buy price और जो sell price है, उसने थोड़ा सा फर्क होता है। तो आप फर्क का फायदा उठाकर जब ट्रेडिंग करते हैं तब उसे स्काल्पिंग कहा जाता है।
यह ट्रेडिंग बहुत शॉर्ट टाइम के लिए किए जाते हैं, इसीलिए इसे एग्जीक्यूट करने के लिए हमें कंप्यूटर प्रोग्राम की जरूरत पड़ती है। किसी भी स्टॉक एक्सचेंज पर ऑर्डर तभी तभी एग्जीक्यूट होती है, जब बाइंग प्राइस और सेलिंग प्राइस मैच होती है। इनका जो बहुत छोटा सा उसका उपयोग करके सैक्लपिंग की जाती है।
एल्गो ट्रेडिंग करते समय ध्यान देने लायक बाते
एल्गो ट्रेडिंग करने के लिए आपको बहुत सारे प्लेटफार्म मिल जाएंगे। लेकिन अगर आप एल्गो ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें
1) जिस प्लेटफार्म के थ्रू आप ट्रेडिंग कर रहे हैं, वह सेबी रजिस्टर है या नहीं इसे चेक करें।
2) जिस ब्रोकर की सर्विस अच्छी है उसे सेलेक्ट करने के बाद कुछ दिन तक उसे बैक टेस्ट जरूर करें।
3) यह ट्रेडिंग करने से पहले आपके छोटे अमाउंट से ट्रेडिंग करनी चाहिए। और आपका भरोसा बैठने के बाद इसे बड़े लेवल पर करना चाहिए।
4) एल्गो ट्रेडिंग करने से पहले स्ट्रैटेजि तैयार करके उसको बैक टेस्ट करनी चाहिए। वह स्ट्रेटजी अच्छी तरह से काम करे तभी बड़े लेवल पर यह ट्रेडिंग करना चाहिए।
एल्गो ट्रेडिंग के लाभ और नुकसान
दोस्तों हर एक चीज के दो पहलू होते हैं, इस तरह से एल्गो ट्रेडिंग के लिए कुछ लाभ और नुकसान है। अगर आप ट्रेडिंग में नए हैं, या फिर आप बहुत छोटे कैपिटल से ट्रेडिंग करते हैं। तो आपको एल्गो ट्रेडिंग की जरूरत नहीं है। लेकिन नो डाउट अगर आप एक अच्छा एल्गोरिथम बनाते हैं, तो आपको बहुत अच्छा खासा प्रॉफिट हो सकता है। क्योंकि इसमें सब कुछ ऑटोमेटिक हो जाएगा।
एल्गो ट्रेडिंग का लाभ
1) एल्गो ट्रेडिंग का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि आप किसने सबसे ज्यादा स्पीड से ट्रेडिंग कर सकते हैं। इंसान को सोचने में और समझने में समय लगता है, लेकिन यह ट्रेडिंग करते समय आपका एल्गोरिथम बहुत तेजी से किसी भी शेर को खरीद लेता है और उसे सही समय पर बीच भी देता है।
2) दूसरा लाभ यह है कि इसमें एक्यूरेसी बहुत ज्यादा होती है। क्योंकि इस मनुष्य नहीं कंप्यूटर द्वारा किया जाता है ।अगर आपका एल्गोरिथम सही है, वह एल्गोरिथम बनाते समय आपने अच्छे तरीके से कोडिंग की है, तो आप बहुत एक्यूरेसी के साथ ट्रेडिंग कर सकते हैं।
3) इसका फायदा जो बड़े ट्रेड से इसे ज्यादा होता है, क्योंकि बड़े कैपिटल की ट्रेडिंग करते कुछ पॉइंट का फर्क होने पर नुकसान सी पड़ सकता है। इसीलिए यह ट्रेडिंग इंस्टीट्यूशन इन्वेस्टर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है।
4) इसमें कोई मनुष्य की भावनाएं शामिल नहीं होती है, इसीलिए जब आप आपके लॉस को बचाने के लिए टॉप लॉस का पीछा करते थे, वह गलती यहां पर नहीं होगी।
5) एल्गो ट्रेडिंग से कई सारे स्ट्रेटजी को बैक टेस्ट किया जा सकता है। जिससे हम यह देख सकते हैं कि हमारी स्ट्रेटजी कितनी फ्रूटफुल है। और उसी के बेसिस पर एल्गोरिथम बनाकर प्रॉफिट किया जा सकता है।
एल्गो ट्रेडिंग के नुकसान
1) इस ट्रेडिंग में कई बार टेक्निकल खराबी के कारण ट्रेड एग्जीक्यूट करना मुश्किल हो जाता है। जिसकी वजह से बहुत बड़ा लॉस हो सकता है।
2) यह ट्रेडिंग मैथमेटिकल और हिस्टोरिकल जानकारी पर की जाती है, अगर मार्केट में कोई बड़ा बदलाव होता है, जिससे स्टॉक की प्राइस ऊपर या नीचे हो सकती है, तो इसे यह एल्गो ट्रेडिंग प्रेडिक्ट नहीं सकती है।
3) आजकल मार्केट में ऐसे कई सारे लोग हैं, जो अपना API प्लेटफार्म तैयार करके, वादा करते हैं कि उनकी स्ट्रेटजी बहुत अच्छा रिटर्न दे सकती है। लेकिन वह लोग आपके साथ फ्रॉड भी कर सकते हैं।
4) 2021 दिसंबर में सेबी ने सभी प्लेटफार्म को रजिस्टर करने के लिए कहा था। लेकिन कोई प्लेटफार्म इलीगल भी काम करते हैं।
FAQ
1) क्या एल्गो ट्रेडिंग सच में काम करती है?
जी हां, एल्गो ट्रेडिंग सच में काम करती है। अगर आपके पास सही स्ट्रैटेजी के साथ एल्गोरिथमिक प्रोग्राम्स है, तो आप एल्गो ट्रेडिंग अच्छी तरह से कर सकते हैं।
2) अलगो ट्रेडिंग क्या है इन हिंदी?
यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम के द्वारा एल्गोरिथमिक तरीके से की जाने वाली ट्रेडिंग है। जिसमें आप प्रोग्राम को कमांड देकर ऑटो ट्रेडिंग कर सकते हैं।
3) एल्गो ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर कैसे काम करता है?
यह सॉफ्टवेयर एक बार कंप्यूटर को कमांड देने के बाद , अपने आप बाजार में शेयर्स की खरीदी और बिक्री करता है। इस तरह के एल्गोरिथम को लगाने के बाद आपको मार्केट बार बार देखने की जरूरत नहीं पड़ती है।
4) एल्गो ट्रेडिंग अच्छी है या बुरी?
दोस्तों भविष्य में एल्गो ट्रेडिंग का प्रमाण बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है। यह मनुष्य के बगैर सटीक तरीके से की जाने वाली ट्रेडिंग है। इसलिए अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो यह एक अच्छी ट्रेडिंग है।
5) भारत में कितने प्रतिशत ट्रेडिंग एल्गोरिथम है?
है भारत में लगभग 50 से 60% एल्गोरिथम ट्रेडिंग की जाती है। और भविष्य में इसका और भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
Conclusion
दोस्तों “Algo trading in hindi” इस लेख में हमने एल्गो ट्रेडिंग से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी को विस्तार जानने की कोशिश की है। अगर आप एल्गो ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो हमने आपको इस लेख में एल्गो ट्रेडिंग का सभी बेसिक नॉलेज देने की कोशिश की है।
अगर आप शेयर बाजार में नए हैं, और ट्रेडिंग सीखना चाहते हैं। तो आपको सबसे पहले ट्रेडिंग सीखने के बाद कुछ मीना के बाद इस ट्रेडिंग में आना चाहिए। क्योंकि सीखे बिना यह ट्रेडिंग आपको नुकसानदायक साबित हो सकती है।
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