शेयर बाजार में Current Ratio क्या है / Current Ratio in Hindi

अगर आप किसी कंपनी की शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल पोजिशन जानना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको उस कंपनी का  Current Ratio देखना चाहिए।

Current Ratio kya hota hai, Current Ratio का फार्मूला क्या है, इसका मतलब क्या होता है, यह हम इस लेख में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

दोस्तों मैं आपसे वादा करता हूं कि अगर आपने यह लेख अच्छे से पढ़ लिया तो आपको फिर से “Current Ratio In Hindi” यह सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कंपनी का Current Ratio क्या होता है ( Current Ratio In Hindi )

दोस्तों करंट रेशों एक लिक्विडिटी रेशों है, लिक्विडिटी रेशों हमें कंपनी की शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल पोजिशन बताता है।
लिक्विडिटी रेश्योस में सबसे महत्वपूर्ण Current Ratio होता है।

परिभाषा – कम कालवधी के लिए किसी भी कंपनी की आर्थिक स्थिति का मुआयना बताने वाले रेश्यो को Current Ratio कहा जाता है।

आसान भाषा में हम यह कह सकते हैं कि, करंट रेशों बेसिकली एक लिक्विडिटी रेशों होता है, जो अपने इन्वेस्टर को अंदाजा देता है, कि कोई भी कंपनी अपने करंट एसेट्स से करंट लायबिलिटीज को देने में कितनी सक्षम है।

Current Ratio Formula

Current Ratio in Hindi (Formula)

दोस्तों करंट रेशों का फार्मूला बहुत ही आसान है। लेकिन फॉर्मूला में उपयोग किए गए कॉन्सेप्ट को भी समझ आना चाहिए।

Current Ratio = ( Current Assets / Current Liabilities)

करंट रेश्यो = (करंट एसेट्स / करंट लायबिलिटी)

Current Ratio में Assets क्या होता है

करंट रेशों कैलकुलेट करते समय करंट एसेट्स ऐसे ऐसे रिसोर्स होते हैं, जिनको आप 1 साल के अंदर कंज्यूम कर लेते हैं, या फिर कैश में कन्वर्ट कर लेते हैं।

करंट एसेट्स में यह एसेट्स होते हैं

1) Cash
2) Bank deposit
3) मार्केटेबल सिक्योरिटीज
4) अकाउंट्स रिसिवेबल
5) कुछ इन्वेंटरी हो सकती है।
6) कुछ प्रेप-पेड़ खर्च भी हो सकते हैं।
7) शॉर्ट टर्म लोन और एडवांसेस हो सकते है।

Current Ratio में Liabilities क्या होता है

करंट रेशों निकलते समय सिर्फ उन्ही लायबिलिटी को पकड़ा जाता है, जिन लायबिलिटी को सिर्फ 1 साल के अंदर देना होता है।

करंट लायबिलिटीज नीचे दी गई है

1) अकाउंट payables हो सकते हैं।
2) शॉर्ट टर्म लोन भी हो सकते है।
3) कैश क्रेडिट, या फिर ओवरड्राफ्ट फैसेलिटीज का उपयोग किया हो।
4) किसी कस्टमर से एडवांस लिया हुआ हो सकता है।
5) आपके कुछ आउटस्टैंडिंग खर्च हो सकते हैं।
6) किसी लॉन्ग टर्म लोन की इंस्टॉलमेंट हो सकती है।

Current Ratio कैसे निकाले

किसी भी कंपनी का करंट रेशों कैलकुलेट करना आसान होता है। करंट रेशों निकालने के लिए आपको सिर्फ कंपनी के करंट ऐसेट और लायबिलिटी मालूम होनी चाहिए।

चलिए ऊपर दिए गए फार्मूला की मदद से हम एक उदाहरण लेकर करंट रेशों कैलकुलेट करते हैं।

मान लीजिए कि एबीसी लिमिटेड एक कंपनी है। उसे कंपनी के फाइनेंशियल रिपोर्ट में

1) Current Assets – 3000 करोड़ है

2) Current Liabilities – 2500 करोड़ है

Current Ratio = ( Current Assets / Current Liabilities)

Current Ratio = 3000cr/2500cr

Current Ratio = 1.2

एबीसी लिमिटेड कंपनी का करंट रेशों 1.2 निकल कर आता है। इस तरह करंट रेशों कैलकुलेट किया जाता है।

Current Ratio कितना होना चाहिए

दोस्तों किसी भी कंपनी का करंट रेशों 1 से लेकर 3 के बीच अच्छा माना जाता है। अगर किसी कंपनी की लायबिलिटी बहुत ज्यादा है, और एसेट कम है, तो कंपनी का Current Ratio 1 से कम हो सकता है। और अगर किसी कंपनी की लायबिलिटी बहुत कम है, और एसेट्स बहुत ज्यादा है, तो कंपनी का Current Ratio ज्यादा होता है।

Current Ratio कम या ज्यादा होने से क्या होता है

A) करंट रेशों 1 से कम हुआ तो

1) अगर किसी कंपनी का करंट रेशों 1 से कम होता है, तो कंपनी पर होने वाले शॉर्ट टर्म लोन का लिक्विडिटी रिस्क होता है।

2) अगर कंपनी लोन चुका नहीं पाई तो कंपनी को और फाइनेंशियल असेट्स तैयार करने पड़ते हैं।

3) इस कारण से लिक्विडिटी रिस्क और बढ़ जाता है।

4) इसलिए कंपनी को लॉन्ग टर्म फंड्स उभरने पड़ सकते हैं। लॉन्ग टर्म फंड्स में इक्विटी हो सकती है, या फिर लॉन्ग टर्म के लिए और कर्जा हो सकता है।

B) करंट रेशों 1 से ज्यादा हुआ तो

1) अगर किसी भी कंपनी का करंट रेशों एक से ज्यादा होता है, तो कंपनी अपनी सभी लायबिलिटी को आराम से चुका सकती है।

2) इसीलिए आइडियल करंट रेशों हमेशा 1.33 से ज्यादा होना चाहिए।

3) इसीलिए करंट रेशों हमेशा एक से लेकर तीन के बीच होना चाहिए।

4) लेकिन अगर किसी कंपनी का करंट रेशों 3 से ऊपर होता है, तो इसका यह मतलब होता है कि कंपनी अपने असेट्स का अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर रही है।

FAQ

1) कंपनी का करंट रेशों कितना होना चाहिए?
किसी भी कंपनी का करंट रेशों 1 से 3 के बीच होना चाइए।

2) करंट रेशों का फार्मूला क्या है?
Current Ratio = ( Current Assets / Current Liabilities) यह है।

3) करंट रेशों से हमें क्या पता चलता है?
करंट रेशों से हमें कंपनी की करंट आर्थिक स्थिति का पता चलता है।

Conclusion

दोस्तों इस लेख में हमने करंट रेशों क्या होता है, से कैसे निकाला जाता है आदि विषयों को विस्तार से जानने की कोशिश की है। यह लेख पढ़ने के बाद करंट रेशों के बारे में अगर आपके मन में कोई सवाल उत्पन्न होता है। तो आप नीचे बेझिझक वह सवाल हमसे पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपका सवाल का जवाब दे सके।

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