दोस्तों अगर आप ट्रेडर है, तो आपको यह मालूम होगा कि ट्रेडिंग करते समय टेक्निकल एनालिसिस करना कितना जरूरी होता है। टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए आपको चार्ट पेटर्न पहचाना आना चाहिए। चार्ट पेटर्न की मदद से आप शेयर बाजार में शेयर्स के बदलते प्राइस की भविष्यवाणी कर सकते हैं।
इस लेख में हम Double Bottom Chart Pattern क्या होता है, इस पैटर्न का निर्माण कैसे होता है, यह पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड में एंट्री, टारगेट, स्टॉपलॉस आदि विषयों को विस्तार से जानेंगे।
यह लेख पढ़ने के बाद आपको “Double Bottom Chart Pattern in hindi” यह फिर से पढ़ने की जरूरत नही पड़ेगी।
डबल बॉटम चार्ट पेटर्न क्या है? (Double Bottom Chart Pattern in hindi)
जब शेयर बाजार का ट्रेंड नीचे की तरफ जा रहा होता है, तब लंबे मंदी के ट्रेंड के बाद मार्केट एक लेवल पर सपोर्ट तैयार करता है, और फिर थोड़ा ऊपर नीचे होकर इंग्लिश लेटर W का आकार तैयार करके फिर से ऊपर की तरफ चला जाता है, तब उस पैटर्न को डबल चार्ट पैटर्न कहा जाता है।
यह पैटर्न हमें मार्केट में मंदी का माहौल खत्म होकर तेजी आने का संकेत देता है। पैटर्न को बुलिश रिवर्सल चार्ट पेटर्न भी कहा जाता है।
डबल बॉटम चार्ट पेटर्न की रचना
दोस्तों डबल बॉटम चार्ट पेटर्न की रचना आसान है। इस पैटर्न के रचना समझने के लिए नीचे दिए गए इमेज का सहारा लीजिए।
जब शेयर बाजार में कोई शेयर लगातार नीचे की तरफ जा रहा होता है, यानी कि बाजार में मंदी का माहौल होता है। और यह पैटर्न तैयार होते समय बाजार में लंबा मंदी का ट्रेन होना जरूरी होता है। तब लंबे डाउन ट्रेंड के दौरान एक पहला सपोर्ट लेवल यानी की पहला बॉटम तैयार होता है।
पहला बॉटम तैयार होते समय यह जरूरी होता है कि पिछले डाउन ट्रेंड का वह लोएस्ट लो हो। पहला बॉटम तैयार करने के बाद सपोर्ट लेवल से प्राइस थोड़ा ऊपर की ओर चला जाता है। यह ऊपर की चाल लगभग 10 से 20% हो सकती है।
ऊपर जाने के कुछ समय बाद प्राइस एक रेजिस्टेंस लेवल तैयार करता है। और फिर से रेजिस्टेंस लेवल से प्राइस वापिस से नीचे की तरफ चला जाता है। और फिर से एक दूसरा बॉटम तैयार करता है। दूसरा बॉटम ही दूसरा सपोर्ट लेवल होता है। दूसरा बॉटम पहले बॉटम से तीन प्रतिशत ऊपर नीचे हो सकता है।
दूसरा बॉटम तैयार करने के बाद मार्केट फिर से ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है। और फिर लगातार ऊपर की तरफ ही बढ़ने लगता है। और यह पैटर्न अपना रंग दिखा देता है।
इस प्रकार से इंग्लिश लेटर W के समान दिखने वाला Double Bottom Chart Pattern तैयार होता है।
डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में वॉल्यूम
पहले बॉटम में वॉल्यूम दूसरे बॉटम के तुलना में ज्यादा होता है। जब पहले बॉटम तैयार होने के बाद बाजार ऊपर की तरफ जाता है, तब वापस वॉल्यूम साधारण हो जाता है।
जब दूसरा बॉटम तैयार होता है वहां पर पहले वॉल्यूम कम होता है। जब दूसरा बॉटम तैयार होकर मार्केट फिर से ऊपर की तरफ चला जाता है, तब वॉल्यूम भी बहुत तेजी से बढ़ता है।
डबल बॉटम चार्ट पेटर्न तैयार के नियम
1) डबल बॉटम चार्ट पेटर्न तैयार होते समय कम से कम दो सपोर्ट लेवल यानी कि दो बॉटम तैयार होने चाहिए। ठीक उसी प्रकार से मार्केट में दो रेजिस्टेंस भी तैयार होने चाहिए।
2) दो बॉटम तैयार करने के बाद मार्केट जब इंग्लिश लेटर W की तरह जाकर तैयार करता है तभी यह पैटर्न तैयार हुआ है ऐसा माना जाता है।
3) यह पैटर्न तैयार होते समय दो बॉटम में कम से कम सात आठ कैंडल का अंतर होना चाहिए। अगर इन दो बॉटम्स के बीच में सात आठ कैंडल का अंतर नहीं होता है, तो यह मैटर हमें मजबूती के साथ संकेत नहीं दे पाता।
डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में टाइम फ्रेम
चार्ट पेटर्न टाइम फ्रेम को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। क्योंकि चार्ट पेटर्न लगभग हर एक टाइम फ्रेम में तैयार होते हैं। लेकिन चलिए जानते हैं कि डबल बॉटम चार्ट पेटर्न तैयार होते समय दो बॉटम्स के बीच में कितने कैंडल का गैप होना चाहिए। कौन से टाइम फ्रेम में कितने कैंडल्स होनी चाहिए।
Intraday chart = 7-8 Candlestick
Short term = 3-4 हफ्ते
Medium Term = 3-4 महीने
लॉन्ग टर्म = 1 से 2 साल का अंतर हो सकता है
डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में ट्रेड कैसे करें
हर एक ट्रेडर ट्रेडिंग करते समय एंट्री, एग्जिट और टारगेट यह तीन बातो को बहुत ज्यादा महत्व देता है। क्योंकि इसी बिंदु से समझता है कि आप प्रॉफिटेबल ट्रेडर बनोगे या नहीं। चलिए विस्तार से जानते हैं कि Double Bottom Chart Pattern यह तीन पॉइंट्स कैसे डिसाइड करें।
1) Double Bottom Chart Pattern में एंट्री
Double Bottom Chart Pattern में एंट्री करने के लिए सबसे पहले आपको पहले रेजिस्टेंस लेवल पर एक रजिस्टेंस लाइन तैयार करनी है। इस लाइन को नेक लाइन कहा जाता है।
जब कोई कैंडल नेकलाइन को ब्रेक करके ऊपर की तरफ क्लोज होती है। तब उस कैंडल के आगे तैयार होने वाली कैंडल में हमें एंट्री लेनी है।
2) Double Bottom Chart Pattern में स्टॉपलॉस
दोस्तों हर एक ट्रेडर को स्टॉपलॉस लगाना जरूरी होता है, स्टॉपलॉस आपका नुकसान होने से बचाता है। इसीलिए ट्रेडिंग करते समय हमेशा स्टॉपलॉस का उपयोग करना चाहिए।
डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में हमारा स्टॉपलॉस नेक लाइन को ब्रेक करने वाली कैंडल के लो पॉइंट पर होना चाहिए।
3) Double Bottom Chart Pattern में टारगेट
स्टॉपलॉस लगाने पर आपको टारगेट भी लगाना चाहिए। खुद के मन पर काबू रखने का एक नया उपाय टारगेट लगाना होता है।
डबल बटन चार्ट पेटर्न में टारगेट लगाते समय हमें यह देखना है कि पहले जब ट्रेंड नीचे की तरफ जा रहा था, तब नेक लाइन को ब्रेक करके नीचे जाने वाला पॉइंट और पहले बॉटम के बीच में जितना अंतर होता है। उतने अंतर का हमारा टारगेट एंट्री पॉइंट से ऊपर होना चाहिए।
डबल बॉटम चार्ट पेटर्न के लाभ और नुकसान
ट्रेडिंग करते समय अगर आपने खुद के मन पर काबू नहीं रखा तो आपको चार्ट की पहचान होने के बावजूद भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अगर आपने खुद के मन पर काबू रखें ट्रेडिंग की तो आपको लाभ हो सकता है।
Double Bottom Chart Pattern के लाभ
1) डबल बॉटम चार्ट पेटर्न मार्केट को ऊपर जाने का संकेत देता है। इसीलिए यह पैटर्न दिखाई देने के बाद हम अच्छा प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
2) यह पैटर्न इंग्लिश लेटर W के आकार का होता है इसीलिए इसी पहचानना आसान है।
3) अगर इस पैटर्न की पहचान आप सीख गए तो यह तैयार होने के बाद आप एंट्री पॉइंट, स्टॉपलॉस और टारगेट आसानी से लगा सकते हैं।
4) यह पैटर्न हमें बताता है कि मार्केट में सेलर्स का प्रभाव कम हो गया है, और बायर्स मार्केट में हावी होने वाले हैं।
Double Bottom Chart Pattern के नुकसान
1) इस चार्ट पेटर्न की रचना समझने के बाद भी अगर आपने ट्रेडिंग करते समय खुद के मन पर काबू नहीं रखा तो आपको ओवर ट्रेडिंग नुकसान उठाना पड़ सकता है।
2) यह पैटर्न तैयार होते समय एंट्री और स्टॉप लॉस के बीच 2% के आसपास फर्क होना चाहिए। यह फर्क नही पहचाना तो सोच समझ कर मार्केट में उतरना चाहिए नहीं तो नुकसान हो सकता है।
3) यह पैटर्न मार्केट में तेजी का संकेत देता है, लेकिन अगर आपने शॉर्ट पोजिशन में एंट्री ली तो आपको नुकसान हो सकता है।
4) अगर यह पैटर्न अच्छे से समझ में नही आया और आधे अधूरे नॉलेज पर अपने डायरेक्टली प्रैक्टिकल ट्रेडिंग करना शुरू किया तो नुकसान हो सकता है।
FAQ
1) डबल बॉटम चार्ट पेटर्न क्या है?
जब मार्केट नीचे की तरफ जा रहा होता है, तब लंबे डाउन ट्रेंड में इंग्लिश लेटर W के समान आकार तैयार होकर मार्केट बहुत तेजी से ऊपर की तरफ चला जाता है। तब इस पैटर्न को Double Bottom Chart Pattern कहा जाता है।
2) क्या डबल बॉटम चार्ट पेटर्न बुलिश होता है?
जी हां, डबल बॉटम चार्ट पेटर्न बुलिश होता है।
3) क्या डबल बॉटम चार्ट पेटर्न बेयरिश होता है?
जी नहीं, डबल बॉटम चार्ट पेटर्न बेयरिश नहीं होता है।
4) पॉइंट डबल बटन चार्ट पेटर्न में एंट्री पॉइंट कौन सा होना चाहिए?
जब मार्केट शेयर प्राइस W का आकर तैयार करके रेजिस्टेंस लाइन को ब्रेक करता है, तब अगली तैयार होने वाली कैंडल में एंट्री लेनी चाहिए।
Conclusion
दोस्तों “Double Bottom Chart Pattern in Hindi” इस लेख में हमने डबल बॉटम चार्ट पेटर्न को विस्तार से जानने की कोशिश की है। यह चार्ट पेटर्न क्या होता है और यह तैयार होने के पश्चात किस तरह एंट्री पॉइंट, स्टॉप लॉस और टारगेट फिक्स करना है यह ऊपर बताने की कोशिश की गई है। यह चार्ट पेटर्न सीखने के बाद इसका उपयोग पेपर ट्रेडिंग करते समय करना चाहिए। पेपर ट्रेडिंग करने के बाद कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाने के बाद ही आपको रियल ट्रेडिंग में इसका उपयोग करना चाहिए।
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Contents
- 1 डबल बॉटम चार्ट पेटर्न क्या है? (Double Bottom Chart Pattern in hindi)
- 2 डबल बॉटम चार्ट पेटर्न की रचना
- 3 डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में वॉल्यूम
- 4 डबल बॉटम चार्ट पेटर्न तैयार के नियम
- 5 डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में टाइम फ्रेम
- 6 डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में ट्रेड कैसे करें
- 7 डबल बॉटम चार्ट पेटर्न के लाभ और नुकसान
- 8 FAQ
- 9 Conclusion
1 thought on “Double Bottom Chart Pattern in hindi”