दोस्तों शेयर मार्केट में हमेशा टेक्निकल एनालिसिस करते समय कैंडलेस्टिक पैटर्न का बड़ा महत्व होता है। कैंडलेस्टिक पैटर्न कई प्रकार के हैं उनमें से एक हैमर कैंडल्स पैटर्न है। हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न को भी टेक्निकल एनालिसिस करते समय बहुत महत्व दिया जाता है। क्योंकि हैमर कैंडलेस्टिक एक बुलिश रिवर्सल पेटर्न है। यह पैटर्न जो ट्रेंड चल रहा है उसे रिवर्स करने का संकेत देता है इसलिए इसे ट्रेन रिवर्सल पैटर्न भी कहते हैं।
अगर इस पैटर्न को सही से पहचाना आ गया तो ट्रेडिंग करते समय लोगों को ज्यादा फायदा होता है। इस लेखन हम हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न का महत्व, पहचान, निर्माण, सीमाएं आदी के बारे में विस्तार से जानेंगे। आखिर में हम हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न को समझने के बाद ट्रेडर की साइकोलॉजी कैसे कार्य करती है इस पर भी चर्चा करेंगे।
इसलिए जानते हैं, Hammer Candlestick Pattern in Hindi क्या होता है।
1 – हैमर कैंडलस्टिक का अर्थ
( Hammer Candlestick Pattern in Hindi )
आसान भाषा में हैमर का अर्थ हथोड़ा होता है। जिंदगी में हम हथौड़े का इस्तेमाल किल को ठोकने के लिए करते हैं।
लेकिन शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस करते समय हथौड़े का इस्तेमाल मार्केट की ट्रेंड के समझने के लिए किया जाता है।
हैमर एक छोटी कैंडल होती है जिसकी बॉडी बहुत छोटी और शैडो लंबी होती है। इस कैंडल में में शैडो का हिस्सा 70 से 80% तक होता है और उसकी बॉडी सिर्फ 20%से 30% की होती है। इस तरह के कैंडल में ऊपरी शैडो कभी-कभी बहुत छोटीसी होती है, या फिर कभी-कभी होती भी नहीं।
चलिए इस एक उदाहरण के साथ समझते हैं।
Abc स्टॉक का OHLC
ओपनिंग प्राइस – 45
क्लोजिंग प्राइस – 48
स्टॉक हा हाय – 39
स्टॉक का लो – 47
बॉडी की टोटल लेंथ = क्लोजिंग प्राइस – ओपनिंग प्राइस
= 47 – 45
= 2
लोअर बॉडी की लेंथ = ओपनिंग प्राइस – लो प्राइस
= 45 – 39
= 6
इस उदाहरण से हमें यह समझता है कि लोअर शैडो की लंबाई लगभग बॉडी के तीन गुना है। इसलिए इसे Hammer Candlestick Pattern कहा जाता है। जिससे हम मार्केट का ट्रेंड समझ सकते हैं।
2 – हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न का निर्माण
( Formation of Hammer candlestick pattern )
मार्केट में जब सेलर्स ज्यादा एक्टिव होते हैं, बेचने वालों ने पूरे मार्केट में दबदबा बनाया हुआ होता है, मार्केट का ट्रेंड नीचे की तरफ होता है, जहां पर मार्केट सपोर्ट लाइन को टच करने वाली होती है, उसे ज्यादा तर उसी समय हमर कैंडीस्टिक पैटर्न का निर्माण होता है।
गिरावट के समय मार्केट में अचानक से खरीदार एक्टिव हो जाते हैं। फिर खरीदार शेयर्स को खरीदना शुरू करते हैं और मार्केट का ट्रेंड बदलकर उसे ऊपर की तरफ ले जाते हैं।
3 – हैमर कैंडलेस्टिक के प्रकार
( Types of Hammer candlestick)
हैमर कैंडलेस्टिक प्रमुखता दो प्रकार पढ़ते हैं ।
1) बुलिश कैंडलेस्टिक हैमर ( Bullish candlestick hammer)
इस पैटर्न में यह दिखाई देता है कि बाजार बंद होने से पहले खरीदार की ताकत अधिक थी। क्योंकि तब क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग प्राइस से ऊपर चला जाता है।
2) बुलिश इनवर्टेड कैंडलेस्टिक हैमर ( Bullish inverted candlestick hammer)
इस प्रकार को भी बुलिश पैटर्न कहते हैं, लेकिन जब यह हैमर तैयार होता है तब बाजार बंद होने से ठीक पहले खरीदारों का दबाव थोड़ा काम हुआ होता है। इस कैंडल में हैमर उल्टा दिखाई देता है। इसलिए इसे इनवर्टेड कैंडलेस्टिक हैमर कहते हैं।
3) बेयरिश कैंडलेस्टिक हैमर ( हैंगिंग मैन)
जब बाजार में ट्रेन ऊपर की तरफ होता है तब यह हैमर ऊपर दिखाई देता है। और बाजार की दिशा बदलकर नीचे की तरफ कर देता है। ज्यादातर ऐसे हैंगिंग मैन के नाम से जाना जाता है।
4 – हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न ट्रेंड का महत्व
( Importance of trend in Hammer candlestick pattern )
टेक्निकल एनालिसिस करते समय हैमर कैंडलेस्टिक का दिखाई देना यानि की बुलिश मार्केट का विजय होने का संकेत दर्शाना है।
हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होने से पहले मार्केट में पूरी तरह से मंदी का माहौल होता है। यानी कि ट्रेंड नीचे की तरफ जा रहा होता है।
हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होने के बाद मंडी का माहौल खत्म होकर, मार्केट में तेजी आने पर संकेत दिख जाते हैं।
इसलिए जिसे कैंडलेस्टिक की अच्छी से पहचान करनी आती है, वह हैमर कांडुश्ती को देखकर अच्छे से मुनाफा कमा सकता है।
5 – हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान
( Recognization of Hammer candlestick pattern )
अगर आपको लगभग सभी कैंडलस्टिक पैटर्न अच्छी जानकारी है, तो आप आसानी से हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान कर सकते हैं।
जब कभी मार्केट रिवर्स ट्रेंड में जा रहा होता है तब एक ऐसे ट्रेड की खोज करें जो बॉटम बनाने की कोशिश कर रहा हो जो लगभग सपोर्ट लेवल के करीब हो।
उस समय नीचे की तरफ जो शेयर ट्रेड कर रहा हो तब उसे ट्रेड के बाटम पर अगर लाल कैंडल की रिकवरी होकर, हैमर जैसी दिखने वाली हरी कैंडल निर्माण हो, जिसकी बॉडी छोटी हो और नीचे वाली शैडो बड़ी हो तब वह कैंडलेस्टिक पैटर्न हैमर थे यह कहा जा सकता है।
इस प्रकार से हर कोई जिसे कैंडलेस्टिक के प्रकारों की जानकारी है वह हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान कर सकता है।
6 – Hammer candlestick pattern में ट्रेड
जब कभी मार्केट डाउन ट्रेंड में जा रहा होता है, तब आपको सबसे पहले बॉटम में हैमर कैंडल को पहचानना है। अगर हैमर कैंडल के बाद अगली कैंडल हरे रंग की निर्माण हो और वह बुलिश कैंडल हैमर कैंडल का लो ब्रेक ना करें तो वहां पर ट्रेड लेने की संभावना होती है, क्योंकि उसे समय हैमर कैंडलेस्टिक पैटर्न तैयार हुआ होता है।
हरे रंग की कैंडल के बाद सारे खरीदार तैयार हो जाते हैं और शेयर्स को खरीदना शुरू करते हैं। इस कारण से मार्केट में मंदी का अंत होकर तेजी शुरू हो जाती है।
7 – Hammer candlestick pattern में स्टॉपलॉस एंड टारगेट
हर एक ट्रेडर को ट्रेड लेने के बाद स्टॉपलॉस और टारगेट लगाना जरूरी होता है। इसी तरह हैमर कैंडलेस्टिक पैटर्न में भी स्टॉपलॉस और टारगेट लगाना चाहिए।
हम इसे एक उदाहरण लेकर समझेंगे।
मान लीजिए की कैंडल का ₹2000 लो है। और इस कैंडल का हाई 2060 है। अगली कैंडल का लो 2040 है और उसका हाय 2058 है। तो फिर इस ट्रेड में टारगेट नीचे दिया गया होना चाहिए।
ट्रेड का टार्गेट =2058 + (2058-2000)
ट्रेड का टार्गेट = 2058 + 58
ट्रेड का टार्गेट = 2116
ऊपर दिए गए उदाहरण में आपको एक टारगेट कैसे लगाना चाहिए जिसका अंदाजा दिया गया है। उसे समझ कर आप
हैमर कैंडलेस्टिक पैटर्न में टारगेट सेट कर सकते हैं।
टारगेट की तरह हमे हैमर कैंडलेस्टिक पैटर्न में स्टॉपलॉस भी लगाना चाहिए, जिससे हमें कम से कम नुकसान उठाना पड़े। हर किसी को अपनी रिस्क और रिवॉर्ड रेशों का मैनेजमेंट करके स्टॉपलॉस लगाना चाहिए।
8 – नोट ( Hammer candlestick pattern )
1) हमर का निर्माण होने के बाद भाव कितना बढ़ेगा इसका आधार विविध सोचो की स्थिति और माध्यम से दीर्घ कालावधी के स्थापित ट्रेंड पर होता है।
2) हैमर की कैंडल तैयार होती है इसका ऐसा अर्थ होता है की मंदी के खिलाड़ी अधिक मंदी करने के प्रयास में असफल हुए हैं और तेजी के खिलाड़ियों के हाथ मजबूत हो रहे हैं।
3) चाहे जिस टाइम होरिजन में हैमर की कैंडल तैयार हुई हो, वह ज्यादातर अच्छा परिणाम देती है। कन्फर्मेशन मिलने के बाद खरीदने से फायदा जरूर होता है।
9 – हैमर कैंडलेस्टिक का डोजी के बीच का फर्क
A) डोजी कैंडलेस्टिक एक अनिश्चित मार्केट का प्रतीक है, डोजी तैयार होने के बाद मार्केट का ट्रेंड कहां जा सकता है यह मार्केट के पिछले ट्रेन पर निर्भर करता है।
मार्केट जब ऊपर जा रहा होता है, वहां पर डोजी तयार हुआ मार्केट नीचे की तरफ आता है।
मार्केट अगर नीचे की तरफ जा रहा होता है और वहां डोजी तैयार होता है तो मार्केट का ट्रेंड ऊपर की तरफ बदल जाता है।
लेकिन हैमर कैंडलेस्टिक में हम में मार्केट हमेशा ऊपर की तरफ ही जाता है।
B) डोजी कैंडलेस्टिक एक छोटी कैंडीस्टिक होती है जिसमें बॉडी ना के बराबर होती है।
लेकिन हैमर मैं कैंडलेस्टिक एक छोटी कैंडल होने के बावजूद ईस्ट कैंडल में 20 से 30%बॉडी दिखाई देती है।
10 – हैमर कैंडलेस्टिक पैटर्न की सीमाएं
यह एक बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न है, लेकिन इस कैंडलेस्टिक पेटर्न कैंडल तैयार होने के बाद मार्केट कितना ऊपर जा सकता है यह कोई नहीं बता सकता।
इसलिए इस कैंडलेस्टिक पेटर्न में भी कुछ सीमाएं है।
हर एक ट्रेडर को ट्रेड करते समय अपना खुद का एनालिसिस करना चाहिए, उसी के दम पर हर कैंडलेस्टिक पेटर्न को पहचानना चाहिए और लालच से दूर रहकर ट्रेड को पूरा करना चाहिए।
11 – Hammer candlestick pattern की साइकोलॉजी
हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न को ट्रेड रिवर्सल पैटर्न कहा जाता है क्योंकि इस पैटर्न में बेचने वालों पर खरीददार हावी हो जाते हैं और नीचे चला गया ट्रेड ऊपर की तरफ फिर से बढ़ाना शुरू कर देता है।
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न शुरू होने से पहले मार्केट में सेलर शेयरों को बेचकर मार्केट नीचे जाने का इंतजार कर रहे होते हैं।
धीरे-धीरे नीचे खिसक रहा होता है, नीचे जाते समय एक लेवल ऐसा आता है कि मार्केट दिन के सबसे लो में चला जाता है।
तब उस समय सभी इंतजार कर रहे खरीददार जागृत हो जाते हैं और हैमर कैंडल को देखकर धड़ाधड़ खरीदना शुरू करते हैं।
खरीदी इतनी बढ़ जाती है कि मार्केट का ट्रेंड रिवर्स हो जाता है। खरीदारों की साइकोलॉजी स्ट्रांग हो जाती है और वह मार्केट को प्रभावित कर उसे ऊपर ले जाते हैं।
12 – ज्यादा जानकारी के लिए यह वीडियो देखे
FAQ ( Hammer Candlestick Pattern in Hindi )
1 – हैमर कैंडल क्या होती है ?
कैंडलेस्टिक पेटर्न में में एक छोटी सी कैंडल होती है, जिसकी बॉडी लोअर शैडो से सिर्फ 20 से 30% होती है। जिसमें छोटी सी अप्पर बॉडी होती है या नहीं भी होती।
2 – स्टॉक में हैमर पैटर्न क्या है?
यह एक रिवर्सल कैंडलेस्टिक पेटर्न है, जो डाउन ट्रेन में तैयार होकर ,मार्केट में मंदी से तेजी लाता है।
3 – कैंडलेस्टिक पेटर्न कितने होते हैं?
कैंडलेस्टिक पेटर्न तीन प्रकार के होते हैं, सिंगल डबल और ट्रिपल कैंडलेस्टिक पैटर्न यह तीन प्रकार होते हैं।
सारांश ( Hammer Candlestick Pattern in Hindi )
मेरे प्रिय दोस्तों आज हमने इस आर्टिकल में सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न का एक उप प्रकार हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न को विस्तार से समझने की कोशिश करी है। इसमें हमने हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न कैसे तैयार होता है, उसे कैसे पहचाना चाहिए, उसके पीछे की साइकोलॉजी क्या है, उसमें ट्रेड कब करना चाहिए इसके बारे में जानकारी ली। लेकिन अगर आपको “Hammer Candlestick Pattern in Hindi” इस आर्टिकल में किसी भी प्रकार का डाउट हो तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते है। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपके सवालों का हल निकल सके।

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Contents [hide]
- 1 1 – हैमर कैंडलस्टिक का अर्थ
- 2 ( Hammer Candlestick Pattern in Hindi )
- 3 2 – हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न का निर्माण
- 4 ( Formation of Hammer candlestick pattern )
- 5 3 – हैमर कैंडलेस्टिक के प्रकार
- 6 ( Types of Hammer candlestick)
- 7 4 – हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न ट्रेंड का महत्व
- 8 ( Importance of trend in Hammer candlestick pattern )
- 9 5 – हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान
- 10 ( Recognization of Hammer candlestick pattern )
- 11 7 – Hammer candlestick pattern में स्टॉपलॉस एंड टारगेट
- 12 8 – नोट ( Hammer candlestick pattern )
- 13 9 – हैमर कैंडलेस्टिक का डोजी के बीच का फर्क
- 14 10 – हैमर कैंडलेस्टिक पैटर्न की सीमाएं
- 15 11 – Hammer candlestick pattern की साइकोलॉजी
- 16 12 – ज्यादा जानकारी के लिए यह वीडियो देखे
- 17 FAQ ( Hammer Candlestick Pattern in Hindi )
- 18 सारांश ( Hammer Candlestick Pattern in Hindi )
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