शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस को बहुत महत्व दिया जाता है। उसी के साथ टेक्निकल एनालिसिस करते समय Pivot point kya hota hai यह समझना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि pivot point टेक्निकल इंडिकेटर का ही एक रूप है।
Pivot Point के मदद से आप आने वाले अगले दिन के सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को आसानी से जान सकते हैं। इसीलिए इंट्राडे ट्रेड के लिए Pivot Point बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि इन पॉइंट्स के मदद से आपको यह पता चलता है कि कब खरीदी और बिकवाली करनी है। तो चलिए जानते हैं कि Pivot Point kya hota hai और यह कैसे बनता है।
पीवोट पॉइंट क्या होता है ( Pivot Point kya hota hai)
पीवोट पॉइंट एक ऐसा लेवल होता है, जिस पर आकर बाजार अपनी दिशा बदलता है। दोस्तों पीवोट पॉइंट हर दिन अलग-अलग होता है। इसे हम बाजार का केंद्रबिंदु भी कह सकते हैं। क्योंकि बाजार हमेशा पीवोट पॉइंट के हिसाब से ही ऊपर नीचे चलता है।
जिस प्रकार घड़ी की तीनों कटे एक केंद्र बिंदु पर टिके होते हैं, ठीक उसी प्रकार से शेयर बाजार का पूरा मोमेंटम पीवोट पॉइंट के ऊपर केंद्रित होता है।
पोवोट पॉइंट कैसे बनता है?
दोस्तों पीवोट पॉइंट लेवल को बनाने के लिए तीन बिंदु की जरूरत होती है । हाई, लो और क्लोज इन प्वाइंट्स की जरूरत होती है।
कैंडल के हाई, लो और क्लोज आपको सामान्य अंकगणितीय सूत्र के आधार पर आने वाले दिन का Pivot Point kya hai यह बता सकता है।
लेकिन दोस्तों पीवोट पॉइंट को जानने के लिए उसकी गणितीय जटिलता को जानने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि जो आपका ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर होता है उसमें उसमें यह इंडिकेटर पहले से अंकित होता है। यह इंडिकेटर लगाने के बाद वह आपको डायरेक्टली पीवोट पॉइंट लेवल को दिखता है।
लेकिन फिर भी अगर आपको उसे कैलकुलेट करना है तो नीचे उसका फार्मूला दिया गया है।
Pivot point (PP) = (High+Low+Close)/3
इस फार्मूले की मदद से आप अगर आपको आने वाले कल का पीवोट पॉइंट लेवल निकालना है तो आपको आज के हाई, लो और क्लोज प्राइस को जोड़कर इन तीनों को 3 का भाग दे दीजिए। तब जो उत्तर आता है वह आपका आने वाले कल का पीवोट पॉइंट होता है।
First resistance (R1) = (2xPP)-Low
First support (S1) = (2xPP)-High
Second resistance (R2) = PP+(High-Low)
Second support (S2) = PP-(High-Low)
Third resistance (R3) = High+2(PP-Low)
Third support (S3) = Low-2(High-PP)
इसी प्रकार से आप इस पूरे फार्मूले के मदद से ऊपर नीचे तीन सपोर्ट लेवल और रेजिस्टेंस लेवल को निकाल सकते हैं। लेकिन यह सब आपको खुद निकालने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आपके सॉफ्टवेयर में यह आपको आसानी से मिल जाएगा। इस फार्मूले के मदद से आप Pivot Point निकाल सकते है।
पीवोट पॉइंट लेवल में महत्वपूर्ण बातें
1) अगर आप कल का पीवोट पॉइंट लेवल हासिल करना चाहते हैं, तो आपको आज के कैंडल के हाई , लो और क्लोज प्राइस का उपयोग करना है।
2) अगर आपको अगले हफ्ते का पीवोट पॉइंट निकालना है तो आपको इस हफ्ते का हाई, लो और क्लोज प्राइस के कैंडल का उपयोग करना चाहिए।
3) इसी प्रकार से अगर आपको अगले महीनेका पीवोट पॉइंट जानना है, तो आपको इस महीने के पूरे होने के बाद हाई, लो और क्लोज प्राइस के कैंडल का उपयोग करना चाहिए।
4) दोस्तों अगर आप खुद pivot point level निकालना चाहते हैं, तो एक बात का ध्यान हमेशा रखें जब मार्केट क्लोज होता है, तभी पीवोट पॉइंट लेवल निकालना चाहिए। क्योंकि जब तक मार्केट क्लोज नहीं होता है, तब तक आपको सटीक क्लोज प्राइस नहीं मिलता है।
5) अगर आपका क्लोज प्राइस ठीक नहीं होता है, तो आपका निकला हुआ पीवोट पॉइंट भी सटीक नहीं हो सकता है। इसीलिए पीवोट पॉइंट निकलने से पहले वीकली और मंथली कैंडल को पूरा होने दीजिए। और कैंडल क्लोज होने के बाद ही पीवोट पॉइंट निकालिए।
पीवोट पॉइंट लेवल (Pivot point level in Hindi)
दोस्तों पीवोट पॉइंट निकालने के बाद या फिर चार्ट में देखने के बाद पीवोट पॉइंट के ऊपर और नीचे कुछ लेवल्स दिखाई देंगे। नीचे दिए गए चित्र में आप उन्हें देख सकते हैं।
पीवोट पॉइंट के ऊपर R1, R2, R3 यह लेवल्स से दिखाई देगे। और नीचे की तरफ S1, S2, और S3 यह लेवल दिखाई देंगे। पीवोट पॉइंट के ऊपर के लेवल R1, R2, R3 रेजिस्टेंस 1, रेजिस्टेंस 2 और रेजिस्टेंस 3 को दर्शाते हैं। और नीचे के S1, S2, और S3 लेवल सपोर्ट 1, सपोर्ट 2 और सपोर्ट 3 को दर्शाते हैं।
पीवोट पॉइंट लेवल कैसे काम करता है
Pivot Point kya hota hai और यह कैसे बनता है, यह जानने के बाद चलिए जानते हैं, कि यह कैसे काम करता है।
दोस्तों Pivot Point का उपयोग करके ट्रेडिंग करना सबसे आसान होता है। मार्केट अगर पीवोट पॉइंट के ऊपर की तरफ खुलता है, तो उसे दिन तेजी की संभावना 80% होती है। इसी प्रकार से अगर मार्केट पीवोट पॉइंट के नीचे खुलता है, तो उस दिन मंदी की संभावना भी 80% होती है।
पीवोट पॉइंट का यही एक महत्व है कि अगर मार्केट पीवोट पॉइंट के ऊपर की तरफ खुलता है, तो उस दिन खरीदी करे। और अगर प्राइस इस बिंदु के नीचे खुलता है, तो उसे दिन बिकवाली करनी चाहिए।
पीवोट पॉइंट लेवल के कुछ तथ्य ( Pivot point in Hindi)
1) दोस्तों जब बाजार पीवोट पॉइंट के ऊपर खुलता है और तेजी के साथ R2 और R3 के ऊपर जब बाजार निकल जाता है, तब बाजार ओवर बॉट हुआ है ऐसा कहा जाता है। लेकिन इस बिंदु के ऊपर बाजार चले जाने के बाद हम बिकवाली नहीं कर सकते हैं। क्योंकि जब बाजार में अपर सर्किट लगते हैं वह R2 या R3 के ऊपर जाकर ही लगते हैं।
2) इसीलिए एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि R2 और R3 के ऊपर बाजार आपको ओवर बॉट दिखता है, ना कि बिकवाली करने की कन्फर्मेशन देता है।
3) इसीलिए आपको खरीदी करते समय Pivot point और R1 के बीच में ही खरीदी करनी चाहिए।
4) ठीक उसी प्रकार से S2 और S3 के नीचे बाजार जाने के बाद उसे ओवर सोल्ड कहा जाता है। और वहां पर लोअर सर्किट लगते हैं।
5) इसीलिए इस बात का ध्यान रखना है कि S3 के नीचे जाने के बाद बाजार आपको ओवरसोल्ड लगता है, लेकिन वह आपको खरीदी करने का कोई भी संकेत नहीं देता है।
6) बिकवाली करते समय आपको pivot point और S1 के बीच में ही बिकवाली करनी चाहिए। यही अच्छा होता है।
FAQ
1) ट्रेडिंग में पीवोट पॉइंट क्या होता है?
टेक्निकल एनालिसिस करते समय पीवोट पॉइंट ऐसा बिंदु होता है, जहां से बाजार की दिशा निर्धारित होती है। इस बिंदु के मदद से आप आने वाले कल के सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल निकाल सकते हैं।
Conclusion
दोस्तों इस लेख में हमने Pivot point kya hota hai यह विस्तार से जानने की कोशिश की है। उसी के साथ यह कैसे बनता है और अगर आपको खुद इसे निकालना है, तो आप कैसे निकाल सकते हैं? यह बताने की कोशिश की है।
पीवोट पॉइंट दिखाई देने के बाद ट्रेड में कब और किस तरफ एंट्री लेनी है यह भी बताया गया है। Pivot point in Hindi यह लेख पढ़ने के बाद आपको इसका उपयोग सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग करते समय करना चाहिए। बाद में उपयोग का रियल ट्रेडिंग करते समय कर सकते।
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