शेयर बाजार में जो लोग नए होते हैं, उनके मन में शुरुआत में हमेशा “Face Value kya hota hai” यह सवाल उत्पन्न होता है।
इसीलिए इस लेख में हम इस सवाल को विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे । और फेस वैल्यू के संबंध में बाकी के सवाल जैसे की, फेस वैल्यू कैसे निकालते हैं, फेस वैल्यू का महत्व क्या है, और किसी शेयर की फेस वैल्यू का क्या उपयोग है।
दोस्तों मैं आपसे वादा करता हूं कि अगर आपने यह लेख अच्छे से पढ़ लिया तो आपको फिर से “Face Value Meaning In Hindi” यह सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Face Value kya hota hai हिंदी में
जब कोई कंपनी शुरू होती है, तब उस समय कंपनी शेयर्स को इशू करती है, और कंपनी उसके शेयर्स को जीस प्राइस पर इशू करती है, उस प्राइस को ही हम कंपनी के शेयर की फेस वैल्यू कहते हैं।
शुरुआती शेयर्स ज्यादातर कंपनी के फाउंडर और प्रमोटर के पास होते हैं। जिसे प्रमोटर और फाउंडर कंपनी के शेयर IPO में बेचकर कंपनी के लिए फंड तैयार करते हैं।
फेस वैल्यू कैसे निकालते हैं
दोस्तों किसी भी कंपनी की फेस वैल्यू निकाली नहीं जाती। क्योंकि फेस वैल्यू को कैलकुलेट करने का कोई फार्मूला नहीं है। फेस वैल्यू कंपनी के प्रमोटर और फाउंडर निर्धारित करते हैं। कंपनी की शेयर की फेस वैल्यू निर्धारित करते समय कोई पैमाना नहीं है।
कंपनी का फाउंडर जितनी चाहिए उतनी फेस वैल्यू निर्धारित कर सकता है। लेकिन ज्यादातर कंपनी की फेस वैल्यू ₹10 के आसपास होती है।
उदाहरण के साथ (फेस वैल्यू कैसे निकालते हैं )
मान लीजिए की राम नाम का एक व्यक्ति है, राम ने एबीसी लिमिटेड एक कंपनी शुरू की है। और पूरी कंपनी को एक लाख शेयर्स में डिवाइड किया है। राम ने कंपनी के हर एक शेर की प्राइस को ₹10 रखा है। तो हम यह कह सकते हैं कि एबीसी लिमिटेड कंपनी की शेर की फेस वैल्यू ₹10 है।
असल में दोस्तों ज्यादातर कंपनियां अपनी फेस वैल्यू को ₹10 ही रखने की कोशिश करती है। क्योंकि इससे कंपनी को कैलकुलेशन करने में आसानी होती है।
Face Value का उपयोग
दोस्तों शेयर बाजार में कंपनी लिस्ट होने के बाद फेस वैल्यू के कई उपयोग होते हैं। उन्हें में से दो बहुत ही महत्वपूर्ण है।
1) प्रीमियम कैलकुलेशन करने के लिए होता है
ऊपर दिए हुए उदाहरण से हम समझ सकते हैं कि, मिस्टर राम अपने शेयर की प्राइस कंपनी के फेस वैल्यू से ज्यादा भी रख सकते हैं।
Premium share price – IPO में लिस्ट होते समय शेयर की प्राइस फेस वैल्यू से जितनी ज्यादा होती है, उसे हम इस शेयर का प्रीमियम कहते है।
Example
जब Dmart ने अपना IPO लाया था, जब उसकी फेस वैल्यू सिर्फ ₹10 थी। लेकिन उसके IPO कि इशू प्राइस यानी कि आईपीओ के समय की शेयर प्राइस 299 रुपए थी।
इसका मतलब यह होता है कि Dmart ने अपने शेयर को IPO में 289 रुपए की शेयर प्रीमियम पर सेल किया था।
इसीलिए IPO में शेयर के प्रीमियम फॉर्मूला –
शेयर प्रीमियम = शेयर प्राइस – फेस वैल्यू
2) डिविडेंड कैलकुलेशन करने के लिए
दोस्तों किसी भी कंपनी के फेस वैल्यू का उपयोग निवेशकों को डिविडेंड देते समय होता है। क्योंकि कोई भी कंपनी निवेशकों को डिविडेंड देते समय फेस वैल्यू को नजर में रखते हुए डेविडेंट देती है।
Example
अगर कोई कंपनी 150% डिविडेंड डिक्लेयर करती है। तो इसका यह मतलब होता है कि कंपनी अपने शेयर के फेस वैल्यू के ऊपर 150% डिविडेंड देने की बात कर रही है। ना की अपने शेयर बाजार में ट्रेड हो रहे शेयर प्राइस पर डेविडेंट देने वाली है।
ऊपर दिए हुए उदाहरण में मिस्टर राम के कंपनी की फेस वाली ₹10 थी, और मान लीजिए कि मिस्टर राम के कंपनी का शेयर स्टॉक मार्केट में ₹50 पर ट्रेड कर रहा है। अगर राम ने एबीसी लिमिटेड कंपनी के निवेशकों को 120% डिविडेंड डिक्लेयर किया। तो इसका मतलब यह होता है कि मिस्टर राम अपने कंपनी के फेस वैल्यू यानी 10 रुपए पर 120% डिविडेंड देने वाली है। यानी की कंपनी हर एक शेयर पर ₹12 डिविडेंड देने वाली है।
डिविडेंड निकालने के लिए नीचे दिया गया फार्मूला का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डिविडेंड = ( फेस वैल्यू * डिविडेंड परसेंटेज )/ 100
Face value kitna hona chahiye
दोस्तों फेस वैल्यू कितनी होनी चाहिए यह निर्धारित करना फाउंडर और प्रमोटर्स का काम होता है। प्रमोटर अपनी मर्जी से कंपनी की फेस वैल्यू कितनी भी निर्धारित कर सकते हैं।
लेकिन ज्यादातर कंपनियों की फेस वैल्यू 10 रुपए के आसपास होती है। कंपनी की फेस वैल्यू ₹10 के आसपास इसीलिए रखी जाती है क्योंकि, अगर कंपनी की फेस वैल्यू ₹10 के आसपास होती है तो उसके साथ कंपनी का शेयर प्रीमियम और डिविडेंड कैलकुलेट करना आसान होता है।
Difference between face value and book value
Face Value | Book Value | |
---|---|---|
1 | कंपनी का IPO लाते समय सबसे पहले कंपनी के प्रमोटर द्वारा निर्धारित की गई शेयर की प्राइस को फेस वैल्यू कहा जाता है। | कंपनी के कुल एसेट्स में से जब लायबिलिटी को घटाया जाता है, तब बचने वाली वैल्यू को बुक वैल्यू कहा जाता है। |
2 | फेस वैल्यू का कोई फार्मूला नहीं होता है। | बुक वैल्यू का फार्मूला बुक वैल्यू = कंपनी assets – लायबिलिटी |
3 | कंपनी के फेस वैल्यू को कंपनी के प्रमोटर तथा फाउंडर निर्धारित करते हैं। | कंपनी की बुक वैल्यू कंपनी के पास होने वाले असेट्स और लायबिलिटी पर निर्धारित होती है। |
4 | यह हमेशा फिक्स होता है, इसे सिर्फ प्रमोटर और फाउंडर बदल सकते हैं। | कंपनी लायबिलिटी और असेट्स में बदलाव होने पर बुक वैल्यू में भी बदलाव होते हैं। |
Difference between face value and market value
Face Value | Market Value | |
---|---|---|
1 | यह एक ऐसी वैल्यू है, जो कंपनी आईपीओ में आने से पहले प्रमोटर और फाउंडर निर्धारित करते हैं। | कंपनी का शेयर स्टॉक बाजार में जिस कीमत पर ट्रेड कर रहा होता है उसकी मत को मार्केट वैल्यू कहा जाता है। |
2 | फेस वैल्यू को प्रमोटर का फाउंडर निर्धारित करते हैं। | मार्केट वैल्यू को मार्केट में ट्रेड कर रहे ट्रेडर्स डिमांड और सप्लाई पर निर्धारित करते हैं। |
3 | यह हमेशा एक समान होती है। इसे सिर्फ फाउंडर और प्रमोटर बदल सकते हैं। | यह डिमांड और सप्लाई के आधार पर काम ज्यादा हो सकती है। |
4 | इसका उपयोग निवेशकों को डिविडेंड देने के लिए किया जाता है। | इसका उपयोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किया जाता है। |
FAQ
1) फेस वैल्यू का क्या मतलब होता है?
जब कंपनी का आईपीओ होता है, तब कंपनी के फाउंडर द्वारा निर्धारित की गई शेयर की वैल्यू को फेस वैल्यू कहा जाता है।
2) फेस वैल्यू 10 का क्या मतलब है?
कंपनी की फेस वैल्यू 10 होना, इसका मतलब यह होता है कि IPO के समय कंपनी के फाउंडर ने कंपनी के शेयर की कीमत 10 रुपए निर्धारित की है।
3) बुक वैल्यू और फेस वैल्यू में क्या अंतर है?
बुक वैल्यू कंपनी के असेट्स और लायबिलिटी पर निर्धारित करती है, फेस वैल्यू कंपनी के फाउंडर और प्रमोटर निर्धारित करते हैं।
4) फेस वैल्यू 10 से 1 का क्या मतलब है?
इसका आसान भाषा में यह मतलब होता है कि ₹10 का शेयर अब 1 रुपए के 10 शेयर्स में डिवाइड किया जाएगा।
Conclusion
दोस्तों इस लेख में हमने Face Value kya hota hai यह विस्तार से जानने की कोशिश की है। Face value meaning hindi में समझने के साथ-साथ हमने इसका उपयोग और महत्व भी जानने की कोशिश की है। इसे कौन निर्धारित करता है, और आईपीओ के समय में इसका क्या महत्व है यह ऊपर बताया गया है।
फेस वैल्यू का उपयोग शेयर का प्रीमियम कैलकुलेट करने में और कंपनी को निवेशकों को डिविडेंड देते समय होता है। शेयर बाजार सीखने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट पर दिए गए बाकी के लेख पढ़ सकते हैं।

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