दोस्तों भारत की इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ रही है, उसी के साथ भारत का शेयर मार्केट भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। आजकल सभी लोग शेयर मार्केट सीख कर पैसा कमाना चाहते हैं।
अगर आपको भी शेयर मार्केट सीखना है, और शेयर मार्केट से पैसा कमाना है, तो आपको शेयर मार्केट का बेसिक नॉलेज होना जरूरी है। बेसिक नॉलेज लेते समय कैंडलेस्टिक पेटर्न का नॉलेज होना जरूरी होता है।
इस लेख में हम बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह कैंडलेस्टिक पेटर्न कैसे तैयार होता है, इसका निर्माण कौन से समय पर होता है, इसके पीछे की साइकोलॉजी क्या है आदि विषयों पर हम विस्तार से जानकारी लेंगे।
अगर आपने यह आर्टिकल अच्छे से पूरा पढ़ लिया तो मैं आपसे वादा करता हूं कि आपको फिर से “Bearish Harami Candlestick Pattern In Hindi” यह सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
1 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है ( Bearish Harami Candlestick Pattern kya hai)
यह एक डबल कैंडलेस्टिक प्रकार है। दो कैंडलेस्टिक संयुक्त रूप में तैयार होकर इस प्रकार का निर्माण होता है। पहले बुलिश कैंडलेस्टिक तैयार होती है और दूसरी बेयरिश कैंडलेस्टिक तैयार होती है। इस प्रकार में रंग को महत्व दिया जाता है।
जब पहली बड़ी बुलिश कैंडल तैयार होती है, उसके बाद अगली तैयार होने वाली कैंडल छोटी बेयरिश होती है। छोटी बेयरिश कैंडल पहले वाले कैंडल को करीब 50% तक कवर करती है। तब उस कैंडलेस्टिक पेटर्न को बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है।
जब ट्रेंड ऊपर की तरफ जा रहा होता है तब इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का निर्माण होता है। इसलिए इस कैंडल के प्रकार को बेयरिश रिवर्सल कैंडलेस्टिक पेटर्न भी कहा जाता है। यह पैटर्न तैयार होने के बाद ट्रेंड नीचे की तरफ जाने लगता है।
इतिहास में सबसे पहले कैंडलेस्टिक पेटर्न की खोज जापानी व्यापारी होम्मा मुनेहिसा ने की थी । जापानी व्यापारी इसका उपयोग व्यापार में करते थे। धीरे-धीरे पश्चिमी लोगों ने इसका उपयोग शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस करते समय उपयोग शुरू किया।
2 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न की संरचना और निर्माण ( Bearish Harami Candlestick Pattern formation )
चलिए विस्तार से जानते हैं की इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का निर्माण और संरचना कैसी होती है।
1) बॉडी –
इस कैंडलेस्टिक पेटर्न में पहले तैयार होने वाली बुलिश कैंडलेस्टिक की बॉडी बड़ी होती है। उसके बाद तैयार होने वाली बेयरिश कैंडल की बॉडी छोटी होती है।
2) शैडो-
इस कैंडलेस्टिक प्रकार में शैडो को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता क्योंकि शैडो कभी-कभी छोटीसी होती है, या फिर कभी-कभी होती नहीं। शैडो का आकार हमेशा बॉडी से छोटा होता है।
3) निर्माण –
Bearish Harami कैंडलेस्टिक पेटर्न का निर्माण जब मार्केट में ट्रेंड ऊपर की तरफ जा रहा होता है तब होता है। इसलिए हमेशा ट्रेंड को समझने के बाद इस पैटर्न की पहचान करनी चाहिए।
3 – हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है
जिंदगी में हमारी हिंदी भाषा में हरामी का मतलब दृष्ट इंसान होता है। लेकिन शेयर बाजार में हरामी का मतलब कुछ और होता है।
हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न की खोज जापान में हुई थी। जापानी भाषा में हरामी शब्द का अर्थ प्रेग्नेंट महिला होता है।
आसान भाषा में हम यह कह सकते हैं कि, इस कैंडलेस्टिक प्रकार में पहली बड़ी वाली कैंडल प्रेग्नेंट मां होती है, और दूसरी छोटी वाली कैंडल मां के पेट में होने वाला बच्चा होता है।
इसलिए इस कैंडलेस्टिक प्रकार को प्रेग्नेंट कैंडलेस्टिक पेटर्न भी कहा जाता है।
इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के रंग और ट्रेंड के अनुसार प्रमुख दो प्रकार पड़ते हैं।
1) बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न (Bearish Harami Candlestick Pattern )
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न हम इस आर्टिकल में विस्तार से जानेंगे। इसकी व्याख्या ऊपर विस्तार से दी गई है।
2) बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न ( Bullish Harami Candlestick Pattern )
बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में पहली बड़ी बेयरिश कैंडल तैयार होती है, दूसरी छोटी बुलिश कैंडल तैयार होकर पहले कैंडल को 50% तक कर करती है।
प्रकार को हमने विस्तार से एक दूसरे आर्टिकल में बताया है।
4 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान (Bearish Harami Candlestick Pattern identification )
शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस करते समय कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान होना बहुत जरूरी होता है। अगर आपको कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान है तो आप उसका अच्छे से फायदा उठा सकते हैं। चलिए जानते हैं इस कैंडल्स पैटर्न की पहचान कैसे करें।
1) सबसे पहले ट्रेंड जाने
पैटर्न की पहचान करने से पहले आपको मार्केट किस दिशा में जा रहा है उसे ट्रेंड को पहचानना जरूरी होता है। यह पैटर्न रेजिस्टेंस लेवल पर तैयार होता हुआ दिखता है। इसलिए आपको ट्रेंड ऊपर की तरफ जाता हुआ दिखाई देना चाहिए।
2) कन्फर्मेशन करें
ट्रेंड को देखने के बाद आपको दोनों कैंडलेस्टिक की बॉडी को देखकर कंफर्म करना है कि पहली कैंडल दूसरे कैंडल से बड़ी है या नहीं, और दूसरी छोटी कैंडल बड़ी कैंडल को 50% कर करती है या नहीं।
3) प्राइस एक्शन पर नजर रखें
इस कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान करने के बाद भी आपको प्राइस एक्शन पर हमेशा नजर रखनी है।
5 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न का महत्व (Bearish Harami Candlestick Pattern Importance )
शेयर बाजार में हर एक कैंडलस्टिक का अपना एक अलग महत्व होता है। आपको उसे कैंडल स्टिक का महत्व पहचान कर ट्रेडिंग करने की कोशिश करनी चाहिए।
जिन लोगों का अनुभव अच्छा होता है और बेसिक नॉलेज तगड़ा होता है। वह लोग इस कैंडलेस्टिक प्रकार को पहचान कर इसका अच्छे से फायदा उठाते।
लेकिन जिन लोगों का बेसिक नॉलेज अच्छा नहीं है, या फिर जो लोग और कॉन्फिडेंट है, वह लोग कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाने के बाद भी खुद पर काबू रखने के कारण अपना नुकसान कर बैठे हैं और इस कैंडलेस्टिक प्रकार को दोष देते हैं।
यह कैंडलेस्टिक पैटर्न अगर आपको रेजिस्टेंस लेवल पर ऊपर जाते हुए ट्रेंड में दिखाई दिया तभी आप से ज्यादा महत्व।
दे लेकिन कभी कबार मार्केट अनिश्चित बर्ताव कर आपको आश्चर्यचकित कर सकता है। इसलिए मार्केट की हर एक अपडेट पर नजर रखें।
6 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में ट्रेड कब करे (Bearish Harami Candlestick Pattern trading)
आपको कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड कब लेना चाहिए इसकी भी जानकारी होनी चाहिए। सिर्फ ट्रेंड और पैटर्न पहचाना काफी नहीं होता है। यह पैटर्न आपको सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग करते समय जरूर आजमाना चाहिए।
चलिए जानते हैं कि Bearish Harami कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड कब लेना चाहिए –
1) पैटर्न की पहचान करें
ट्रेंड जानने के बाद बेयरिश हरामी पैटर्न की पहचान करें। जब ट्रेंड ऊपर की तरफ होता है तभी इस पैटर्न का निर्माण होता है।
2) कंफर्मेशन
पैटर्न तैयार होने के बाद भी आपको कंफर्म करना है कि पहले कैंडल दूसरी वाली कैंडल से बड़ी है या नहीं।
3) एंट्री और एग्जिट प्वाइंट फिक्स करें
ट्रेड दिखाई देने के बाद आपको इंट्री और एग्जिट प्वाइंट फिक्स करने हैं।
4) मार्केट पर नजर रखें
ट्रेड लेने के बाद ट्रेड पूरा होने तक आपको मार्केट पर नजर रखनी है।
5) मूल्यांकन करें
ट्रेड लेने के बाद आपको ट्रेड पूरा होने पर खुद का मूल्यांकन करना है। अगर आपको फायदा होता है, तो अच्छी बात है, लेकिन अगर आपको नुकसान उठाना पड़ा तो किस कारण से आपको नुकसान उठाना पड़ा इसका एनालिसिस करना चाहिए।
7 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न स्टॉपलॉस और टारगेट (Bearish Harami Candlestick Pattern stoploss and target)
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय हर एक ट्रेडर को स्टॉपलॉस और टारगेट लगाना जरूरी है। जब तक आपको अच्छा खासा अनुभव नहीं हो जाता, तब तक आपको स्टॉप लॉस लगाना अनिवार्य है। पेपर ट्रेडिंग करते समय की स्टॉपलॉस और टारगेट लगाने की कोशिश करें।
चलिए इस एक उदाहरण से जानते हैं-
1) बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में टारगेट
मान लीजिए की मार्केट ऊपर की तरफ जा रहा था, तब आपको Bearish Harami कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई पड़ता है।
तब बेयरिश हरामी कैंडल का
हाई प्राइस – 400
इसके बाद बनने वाली अगली हरी वाली कैंडल का
लो प्राइस – 370
हाय प्राइस –
अगर इस कंफर्मेशन कैंडल ने उसका हाय ब्रेक कर दिया तो, आप एंट्री कर सकते हैं और फिर
आपका टार्गेट = एंट्री point – ( बेयरिश हरामी हाई – एंट्री पॉइंट)
आपका टार्गेट = 370 – ( 400 -370)
आपका टार्गेट =370 – 30
आपका टार्गेट = 340 रुपये होना चाइए।
2) बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में स्टॉपलॉस
रिस्क और रिवॉर्ड रेशों मैनेज करके। हर किसी को स्टॉप लॉस लगाना चाहिए। स्टॉप लॉस एक्सेप्ट सेफ्टी की तरह काम करता है। स्टॉपलॉस लगाने के कारण आपकी हानी कम से कम होने में मदद होती है।
ऊपर दिए गए उदाहरण में आपका स्टॉपलॉस 400 पर होना चाहिए।
8 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न की साइकोलॉजी (Bearish Harami Candlestick Pattern Psychology)
यह पैटर्न तैयार होने के बाद मार्केट में मंदी का माहौल तैयार हो जाता है। यह माहौल तैयार होने के पीछे ट्रेडर लोगों के साइकोलॉजी में हुआ बादल होता है।
चलिए जानते हैं कि यह पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेडर की साइकोलॉजी में क्या बदल होता है।
1) बेयरिश हरामी तैयार होने से पहले मार्केट में तेजी का माहौल होता है। खरीदार मार्केट को खरीदी करके ऊपर लेकर आए हुए होते हैं। इसलिए यह पैटर्न तैयार होने से पहले खरीदारों का प्रभाव होता है।
लेकिन यह पैटर्न दिखाई देने के बाद बायर्स खरीदी कम कर देते हैं। और उनका प्रभाव कम होने लगता है।
2) यह पैटर्न तैयार होने के बाद सा सेलर्स लोगों का प्रभाव बढ़ने लगता है। सेलर्स एक्टिव होकर मार्केट में बड़े लेवल पर बिक्री शुरू करते हैं। इस कारण से मार्केट ऊपर से नीचे चला जाता है।
9 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न
Advantage and Disadvantage
अगर आपने यह पैटर्न अच्छे से पहचान लिया तो आप इस पैटर्न से एडवांटेज ले सकते हैं। लेकिन मार्केट में अनिश्चित के कारण और आपकी गलती के कारण कभी कबार डिसएडवांटेज भी हो सकते हैं।
A) एडवांटेज
शेयर मार्केट सीखते समय अगर आपने बेसिक नॉलेज अच्छे से लिया है तो आप इस पैटर्न को पहचान कर एडवांटेज उठा सकते हैं।
1) रिवर्सल संकेत
यह पैटर्न दिखाई देने के बाद हमें संकेत देता है कि अब ट्रेंड ऊपर से नीचे की तरफ जाने वाला है।
2) दृष्टिकोण
यह पैटर्न दिखाई देने के बाद सेलर और बायर्स के दृष्टिकोण में बदलाव होने के कारण मार्केट का ट्रेंड चेंज हो जाता है।
3) मल्टीपल टाइम फ्रेम
यह पैटर्न हमें मल्टीप्ल टाइम फ्रेम में दिखाई देता है। इस कारण से अगर हमें यह पैटर्न पहचाना आ गया तो हम इसका उपयोग मल्टीपल टाइम फ्रेम में कर सकते हैं।
4) एंट्री और एग्जिट प्वाइंट
बेयरिश हरामी पैटर्न दिखाई देने के बाद हमें एंट्री और एग्जिट प्वाइंट निश्चित करने में आसानी होती है।
B) डिसएडवांटेजेस
Bearish harami पंडित स्पीक पैटर्न को अगर अच्छे से पहचाना नहीं तो आपको कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
1) गलत संकेत
इस पैटर्न की पहचान अच्छे से क्यों नहीं तो आप ट्रेंड को पहचान के बाद भी गलत संकेत लेकर कर सकते हैं।
इसलिए आपको ट्रेंड और पैटर्न की पहचान करना अच्छे से आना चाहिए।
2) माइंडसेट
अगर आपका खुद के मन पर काबू नहीं है तो यह पैटर्न पहचान के बाद भी आप इसका फायदा नहीं उठा सकते। क्योंकि ट्रेडिंग करते समय आपको आपके मन पर पूरा कबूल रखकर फायदा और नुकसान दोनों का रेशियो बैलेंस करके ट्रेडिंग करनी चाहिए।
10 – Bearish Harami Candlestick Pattern का video
FAQ (Bearish Harami Candlestick Pattern in Hindi)
1) बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या होता है?
यह एक डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न है, जिसमें पहली बड़ी बुलिश कैंडल होती है, और दूसरी छोटी बेयरिश बेबी कैंडल होती है।
2) बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में कितने कैंडल होती है?
इस कैंडलेस्टिक प्रकार में एक बड़ी बुलिश और एक छोटी बेयरिश कैंडल होती है । कुल मिलाकर दो कैंडल्स होती है।
3) बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होने के बाद क्या होता है?
यह पैटर्न तैयार होने के बाद ट्रेंड रिवर्सल होकर ऊपर से नीचे की तरफ जाता है।
4) बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न कब मजबूत संकेत देता है?
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न जब रेजिस्टेंस लेवल पर ट्रेंड ऊपर की तरफ होने के समय तैयार होता है तभी मजबूत संकेत देता है।
Conclusion (Bearish Harami Candlestick Pattern in Hindi)
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न की पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर आपको बेसिक से कैंडलेस्टिक पेटर्न की जानकारी चाहिए तो यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपका एक कैंडलेस्टिक पेटर्न बेसिक से एडवांस तक क्लियर हो जाएगा।
आपको यह आर्टिकल पढ़ने के बाद इस कैंडल्स किट की प्रेक्टिस करने के लिए पेपर ट्रेडिंग जरूर करनी चाहिए। और कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाने के बाद आपको यह कैंडलेस्टिक पेटर्न रियल पेपर ट्रेडिंग करते समय भी आजमाना चाहिए।
अगर आपको शेयर मार्केट सीखना है और बाकी के कैंडलेस्टिक पेटर्न्स को जानना है। तो आप हमारे बाकी के कैंडलेस्टिक पेटर्न के आर्टिकल्स पढ़ सकते हैं।
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Contents
- 1 1 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है ( Bearish Harami Candlestick Pattern kya hai)
- 2 2 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न की संरचना और निर्माण ( Bearish Harami Candlestick Pattern formation )
- 3 3 – हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है
- 4 4 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान (Bearish Harami Candlestick Pattern identification )
- 5 5 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न का महत्व (Bearish Harami Candlestick Pattern Importance )
- 6 6 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में ट्रेड कब करे (Bearish Harami Candlestick Pattern trading)
- 7 7 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न स्टॉपलॉस और टारगेट (Bearish Harami Candlestick Pattern stoploss and target)
- 8 8 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न की साइकोलॉजी (Bearish Harami Candlestick Pattern Psychology)
- 9 9 – बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न
- 10 Advantage and Disadvantage
- 11 10 – Bearish Harami Candlestick Pattern का video
- 12 FAQ (Bearish Harami Candlestick Pattern in Hindi)
- 13 Conclusion (Bearish Harami Candlestick Pattern in Hindi)