दोस्तों शेयर मार्केट में शुरुआती नए ट्रेडर्स के मन में बहुत सारे सवाल आते हैं। उन्हें सवालों में से एक price action kya hota hai यह सवाल है । शुरुआती समय में कुछ ऐसे भी सवाल आते हैं की प्राइस एक्शन किससे रिलेटेड होता है?
प्राइस एक्शन – पैटर्न, कैंडलेस्टिक, ट्रेड लाइन, वॉल्यूम इन सभी में से किससे रिलेटेड होता है। इस लेख में हम इसकी विस्तार से चर्चा करेंगे। ट्रेडिंग करते समय प्राइस एक्शन का उपयोग कैसा करना है, इसके बारे में भी हम जानने की कोशिश करेंगे।
अगर आपने यह आर्टिकल अच्छे से पूरा पढ़ लिया तो आपको फिर से price action trading in hindi यह सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Price action kya hota hai
Price का अर्थ “कीमत” होता है और Action का अर्थ हलचल (बदलाव) होता है। समय के साथ शेयर बाजार में शेयर के कीमत में जो बदलाव होता है उसे प्राइस एक्शन कहते है।
आसान भाषा में इसका यह मतलब होता है कि आज से कुछ साल पहले, कुछ महीने पहले, कुछ दिन पहले या फिर कुछ घंटे पहले अगर भाव में कुछ ऐतिहासिक बदला हुआ है, जो बदलाव आपको चार्ट पर दिख रहा है। उसके आधार पर आप जो एनालिसिस करते है, और यह जानने की कोशिश करते है कि आगे क्या हो सकता है उसे प्राइस एक्शन कहा जाता है।
Price action trading करना सीखे
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में काफी सारी चीज आती है, लेकिन price action trading in hindi में सीखने के लिए हम आपको संक्षेप में 5- 6 स्टेप्स में सीखने की कोशिश करेंगे।
1) High and low analysis
शुरुआत में जो ट्रेंड मार्केट में प्राइस एक्शन सीखना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले high और low एनालिसिस सीखना चाहिए। शेयर बाजार में आप कोई सा भी स्टॉक देखिए, उन सभी स्टॉक में से कौन सा भी स्टॉक एक ही तरीके से ऊपर नहीं जाता है। यह स्टॉक बहुत बार high बनाते हैं, low बनाते हैं। बहुत बार अपने पुराने high को तोड़ा है, बहुत बार अपने पुराने low को तोड़ा है।
इन सभी स्टॉक के high and low को एनालिसिस करके सभी ट्रेडर्स अपना एक्शन लेते हैं। इसीलिए सबसे पहला स्टेप आपके लिए यह होगा की इंडिकेटर को देखे बिना, मूविंग एवरेज को देखे बिना, ब्रेक आउट को देखे बिना आपको सबसे पहले चार्ट खोले । और चार्ट खोलने के बाद देखना है कि किस प्रकार से प्राइस के मूवमेंट रिएक्ट करते हैं, जब कोई स्टॉक अपना रिसेंट high तोड़ता है, weekly high तोड़ता है, मंथली हाई थोड़ा है । इस सभी को आपको चार्ट पर एनालिसिस करना है। इसीलिए पहला स्टेप आपका सिंपल है, जितने हो सके उतने चार्ट देखने हैं।
आपके लिए एक टिप है, हो सके तो बहुत कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक और बहुत कम वॉल्यूम वाले स्टॉक को अवॉइड करना है। शुरुआत में आपको केवल निफ्टी 100 स्टॉक पर नजर रखनी है।
2) कैंडलिस्टिक पैटर्न के बारे में समझे
जापानी लोगों ने इन कैंडलेस्टिक पेटर्न की खोज की है। कि यह कैंडलेस्टिक पेटर्न ट्रेडिंग करते समय बहुत ही फायदेमंद है। आज भी लगभग बहुत सारे ट्रेड इसका उपयोग करके।
प्राइस एक्शन का कैंडलेस्टिक एक बहुत ही अहम कड़ी होती है। किस प्रकार से एक बुलिश कैंडल बन रही है। किस प्रकार से एक बेयरिश कैंडल बन रही है। वॉल्यूम का वहां पर क्या असर हो रहा है। यह सारी चीजों का आपको ध्यान रखने की कोशिश करनी चाहिए।
अगर हो सके तो price action kya hota hai यह जानने से पहले आपको बेसिक कैंडलेस्टिक की पहचान होनी चाहिए। नीचे लगभग सभी कैंडलेस्टिक पैटर्न की लिस्ट देने की कोशिश की है।
1 ) Marubozu Candlestick Pattern
2) Hammer candlestick pattern
3) Inverted Hammer Candlestick Pattern
4) Hanging Man Candlestick Pattern
5) Shooting Star Candlestick Pattern
6) Doji Candlestick Pattern
7)Engulfing Candlestick Pattern
8)Harami Candlestick Pattern
9)Piercing Candlestick Pattern
10)Dark Cloud Cover Candlestick Pattern
11)Morning Star Candlestick Pattern
12) Evening Star Candlestick Pattern
13) Three black white Candlestick Pattern
14) Three Black Crows
आपको इन सभी कैंडलेस्टिक पेटर्न को याद करके समझने की कोशिश करनी चाहिए।
3) Demand and Supply
Price action kya hota hai और price action trading हिंदी में सीखते समय यह हमारी तीसरी step है। आपको यह चीज समझ नहीं होगी कि अगर कोई भी शेयर ऊपर जा रहा है, तो वह केवल इसलिए जा रहा है क्योंकि उसकी डिमांड बहुत ज्यादा है, उस शेयर के बायर्स बहुत ज्यादा है। और जब कभी वह शेयर नीचे आता है तो उसकी सप्लाई बहुत ज्यादा है और उसके सेलर प्रेशर बना रहे हैं। वहां पर बहुत सारे सेलर्स आने के कारण सप्लाई ज्यादा हो रहा है।
तो आपको यह समझना होगा कि डिमांड अगर बढ़ रही है तो शेयर ऊपर की तरफ जाने वाला है। पर सप्लाई अगर बढ़ रहा है तो शेयर नीचे की तरफ जाने वाला है।
तो आपको यह एक और चीज समझ में होगी कि जब भी सीखने जा रहे हो तो आप zone को उन पहचान लो, जहां से बार-बार कोई स्टॉक रिवर्स कर रहा है। और उसे एरिया को देखो जहां से स्टॉक वापस आ रहा है। इससे आपको डिमांड एंड सप्लाई का अंदाजा आएगा।
4) ट्रेंड analysis
डिमांड एंड सप्लाई देखने के बाद price action trading सीखते समय अगला स्टेप आता है ट्रेंड का एनालिसिस करना। आपको सबसे बड़ा और सबसे ब्रॉड ट्रेंड की एनालिसिस करनी है। उसी के साथ आपको ट्रिगर का भी एनालिसिस करना है।
आपको एक बात समझनी होगी कि कोई भी शेयर अगर एक बड़ा ट्रेंड बनाता है, तो उसके लिए एक ट्रिगर होता है।
उदाहरण के लिए हम रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की प्राइस देख सकते हैं। काफी सालों तक रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर एक एवरेज लेवल पर ट्रेड कर रहा था। लेकिन अचानक से jio की खबरें आने लगी की जिओ आने वाला है। तो रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेर अचानक से ट्रिगर करके ऊपर की तरफ जाने लगा।
ऐतिहासिक चार्ट देखने के बाद आपको एक चीज समझ में आनी चाहिए कि जब जीडीपी का डेटा आता है तब शेयर में कौन सा मूवमेंट हुआ, जब कभी मॉनेटरी पॉलिसी आती है तब बैंक के शेयर्स में क्या मूवमेंट हुआ यह सारी चीज आपको एनालाइज करनी पड़ेगी। यह सारे ट्रेंड आपको देखने चाहिए।
5) प्राइस पैटर्न
Price action trading को हिंदी में सीखते समय पांचवी स्टेप प्राइस पैटर्न की आती है। शुरुआत में नए ट्रेडर Price action kya hota hai यह सीखने से पहले प्राइस पैटर्न जानने में उत्सुक होते हैं। लेकिन प्राइस एक्शन सीखते समय प्राइस पैटर्न को बाकी स्टेप के तुलना में कम महत्व होता है।
प्राइस पैटर्न में आपको एक चीज समझना है कि ऐतिहासिक बेसिस पर जब भी आप किसी चार्ट को देखते हैं तो वह रिवर्सल या फिर कंटीन्यूअशन में चार्ट पेटर्न बनता है। रिवर्सल मतलब हमेशा उसे पैटर्न से शेयर प्राइस रिवर्स हो जाती है। और कंटीन्यूअस पैटर्न में हमेशा वह पैटर्न एक समान लेवल में ही जाएगा।
प्राइस पैटर्न में आपको नीचे दिए गए कुछ पेटर्न्स को सीखने की कोशिश करनी चाहिए।
1) Double Top Chart Pattern
2) Triple Top chart pattern
3) Double Bottom Chart Pattern
4) Head and Shoulders Chart Pattern
5) Bullish Rectangle Chart Pattern
6) Cup and Handle Pattern
7) Flag Chart Pattern
8) Reverse Head and Shoulders Chart Pattern
9) Bearish Rectangle Chart Pattern
6) स्टॉपलॉस (Price action trading में Stoploss )
प्राइस एक्शन क्या होता है सीखने के बाद price action trading करते समय स्टॉप लॉस बहुत जरूरी होता है। प्राइस एक्शन लगभग सब्जेक्टिव होती है, क्योंकि कुछ लोगों को डेली कैंडल पर किसी को बुलिश दिख रहा होगा, घंटे की कैंडल पर वही चीज बेयरिश दिख रही होगी और 5 मिनट के कैंडल पर वह चीज सुपर बुलिश दिख रही होगी।
इसलिए आपको यह समझना होगा कि एक ही चार्ट, एक ही स्टॉक होकर भी लेकिन नजरे अलग-अलग बना सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि जैसा दिख रहा है वैसे ही परफार्म करेगा। क्योंकि कभी-कभी फॉल्स ब्रेकडाउन भी होते हैं।
इसीलिए बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है कि आप इस तरह की कंडीशन में आप लोग अपने स्टॉपलॉस को एनालिसिस करें। और उसे एनालिसिस को करने के दो बहुत सिंपल तरीके हैं
1) आप अपना जोखिम उठाने की की लेवल ढूंढ ले।
2) केवल और केवल है प्रोबेबिलिटी ट्रेड लेने की कोशिश करें।
7) सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस
प्राइस एक्शन सीखते समय आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस कैसे तैयार होते हैं। इसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। जब कोई स्टॉक नीचे की तरफ जाता है, नीचे एक लेवल पर जाने के बाद बार-बार ऊपर आता है। तो उसे नीचे की लेवल को सपोर्ट कहा जाता है। जो प्राइस एक्शन सीखने में मदद करती है।
जब स्टॉक ऊपर की तरफ जा रहा होता है, तब ऊपर की तरफ एक लेवल पर जाने के बाद स्टॉक बार-बार नीचे आता है, ऊपर तैयार हुई उसे लेवल को रेजिस्टेंस कहा जाता है। रेजिस्टेंस लेवल हमें प्राइस एक्शन सीखने में मदद करती है।
3) प्राइस एक्शन और रिस्क मैनेजमेंट
प्राइस एक्शन क्या है यह सीखने के बाद आपको रिस्क मैनेजमेंट भी सीखनी चाहिए । आपको एक चीज समझनी पड़ेगी की प्राइस एक्शन ट्रेडिंग करते समय आप ऊपर दी गई सभी स्टेप्स को फॉलो करने के बाद भी अगर अपने रिस्क मैनेजमेंट नहीं किया तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि शेयर बाजार एक बहुत ही वोलेटाइल और अनिश्चित होता है। यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है। इसलिए हर एक ट्रेडर को रिस्क मैनेजमेंट जरूर करना चाहिए।
4) प्राइस एक्शन प्रैक्टिस
“प्रैक्टिस मेकस मैन परफेक्ट” यह वाक्य आपने बहुत बार सुना होगा। शेयर बाजार में भी यह वाक्य लागू होता है। आपको हमेशा प्रैक्टिस करते रहना चाहिए। आप जितना ज्यादा एनालिसिस करोगे, जितनी ज्यादा चार्ट देखोगे, जितनी ज्यादा पैटर्न देखोगे, जब खुद से ट्रेड करोगे, भले ही वह कम अमाउंट के हो, तभी आप अच्छे से ट्रेडिंग सिख सकोगे।
इसी के साथ अगर आप ब्रेक आउट और ब्रेकडाउन के एनालिसिस करते हो, अगर आप देख लेते हो गैप को किस तरह एनालिसिस किया जाता है, मल्टी टाइम फ्रेम एनालिसिस को कैसे एनालाइज किया जाए। तो आप बहुत ही अच्छे ट्रेंड बन सकते हैं।
FAQ (Price action trading in hindi)
1) शेयर बाजार में प्राइस एक्शन क्या होता है?
समय के साथ जब कोई स्टॉक अपनी गति में बदलाव करता है, और ऊपर या नीचे की तरफ मूवमेंट करता है तब उसे स्टॉक के प्राइस में होने वाले बदलाव को प्राइस एक्शन कहा जाता है।
2) प्राइस एक्शन ट्रेडिंग सबसे अच्छा क्यों है?
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग स्टॉक में होने वाले बदलाव को जानने के लिए मददगार साबित होती है, इसीलिए यह ट्रेडिंग अच्छी होती है।
3) क्या प्राइस एक्शन ट्रेडिंग काम करती है?
अगर आपको स्टॉक की प्राइस एक्शन ट्रेडिंग क्या है और वह कैसे होती है यह समझ में आया तो आप प्राइस एक्शन ट्रेडिंग अच्छे से कर सकते हैं। तभी यह ट्रेडिंग आपके काम आ सकती है।
4) प्राइस एक्शन ट्रेडर्स फेल क्यों होते हैं?
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग अच्छे से समझ में नहीं आने के कारण और उसकी प्रेक्टिस न करने के कारण प्राइस एक्शन ट्रेडर्स फेल होते हैं।
5) आप प्राइस एक्शन को कैसे देखते हैं?
शेयर बाजार में यह एक स्टॉक की प्राइस दिखाने का मध्यम है। जिससे हम ट्रेडिंग करते समय इस्तेमाल कर सकते हैं।
Conclusion ( Price action kya hota hai)
हमने इस लेख में price action kya hota hai और price action trading कैसे सीखना चाहिए यह बताने की कोशिश की है। प्राइस एक्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए ऊपर कुछ स्टेप्स देने की कोशिश की है। आपके ऊपर दिए गए स्टेप्स को पेपर ट्रेडिंग करते समय जरूर आजमाना चाहिए।
प्राइस एक्शन क्या होता है जानने के बाद प्राइस एक्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए किन चीजों की जरूरत पड़ती है उन सभी चीजों के हमने ऊपर देने की कोशिश की है।
यह लेख पढ़ने के बाद अगर आपके मन में कुछ सवाल उत्पन्न होते हैं तो आप उन सवालों को हमें नीचे पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपके सवालों का जवाब दे सके। फ्री में शेयर मार्केट सीखने के लिए हमारे इस वेबसाइट के बाकी के आर्टिकल पढ़ने की कोशिश करें।

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