दोस्तों अगर आप शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं, तो आपको शेयर मार्केट का बेसिक नॉलेज होना जरूरी है। शेयर मार्केट सीखते समय टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए कैंडलेस्टिक प्रकारों का बेसिक नॉलेज होना जरूरी होता है।
इस लेख में हम डबल कैंडलेस्टिक पैटर्न में Bullish Harami Candlestick Pattern के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह कैंडलेस्टिक पेटर्न कैसे तैयार होता है, टेक्निकल एनालिसिस करते समय इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का क्या महत्व है, इसके पीछे की साइकोलॉजी आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
मैं आपसे वादा करता हूं कि अगर आपने यह आर्टिकल पढ़ लिया तो आपको फिर से “Bullish Harami Candlestick Pattern In Hindi” यह सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
1 – Bullish Harami Candlestick Pattern क्या है
यह डबल कैंडलेस्टिक प्रकार होने के कारण इस प्रकार में दो कैंडलेस्टिक होती है। एक बुलिश कैंडलेस्टिक होती है और दूसरी बेयरिश कैंडल होती है। इस प्रकार में कैंडल के रंग को बहुत महत्व दिया जाता है।
जब पहली कैंडल बड़ी और बेयरिश होती है, उसके बाद बनने वाली अगली कैंडल छोटी सी और बुलीश होती है।
छोटी कैंडल पहले कैंडल को 50% कवर करती है। तब उस कैंडलेस्टिक पेटर्न को बुलिश हारामी कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है।
जब ट्रेंड डाउन होता है तब इस पैटर्न का निर्माण होता है। इसलिए इस पैटर्न को बुलिश रिवर्सल पैटर्न भी कहा जाता है। यह पैटर्न तैयार होने के बाद ट्रेंड ऊपर की तरफ जाने लगता है।
कैंडलेस्टिक पेटर्न की खोज जापानी व्यापारी होम्मा मुनेहिसा ने की थी। इसका उपयोग पहले व्यापार में किया जाता था। बाद में पश्चिमी व्यापारियों ने इसका उपयोग टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए शुरू किया।
2 – Bullish Harami Candlestick Pattern की संरचना और निर्माण
चलिए विस्तार से जानते हैं इस पैटर्न का निर्माण और संरचना कैसे होती है।
1) बॉडी –
इस प्रकार में पहले बेयरिश कैंडल की बॉडी बड़ी होती है। दूसरी बुलिश कैंडल की बॉडी छोटी होती है । दूसरी कैंडल पहले कैंडल से 50% तक कवर होती है।
2) शैडो-
इस कैंडलेस्टिक प्रकार में शैडो को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता। लेकिन कभी कबार शैडो छोटी होती है या कभी-कभी होती भी नहीं। शैडो का आकार हमेशा बॉडी से छोटा होता है।
3) निर्माण
यह कैंडलेस्टिक प्रकार हमें डाउन ट्रेंड में सपोर्ट लेवल पर दिखाई देता है। इसलिए हमेशा ट्रेंड को समझ कर इस प्रकार को पहचानना चाहिए।
3 – Harami Candlestick Pattern क्या है?
हमारी हिंदी भाषा में हरामी का मतलब दुष्ट आदमी होता है। लेकिन शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस करते समय कैंडलेस्टिक पेटर्न में इसका यह अर्थ नहीं होता है।
Harami Candlestick Pattern एक जापानी कैंडलेस्टिक पेटर्न है। हरामी शब्द का अर्थ जापानी भाषा में प्रेग्नेंट होता है।
इसलिए इसे कैंडलेस्टिक कोआसान भाषा में ऐसे समझ जा सकता है कि, पहले तैयार होने वाली बड़ी कैंडल प्रेग्नेंट मां होती है। और दूसरी छोटी तैयार होने वाले कैंडल उसे प्रेग्नेंट महिला का बच्चा होता है।
इसलिए इस पैटर्न को जापानी भाषा में प्रेग्नेंट कैंडलेस्टिक पेटर्न भी कहा जाता है।
हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न के रंग और ट्रेंड के अनुसार प्रमुख दो प्रकार होते हैं।
1) Bullish Harami Candlestick Pattern ( बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न )
इस प्रकार को हम इसी आर्टिकल में विस्तार से जाने वाले हैं। ऊपर इसकी व्याख्या दी है।
2) Bearish Harami Candlestick Pattern ( बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न )
इस प्रकार में पहले बड़ी बुलीश कैंडल तैयार होती है, और आगे तैयार होने वाली छोटी बेयरिश कैंडल पहले कैंडल को 50% तब कवर करती है।
इस कैंडलेस्टिक प्रकार को हमने अलग आर्टिकल में विस्तार से बताया है।
4 – Bullish Harami Candlestick Pattern की पहचान
टेक्निकल एनालिसिस करते समय अगर एस आपको कैंडलेस्टिक पेटर्न की अच्छी पहचान है। तो आप शेयर मार्केट में उनका उपयोग करके फायदा उठा सकते हैं। चलिए जानते हैं इस कैंडलेस्टिक पैटर्न की पहचान कैसे करें
1) ट्रेंड को जाने
सबसे पहले आपको मार्केट में ट्रेंड कौन सा है इसे पहचाना है। जब ट्रेंड नीचे की तरफ होता है तभी सपोर्ट लेवल पर इस पैटर्न का निर्माण होता है।
2) कन्फर्मेशन करें
दोनों कैंडल्स को देखकर पहले वाले कैंडल दूसरे कैंडल से बड़ी है या नहीं इसका कंफर्मेशन करें। दूसरी कैंडल पहले कैंडल को 50% तक कर करनी चाहिए।
3) प्राइस एक्शन पर नजर रखें
पैटर्न की पहचान करने के बाद भी आपको मार्केट के प्राइस एक्शन पर नजर रखनी है।
5 – Bullish Harami Candlestick Pattern का महत्व
शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस करते समय हर एक कैंडलेस्टिक पेटर्न का अपना अलग महत्व है। जब आप टेक्निकल एनालिसिस करते हो तब आपकी कैंडलेस्टिक पेटर्न के पहचान कैसी है, इस पर निर्भर करता है कि आप इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का कैसा उपयोग करते हैं।
जिन लोगों का बेसिक कैंडलेस्टिक पेटर्न का नॉलेज अच्छा होता है, वह इस पैटर्न को पहचानने के बाद इसका फायदा उठाते हैं।
लेकिन जो लोग कैंडलेस्टिक पेटर्न को पहचानने के बाद खुद पर काबू नहीं रख पाते। वह पैटर्न को देखने के बाद भी नुकसान उठाते हैं।
जब यह पैटर्न डाउन ट्रेंड में तैयार होता है। तभी इस पैटर्न को ज्यादा महत्व दिया जाता है। डाउन ट्रेंड में तैयार होने के बाद यह पैटर्न हमें संकेत देता है की मार्केट अब ऊपर की तरफ जाने वाला है।
लेकिन कभी-कभी मार्केट अनिश्चित बर्ताव कर सकता है, उसे समय आपको सिर्फ मार्केट का एनालिसिस करते रहना चाहिए। तब ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।
6 – Bullish Harami Candlestick Pattern ट्रेड कब ले
कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान होने के बाद भी आपको ट्रेड कब लेना चाहिए इसकी समझ होनी चाहिए। यह पैटर्न आपको सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग करते समय आजमाना चाहिए।
चलिए जानते हैं कि बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड कब लेना चाहिए-
1) पैटर्न की पहचान
बुलिश हरामी पैटर्न पहचान ने से पहले आपको ट्रेंड की पहचान होनी चाहिए। यह पैटर्न हमेशा डाउन ट्रेंड में तैयार होता है। ट्रेड करने से पहले आपको इस पैटर्न को डाउन ट्रेंड में अच्छे से देखना है।
2) कन्फर्मेशन
पाटन तैयार होने के बाद पहली कैंडल दूसरे कैंडल से बड़ी है या नहीं इसका कंफर्मेशन लेना है।
3) एंट्री और एग्जिट प्वाइंट
पैटर्न कंफर्म होने के बाद आपको ट्रेड लेने के लिए आपके एंट्री और एग्जिट प्वाइंट फिक्स करने हैं।
4) मार्केट पर नजर रखें
ट्रेड लेने के बाद ट्रेड पूरा होने तक आपको मार्केट पर नजर बनाए रखनी है। क्योंकि यह एक अनिश्चित प्रोफेशन है। यह कभी भी कुछ भी हो सकता है।
5) मूल्यांकन करें
ट्रेड पूरा होने के बाद अगर आपको फायदा होता है तो ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए। और अगर आपको नुकसान भी हुआ तो ज्यादा दुखी नहीं होना चाहिए। आपको ट्रेड पूरा होने के बाद खुद का मूल्यांकन करना है। अगर नुकसान हुआ तो क्यों हुआ इस पर एनालिसिस करनी है।
7 – Bullish Harami Candlestick Pattern स्टॉपलॉस और टारगेट
ट्रेडिंग करते समय हर एक ट्रेंड को स्टॉप लॉस और टारगेट जरूर लगाना चाहिए। शुरुआत में नए ट्रेंड कभी कबार ओवर कॉन्फिडेंस में स्टॉप लॉस नहीं लगते। लेकिन यह बात उनको महंगी साबित हो सकती है। इसलिए ट्रेडिंग करते समय हर बार स्टॉपलॉस जरूर लगाने की कोशिश करें।
चलिए इस एक उदाहरण से विस्तार में जानते हैं-
1) Bullish Harami Candlestick Pattern में टारगेट
मान लीजिए कि जब मार्केट डाउन ट्रेंड में जा रहा था , तब आपको बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक दिखाई पड़ाता है ।
बुलिश हरामी कैंडल का
लो प्राइस – 1200
इसके बाद बनने वाली अगली हरी वाली कैंडल का
लो प्राइस – 1238
हाय प्राइस – 1250
अगर इस कंफर्मेशन कैंडल ने उसका हाय ब्रेक कर दिया तो, आप एंट्री कर सकते हैं और फिर
आपका टार्गेट = एंट्री point + ( एंट्री पॉइंट – बुलीश हरामी )
आपका टार्गेट = 1250 +( 1250 -1200)
आपका टार्गेट =1250 + 50
आपका टार्गेट = 1300 रुपये पर होना चाइए।
2) Bullish Harami Candlestick Pattern में स्टॉपलॉस
ट्रेडिंग करते समय सभी ट्रेंड को स्टॉपलॉस लगाना चाहिए इस प्रकार को देखने के बाद भी आपको स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। ऊपर दिए हैं उदाहरण में आपका स्टॉपलॉस 1200 पर होना चाहिए।
अगर अपने रिस्क और रिवॉर्ड रेशों का मैनेजमेंट किया है, तो आप अपना स्टॉप लॉस खुद के दम पर बढ़ा सकते हैं।
लेकिन उसके लिए आपको सबसे पहले रिस्क और रिवॉर्ड का मैनेजमेंट करना चाहिए।
8 – Bullish Harami Candlestick Pattern में साइकोलॉजी
बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देने के बाद, सेलर्स फॉर बायर्स दोनों के साइकोलॉजी में बदलाव होता है इसी बदलाव के कारण मार्केट में ट्रेंड रिवर्स हो जाता है।
चलिए जानते हैं यह पैटर्न तैयार होने के बाद बायर्स और सेलर्स के साइकोलॉजी में क्या बदलाव होता है,
1) यह कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होने से पहले मार्केट में सेलर्स का प्रभाव ज्यादा होता है। सेलर्स लोग मार्केट में बड़े लेवल पर बिक्री करके मार्केट को नीचे की तरफ लाए हुए होते हैं ।
लेकिन यह पैटर्न निर्माण होने के बाद, सेलर्स का प्रभाव कम हो जाता है और वह अपनी बिक्री कम कर देते हैं।
2) यह कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देने के बाद बायर्स लोगों का प्रभाव बढ़ जाता है। वह बड़े लेवल पर खरीदी शुरू कर देते हैं। और मार्केट को ऊपर से नीचे की तरफ ले जाते हैं।
9 – Bullish Harami Candlestick Pattern के एडवांटेजेस एंड डिसएडवांटेजेस
हर एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, इस प्रकार से इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के भी दो पहलू है। हम इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का किस तरीके से उपयोग करते हैं इस पर यह निर्भर करता है कि हमें फायदा होगा या नुकसान।
A) एडवांटेज
अगर आपका शेयर मार्केट का बेसिक नॉलेज अच्छा है। आपको कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान करनी आती है तो आप इस पैटर्न को दिखाई देने के बाद फायदा उठा सकते हैं।
1) रिवर्सल संकेत
डाउन ट्रेंड में जाते हुए मार्केट को यह पैटर्न तैयार होने के बाद ऊपर की तरफ जाने का संकेत देता है। इसलिए इसे बुलिश हरामी रिवर्सल कैंडलेस्टिक पेटर्न कहते हैं।
2) दृष्टिकोण
सेलर्स और बायर्स के दृष्टिकोण में बदलाव होकर नीचे जा रहा मार्केट ऊपर की तरफ जाने लगता है।
3) मल्टीपल टाइम फ्रेम
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न हमें मल्टीप्ल टाइम फ्रेम में दिखाई देता है। अगर आपको इसकी अच्छे से पहचान करने आती है तो आप किस प्रकार को सभी टाइम फ्रेम में उपयोग कर सकते हैं।
4) एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स
बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देने के बाद आपको इंट्री और एग्जिट पॉइंट्स फिक्स करने में मदद होती है।
B) डिसएडवांटेजेस
Bullish harami कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देने के बाद भी आपने उसका अच्छे से उपयोग नहीं किया तो इसके कुछ नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं।
1) गलत संकेत
यह पैटर्न तैयार होने के समय अगर अपने ट्रेंड की पहचान अच्छे से नहीं की तो फिर आपको गलत संकेत मिल सकता है।
2) क्लेरिटी
आपका खुद के मन पर काबू होना चाहिए, और आपका विजन क्लियर होना चाहिए तभी आप इस प्रकार को दिखाई देने के बाद इसका फायदा उठा सकते हैं।
10 – Bullish Harami Candlestick Pattern का वीडियो
FAQ ( Bullish Harami Candlestick Pattern in hindi )
1) बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है?
यह एक डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न का प्रकार है, जिसमें पहली बेयरिश कैंडल बड़ी होती है और दूसरी बुलिश बेबी कैंडल छोटी होती है।
2) हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न के कितने प्रकार होते हैं?
इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के रंग के अनुसार दो प्रकार होते हैं ।
बुलिश और बेयरिश
3) बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में एंट्री पॉइंट कौन सा है?
कन्फर्मेशन कैंडल का हाय बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में एंट्री पॉइंट होता है।
4) बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न और बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में क्या फर्क होता है?
यह दोनों डबल हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न के प्रकार है ।
इन दोनों में यह फर्क है कि बुलिश हरामी डाउन ट्रेंड में तैयार होता है और बेयरिश हरामी अप ट्रेंड मैं तैयार होता है।
5) बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न कितना महत्वपूर्ण है?
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न कौन से ट्रेंड में तैयार होता है इस पर इसका महत्व निर्भर होता है। अगर यह सपोर्ट लेवल पर तैयार होता है तभी इसे ज्यादा महत्व दिया जाता है।
Conclusion ( Bullish Harami Candlestick Pattern in hindi )
दोस्तों इस लेख में हमने Bullish Harami Candlestick Pattern को विस्तार से जानने की कोशिश की है। यह पैटर्न टेक्निकल एनालिसिस करते समय कितना महत्वपूर्ण है, इसका निर्माण कैसे होता है, इसकी संरचना क्या है आदि विषयों पर हमने विस्तार से जाना है।
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न आपको सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग करते समय आजमाना चाहिए। के बाद और कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाने के बाद इसे रियल ट्रेडिंग करते समय आपको आजमाना चाहिए।
यह आर्टिकल पढ़ने के बाद भी अगर आपको कोई सवाल है। तो वह सवाल आप नीचे पहुंच सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपके सवालों का जवाब दे सके।
अगर बाकी सभी कैंडलेस्टिक का प्रकारों के बारे में आपको जानना है, तो आप हमारे इस वेबसाइट पर दिए गए बाकी के आर्टिकल्स को पढ़ सकते हैं।
पिछले 6 सालो से हम शेयर बाजार में निवेश तथा रिसर्च कर रहे है। हम आसन भाषा में इस वेबसाइट पर फ्री में जानकारी देने की कोशिश करते है।
Contents
- 1 1 – Bullish Harami Candlestick Pattern क्या है
- 2 2 – Bullish Harami Candlestick Pattern की संरचना और निर्माण
- 3 3 – Harami Candlestick Pattern क्या है?
- 4 4 – Bullish Harami Candlestick Pattern की पहचान
- 5 5 – Bullish Harami Candlestick Pattern का महत्व
- 6 6 – Bullish Harami Candlestick Pattern ट्रेड कब ले
- 7 7 – Bullish Harami Candlestick Pattern स्टॉपलॉस और टारगेट
- 8 8 – Bullish Harami Candlestick Pattern में साइकोलॉजी
- 9 9 – Bullish Harami Candlestick Pattern के एडवांटेजेस एंड डिसएडवांटेजेस
- 10 10 – Bullish Harami Candlestick Pattern का वीडियो
- 11 FAQ ( Bullish Harami Candlestick Pattern in hindi )
- 12 Conclusion ( Bullish Harami Candlestick Pattern in hindi )
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