दोस्तों भारत एक तेजी से आगे बढ़ने वाला देश है। भारत की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेज आगे बढ़ने वाली इकोनामी है। इस वजह से भारत का शेयर मार्केट भी सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला मार्केट है।
इसलिए सभी भारतीयों को शेयर मार्केट सीखना चाहिए। शेयर मार्केट सीखते समय आपको बेसिक कैंडलेस्टिक प्रकारों का नॉलेज होना जरूरी है। इस लेख में हम मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न के बारे में जानेंगे।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पैटर्न कैसे तैयार होता है, उसकी पहचान, उसके पीछे की साइकोलॉजी, उसका महत्व आदि विषयों पर हम इस आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करेंगे।
अगर आपने आर्टिकल अच्छे से पूरा पढ़ लिया तो आपको फिर से “Morning Star Candlestick Pattern In Hindi” यहां सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है (Morning Star Candlestick Pattern In Hindi)
यह एक ट्रिपल कैंडलेस्टिक पेटर्न है, जो तीन कैंडल्स को संयुक्त रूप में मिलाकर तैयार होता है।
जब ट्रेंड नीचे की तरफ होता है तब पहली बड़ी बेयरिश कैंडल तैयार होती है, उसके बाद गैप डाउन ओपनिंग होकर दूसरी छोटी बॉडी वाली बेयरिश कैंडल तैयार होती है, आखिर में तीसरी कैंडल बड़ी बुलिश होती है तब इन तीन कैंडल्स को संयुक्त रूप में मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है।
तीसरी बुलिश कैंडल जितनी बड़ी होगी उतना ही मजबूत संकेत मिलता है की मार्केट अब नीचे से ऊपर की तरफ जाने वाला है।
आसान भाषा में हम यह कह सकते हैं कि, जब मार्केट नीचे की तरफ होता है तब तीन कैंडल तैयार होती है, जिसमें से पहले दो बेरिश कैंडल होती है और तीसरी बुलिश कैंडल होती है। बीच वाली कैंडल छोटी स्टार जितनी होती।
है यह कैंडलेस्टिक पेटर्न मार्केट नीचे से ऊपर की तरफ जाने का संकेत देता है इसलिए इस कैंडलेस्टिक पैटर्न को बुलिश रिवर्सल कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है।
दोस्तों कैंडलेस्टिक पेटर्न की खोज एक जापानी व्यापारी होम्मा मुनेहिसा ने की थी। उस समय जापानी व्यापारी इसका उपयोग व्यापार में करते थे। धीरे-धीरे इस कैंडलेस्टिक प्रकारों का उपयोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय किया जाने लगा।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न की संरचना और निर्माण (Morning Star Candlestick Pattern In Hindi)
दोस्तों चलिए विस्तार से जानते हैं कि इसका मॉर्निंग स्टार प्रकार का निर्माण और संरचना कैसी होती है।
1) कैंडल्स
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक प्रकार में कुल मिलाकर तीन कैंडल्स होती है।
2) बॉडी
पहली कैंडल बड़ी बेयरिश होती है। जिसकी बॉडी बड़ी और लाल रंग की तैयार होती है।
दूसरी कैंडल छोटी बेयरिश तैयार होती है। जिसकी बॉडी शैडो से छोटी होती है।
तीसरी कैंडल बड़ी बुलिश तैयार होती है। जिसकी बॉडी पहले बेयरिश कैंडल से लगभग बराबर या उससे बड़ी होती है।
3) शैडो
इस कैंडलेस्टिक प्रकार में पहले कैंडल को और तीसरे कैंडल को ज्यादा बड़ी शैडो नहीं होती है।
लेकिन दूसरी छोटी तैयार होने वाली कैंडल उसकी शैडो बॉडी से बड़ी होती है।
4) निर्माण
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न डाउन ट्रेंड में तैयार होता है। इसीलिए इसका निर्माण हमेशा सपोर्ट लेवल पर दिखाई देता है।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न का शेयर मार्केट में अर्थ
मॉर्निंग का मतलब सुबह होता है । और स्टार का मतलब तारा होता है। लेकिन शेयर मार्केट में मॉर्निंग स्टार का मतलब कुछ अलग होता है।
ऊपर दिखाए गए इमेज में आप देख सकते हैं कि डाउन पैटर्न के लिए हमने रेड कैंडल दिखाई है। बीच में स्टार के लिए एक छोटी रेड कैंडल दिखाई है। और ऊपर जाते हुए ट्रेंड के लिए एक बड़ी बुलिश कैंडल दिखाई है।
इन तीनों कैंडल्स का एक साथ निर्माण होकर यह कैंडलेस्टिक पैटर्न तैयार होता है।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान (Morning Star Candlestick Pattern identification)
कैंडलेस्टिक पेटर्न का उपयोग करने के लिए आपको पैटर्न की पहचान होना जरूरी होता है। तो चलिए जानते कि इस कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान कैसे करें।
1) ट्रेंड को समझे
कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान करने से पहले आपको ट्रेंड किस तरफ जा रहा है इसकी पहचान करनी है। जब ट्रेंड नीचे की तरफ जा रहा होता है तभी इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का निर्माण होता है। इसलिए सबसे पहले ट्रेंड को पहचान।
2) कंफर्मेशन करें
ट्रेंड को पहचानने के बाद आपको कंफर्म करना है कि इस कैंडलेस्टिक पेटर्न में तीन कैंडीस्टिक है या नहीं। पहली बड़ी बेयरिश कैंडल होनी चाहिए। दूसरी छोटी बेयरिश कैंडल होनी चाहिए, और तीसरी बड़ी बुलिश कैंडल होनी चाहिए।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न का महत्व (Morning Star Candlestick Pattern Importance)
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न किस समय और कौन से ट्रेंड में तैयार होता है उसे पर स्कैंडलिस्टिक पैटर्न का महत्व निर्भर करता है।
इस कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान करने के बाद आपने इसका अच्छे से उपयोग किया तभी इसका फायदा उठा सकते हैं।
इस कैंडलेस्टिक पेटर्न को सभी महत्व दिया जाता है जब ट्रेंड नीचे की तरफ जा रहा होता है। सपोर्ट लेवल पर निर्माण होने के बाद इस कैंडलस्टिक पैटर्न का महत्व बढ़ जाता है।
लेकिन कभी कभार आपको मार्केट के अनिश्चित बर्ताव को ऑब्जर्व करके सावधानी से ट्रेड लेना चाहिए।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न में ट्रेड कब करें (Morning Star Candlestick Pattern Trading)
यह पैटर्न तैयार होने के बाद आपको लेना चाहिए इसकी भी समझ होना जरूरी है। क्योंकि सिर्फ पैटर्न को पहचाना काफी नहीं होता है। आपको कोशिश करनी चाहिए कि इस पैटर्न को पहचानने के बाद इसका उपयोग सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग करते समय किया जाए।
चलिए जानते हैं कि यह पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड कब लेना चाहिए।
1) ट्रेड लेने से पहले आपको ट्रेंड किस तरफ जा रहा है इसकी पहचान होनी चाहिए। जब मार्केट डाउन ट्रेन में जा रहा होता है तब इस पैटर्न का निर्माण होता है।
2) ट्रेंड को कंफर्म करने के बाद आपको पैटर्न में तीन कैंडल्स तैयार हुई है या नहीं इसको कंफर्म करना है। पहले दो कैंडल्स बेयरिश होनी चाहिए। जिसमें दूसरी कैंडल छोटी हो होनी चाहिए। तीसरी कैंडल बड़ी बुलिश होनी चाहिए।
3) यह पैटर्न दिखाई देने के बाद आपको इंट्री और एग्जिट पॉइंट कंफर्म कर लेने हैं। जिससे आपको ज्यादा नुकसान होने की संभावना कम हो जाती है।
4) ट्रेड पूरा होने पर आपको खुद का मूल्यांकन करना है। अगर ट्रेड में फायदा हुआ तो अच्छी बात है। लेकिन अगर ट्रेड में नुकसान उठाना पड़ा है, तो नुकसान होने के कौन से कारण है उन्हें ढूंढ कर और खुद के मन पर काबू रखकर उन कारणों पर काम करना है।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न स्टॉपलॉस और टारगेट (Morning Star Candlestick Pattern Stoploss and Target)
स्टॉपलॉस लगाने में हर एक ट्रेंड को ध्यान देना चाहिए। क्योंकि स्टॉप लॉस एक ऐसा जरिया है जिससे हम हमारा नुकसान कम से कम कर सकते हैं। शुरुआती नए ट्रेडर्स को तो स्टॉपलॉस लगाना और टारगेट अनिवार्य है।
आप स्टॉपलॉस और टारगेट की प्रैक्टिस पेपर ट्रेडिंग में कर सकते हैं।
चलिए एक उदाहरण से जानते ही थे स्टॉपलॉस और टारगेट कैसे लगाना चाहिए।
1) मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न में टारगेट
दोस्तों मान लीजिए की जब ट्रेंड नीचे जा रहा था तब आपको यह मॉर्निंग स्टार पेटर्न सपोर्ट लेवल पर दिखाई देता है। उस मॉर्निंग स्टार पेटर्न में –
पहले बड़ी बेयरिश का,
हाई प्राइस – 800
लो प्राइस – 760
उसके बाद दूसरी छोटी बेयरिश कैंडल का,
हाई प्राइस – 758
लो प्राइस – 742
आखरी और तीसरी बड़ी बुलिश कैंडल का,
हाई प्राइस – 788
लो प्राइस – 764
जब चौथी बुलिश कन्फर्मेशन कैंडल तीसरी कैंडल का हाय ब्रेक कर देती है तब आप एंट्री ले सकते हैं
आपका टारगेट = एंट्री point + ( एंट्री पॉइंट – मॉर्निंग स्टार कैंडल लो )
आपका टारगेट = 788 + ( 788 – 742 )
आपका टारगेट = 788 + 46
आपका टारगेट = 834 पर होना चाइए।
सबसे पहले आपको इस कैंडलेस्टिक पेटर्न को पेपर ट्रेडिंग करते समय आजमाना चाहिए। जब आपका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ जाता है तब आप टारगेट लेवल भी बढ़ा सकते हैं।
2) मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न मे स्टॉपलॉस
में सबको हमेशा कहता हूं कि आपको ट्रेडिंग करते वक्त हर एक ट्रेड में स्टॉप लॉस लगाना चाहिए। ऊपर दिए गए उदाहरण में आपका स्टॉपलॉस 740 पर होना चाहिए।
आप रिस्क एंड रीवार्ड रेशों मैनेज करके प्रेक्टिस करने के बाद, खुद का अनुभव बढ़ाने के बाद स्टॉप लॉस बढ़ा सकते हैं।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न की साइकोलॉजी (Morning Star Candlestick Pattern Psychology)
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होने के बाद मार्केट नीचे से ऊपर की तरफ जाता है। मार्केट नीचे से ऊपर की तरफ जाने के लिए ट्रेडर्स की साइकोलॉजी में हुआ बदलाव करण होता है।
इसलिए हम जाएंगे हैं कि बायर्स और सेलर्स के साइकोलॉजी में क्या बदलाव होता है।
1) मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होने से पहले मार्केट में सेलर्स का प्रभाव होता है। सेलर लोग मार्केट में बड़े लेवल पर बिक्री करने के कारण मार्केट नीचे की तरफ लाए हुए होते हैं।
लेकिन यह पैटर्न दिखाई देने के बाद वह बिक्री करना कम कर देते हैं।
2) सपोर्ट लेवल पर यह पैटर्न नजर आने पर बायर्स लोगों में उत्साह बढ़कर वह बड़े लेवल पर खरीदी शुरू कर देते हैं। इस कारण से मार्केट नीचे से ऊपर की तरफ जाने लगता है।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न Advantage and Disadvantage
शेयर मार्केट में हर एक कैंडलेस्टिक पेटर्न के दो पहलू होते हैं। अगर आपको अच्छा अनुभव है तो आप यहां से फायदा उठा सकते हैं, या फिर खुद के मन पर काबू में होने के कारण नुकसान भी उठा सकते हैं।
A) एडवांटेज
अगर आपने इस पैटर्न को को अच्छे से पहचान लिया तो आप इसेके एडवांटेज उठा सकते हैं।
1) रिवर्सल संकेत
हमें यह पैटर्न मार्केट नीचे से ऊपर की तरफ जाने का संकेत देता है। इस कारण से हमें बुलिश रिवर्सल संकेत मिलता है।
2) दृष्टिकोण
यह पैटर्न तैयार होने के बाद सेलर्स और बायर्स के दृष्टिकोण में बदलाव होने के कारण मार्केट के ट्रेंड में चेंज होकर मार्केट की दिशा बदल जाती है।
3) मल्टीपल टाइम फ्रेम
यह पैटर्न हमें मल्टीप्ल टाइम फ्रेम में दिखाई देता है। अगर इसकी पहचान अच्छे से करना आ जाए तो हम इसे सभी टाइम पर मैं उपयोग कर सकते हैं।
B) डिसएडवांटेजेस
यह पैटर्न पहचान आने के बाद भी अगर आपने खुद के मन पर काबू नहीं रखा तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
1) गलत संकेत
इस पैटर्न को आपने सही ट्रेंड में पहचाना नहीं तो आपको गलत संकेत मिल सकता है। इसलिए आपको सही ट्रेंड का और सही समय का इंतजार करना चाहिए।
2) रिस्क और रिवॉर्ड रेशों
हर एक ट्रेडर मार्केट में रिस्क एंड रीवार्ड रेशों मैनेज करने के बाद ट्रेडिंग करनी चाहिए। नहीं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न का वीडियो देखें
FAQ (Morning Star Candlestick Pattern in hindi)
1) मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है?
यह एक ट्रिपल कैंडलेस्टिक पेटर्न है जिसमें डाउन ट्रेंड में सपोर्ट लेवल पर दो बेयरिश और एक बुलिश कैंडल तैयार होती है।
2) कैंडलेस्टिक आपको क्या बताता है?
कैंडलेस्टिक हमें मार्केट किस तरफ जाने वाला है इसकी जानकारी देता है।
3) कौन सी कैंडलेस्टिक खरीदने का संकेत देती है?
ज्यादातर मार्केट में बुलिश कैंडलेस्टिक खरीदने का संकेत देती है। लेकिन यह पूरी तरह से फिक्स नहीं होता कि हर एक बुलिश कैंडल दिखाई देने के बाद खरीदना सही है।
4) मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न कब तैयार होता है?
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न जब ट्रेंड डाउन की तरफ जा रहा होता है तब सपोर्ट लेवल पर तैयार होता है।
5) मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न में कितने कैंडल्स होती है?
इस कैंडलेस्टिक प्रकार में दो बेयरिश और एक पुलिस बेयरिश होती है। कुल मिलाकर तीन कैंडल्स होने के कारण इसे ट्रिपल कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है।
Conclusion (Morning Star Candlestick Pattern in hindi)
इस आर्टिकल में हमने मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश की है। यह कैंडलेस्टिक पेटर्न कब और कौन से ट्रेंड में तैयार होता है, इसकी पहचान करने के बाद ट्रेड कब लेना चाहिए आदि विषयों पर हमने विस्तार से चर्चा की है।
अगर आपको शेयर मार्केट सीखना है तो इन कैंडलेस्टिक प्रकारों को आपको जानना जरूरी है। ऊपर दिए गए तांत्रिक पैटर्न को सीखने के बाद इसका उपयोग आपको पेपर ट्रेडिंग करते समय करना चाहिए। और बाद में धीरे-धीरे आपको कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाने के बाद रियल ट्रेडिंग में कैसे उपयोग में लाना चाहिए।
बाकी के कैंडलेस्टिक प्रकारों को विस्तार से जानने के लिए, आप हमारे एक वेबसाइट पर दिए गए बाकी कैंडीस्टिक प्रकारों के आर्टिकल्स पढ़ सकते हैं। अगर आपके मन में इस कैंडलेस्टिक प्रकार के बारे में कुछ सवाल उत्पन्न होते हैं तो आप बेझिझक नीचे पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपके सवालों का उत्तर दे सके।
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Contents
- 1 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है (Morning Star Candlestick Pattern In Hindi)
- 2 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न की संरचना और निर्माण (Morning Star Candlestick Pattern In Hindi)
- 3 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न का शेयर मार्केट में अर्थ
- 4 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान (Morning Star Candlestick Pattern identification)
- 5 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न का महत्व (Morning Star Candlestick Pattern Importance)
- 6 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न में ट्रेड कब करें (Morning Star Candlestick Pattern Trading)
- 7 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न स्टॉपलॉस और टारगेट (Morning Star Candlestick Pattern Stoploss and Target)
- 8 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न की साइकोलॉजी (Morning Star Candlestick Pattern Psychology)
- 9 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न Advantage and Disadvantage
- 10 मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न का वीडियो देखें
- 11 FAQ (Morning Star Candlestick Pattern in hindi)
- 12 Conclusion (Morning Star Candlestick Pattern in hindi)
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