ट्रेडिंग करते समय, टेक्निकल एनालिसिस करना बहुत जरूरी होता है। टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट पेटर्न को बहुत महत्व दिया जाता है। चार्ट पेटर्न की मदद से हम शेयर बाजार में होने वाले बदलाव का अंदाजा लगा सकते हैं।
इसीलिए सभी ट्रेडर को चार्ट पेटर्न सीखना। इस लेख में हम Rising wedge chart pattern in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी लेंगे। राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न क्या होता है, यह कैसे निर्माण होता है, राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड कब लेना चाहिए, आदि सवालों के जवाब हम इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे।
यह लेख पढ़ने के बाद आपको “Rising wedge chart pattern in hindi” यह फिर से जानने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न क्या है? (Rising wedge chart pattern in hindi)
Rising wedge चार्ट पेटर्न एक अप ट्रेंड में एक निर्माण होने वाला चार्ट पेटर्न है। जब ट्रेंड ऊपर की तरफ होता है, तब यह पैटर्न संकेत देता है कि बायर्स का प्रभाव कम हो रहा है, और मार्केट में सेलर्स एक्टिव होकर मंदी की शुरुआत होने वाली है। यह ट्रेंड की दिशा को बदल देता है इसीलिए इसे रिवर्स पैटर्न भी कहा जाता है।
राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न की रचना
राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न की रचना समझने के लिए आपको इस इमेज का सहारा लेना होगा।
जब शेयर बाजार में कोई शेयर लगातार ऊपर की तरफ जा रहा होता है, यानी के बाजार में तेजी का माहौल होता है। तब लंबे अप ट्रेंड के दौरान पहला रेजिस्टेंस (R -1) लेवल तैयार होता है। पहले रेजिस्टेंस लेवल तैयार करने के बाद मार्केट फिर थोड़ा सा ऊपर की तरफ जाकर थोड़े समय बाद तेजी के ट्रेंड को बरकरार करते हुए पहला सपोर्ट (S-1) लेवल तैयार करता है।
पहले सपोर्ट लेवल के बाद बाजार फिर से पहले रेजिस्टेंस लेवल के थोड़ा ऊपर चला जाता है। वहां पर दूसरा रेजिस्टेंस (R- 2)लेवल तैयार होता है। और फिर मार्केट दूसरे रेजिस्टेंस लेवल से नीचे जाकर, पहले सपोर्ट लेवल के थोड़ा सा ऊपर दूसरा सपोर्ट (S- 2) लेवल तैयार करता है।
जब चार्ट पर दो सपोर्ट लेवल और दो रेजिस्टेंस लेवल तैयार होती है, तब सपोर्ट लेवल के 2 पॉइंट को जोड़ने वाली एक लाइन खींचने के बाद उससे एक सपोर्ट लाइन तैयार होती है। ठीक उसी प्रकार 2 रेजिस्टेंस पॉइंट को जोड़ने के बाद एक रजिस्टेंस लाइन तैयार होती है।
सपोर्ट लाइन का स्लोप रेजिस्टेंस लाइन से ज्यादा होता है। इसीलिए यह दो लाइन एक दूसरे को एक पॉइंट पर आकर टकराती है। जब यह लाइंस एक दूसरे को टकराती है तब राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न तैयार होता है।
Rising wedge chart pattern के नियम
राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न तैयार होते समय कुछ नियम/ कंडीशंस होती है, जिन्हें आपको हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
1) राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न तैयार होते समय कम से कम दो रेजिस्टेंस पॉइंट और दो सपोर्ट पॉइंट तैयार होने चाहिए। अगर दो से ज्यादा सपोर्ट पॉइंट्स और रेजिस्टेंस पॉइंट्स तैयार होते हैं, तो यह पैटर्न बहुत तगड़ा संकेत देता है।
2) यह पैटर्न तैयार होते समय सपोर्ट लाइन का स्लोप हमेशा रेजिस्टेंस लाइन से ज्यादा होना चाहिए। अगर सपोर्ट लाइन का स्लोप रेजिस्टेंस लाइन से ज्यादा नहीं होता है, तो यह लाइंस आपस में एक दूसरे से टकरा नहीं सकती। और यह लाइन टकराए बिना यह पैटर्न तैयार नहीं हो सकता है।
3) राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न तैयार होते समय सपोर्ट लाइन और रेजिस्टेंस लाइन एक दूसरे को समांतर नहीं होनी चाहिए।
4) यह पैटर्न तैयार होते समय हर एक रजिस्टेंस पहले रेजिस्टेंस की तुलना में हायर होना चाहिए। ठीक उसी प्रकार से हर एक सपोर्ट पहले सपोर्ट से हायर होना चाहिए।
5) अगर यहां पैटर्न तैयार होते समय दो से ज्यादा सपोर्ट लेवल और दो से ज्यादा रेजिस्टेंस लेवल तैयार होती है, और वह ट्रेंड लाइन को टच करते हैं। तब इस पैटर्न की एक्यूरेसी लेवल और ज्यादा बढ़ जाती है। और तब यह पैटर्न ट्रेंड को नीचे जाने का तगड़ा संकेत देता है।
6) राइजिंग की चार्ट पेटर्न तैयार होते समय शेयर प्राइस सपोर्ट लाइन को ब्रेक करके नीचे की तरफ जाने लगता है, तब वॉल्यूम तेजी से बढ़ने लगता है। वॉल्यूम को देखकर हम समझ सकते हैं कि यह पैटर्न अच्छे से काम कर रहा है।
7) यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि, दो रेजिस्टेंस पॉइंट और दो सपोर्ट पॉइंट के बीच कम से कम सात आठ कैंडल का गैप होना चाहिए। अगर इस पॉइंट में 7- 8 कैंडल से कम कैंडल का गैप होता है, तो यह पैटर्न मजबूती के साथ संकेत नहीं दे पता है।
राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न के टाइम फ्रेम
दोस्तों राइजिंग में चार्ट पेटर्न में दो सपोर्ट लेवल और दो रेजिस्टेंस लेवल के बीच नीचे दिया गया अंतर होना चाहिए। तब यह पैटर्न अच्छी तरह से भविष्य के संकेत दे सकता है।
Intraday chart = 7-8 Candlestick
Short term = 3-4 हफ्ते
Medium Term = 3-4 महीने
लॉन्ग टर्म = 7-8 महीने
राइजिंग विच चार्ट पेटर्न में ट्रेड कैसे करें
ट्रेडिंग करते समय हमेशा रिस्क और रिवॉर्ड रेशों मैनेज करना चाहिए। ठीक उसी प्रकार यह पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड लेते समय आपका रिस्क और रिवॉर्ड रेशों मैनेज होना चाहिए। उसी के साथ आपको टारगेट और स्टॉप लॉस निर्धारित करना आवश्यक है। टारगेट और स्टॉप लॉस निश्चित करने से आप अपना कम से कम नुकसान कर सकते हैं।
1) राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न में एंट्री
Rising wedge chart pattern तैयार होने के बाद सभी हायर रेजिस्टेंस पॉइंट को जोड़ने के बाद एक ऊपर की तरफ जाने वाली तिरछी रेजिस्टेंस लाइन तैयार होती है। ठीक उसी प्रकार से सभी हायर सपोर्ट पॉइंट को जोड़ने के बाद एक तिरछी सपोर्ट लाइन तैयार होती है।
जब कोई कैंडल सपोर्ट लाइन को ब्रेक करती है, और सपोर्ट लाइन के नीचे जाकर क्लोज होती है। तब अगली तैयार होने वाली कैंडल में एंट्री लेनी चाहिए।
2) राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न में स्टॉपलॉस
आप कितने भी बड़े अनुभवी ट्रेडर क्यों ना हो, लेकिन आपको हमेशा स्टॉप लॉस जरूर लगाना चाहिए। स्टॉपलॉस के मदद से आप आपका नुकसान को कम से कम कर सकते हैं।
जब कोई कैंडल सपोर्ट लाइन को ब्रेक करके, नीचे क्लॉथ होती है। तब उसे लाइन के हाई पर आपका स्टॉपलॉस होना चाहिए।
सभी नए ट्रेडर को हमेशा एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि एंट्री पॉइंट और स्टॉप लॉस इन दोनों के बीच कम से कम 2% का फर्क होना चाहिए। अगर यह फर्क 2% नहीं होता है, तो सोच समझ कर ट्रेड में उतरना चाहिए।
3) राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न में टारगेट
जिस तरह स्टॉप लॉस लगाना जरूरी है ठीक उसी प्रकार से ज्यादा लालच से मन को काबू करने के लिए टारगेट लगाना भी आवश्यक होता है। Rising wedge chart pattern दिखाई देने के बाद पहले रेजिस्टेंस और पहले सपोर्ट में जितना अंतर होता है, उतनी अंतर का टारगेट एंट्री लेने के बाद लगाना चाहिए।
राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न के लाभ और नुकसान
शेयर बाजार सीखते समय आपने अच्छा नॉलेज लिया है तो आप को ट्रेडिंग करते समय अच्छा लाभ हो सकता है। लेकिन गलत नॉलेज और खुद पर काबू न होने के कारण कभी कबार नुकसान को भी सहना पड़ सकता है।
Rising wedge chart pattern के लाभ
1) राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न में में सपोर्ट लाइन और रेजिस्टेंस लाइन जोड़ने के बाद बीच में तैयार होने वाला यह चार्ट आसानी से पहचाना जा सकता है।
2) यह पैटर्न तैयार होने के बाद ब्रेकआउट होने के बाद सही समय पर एंट्री लेने से आप अच्छा खासा प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
3) यह पैटर्न अच्छे से समझने पर आप सही समय पर एंट्री लेकर आसानी से टारगेट फिक्स कर सकते हैं।
4) यह चार्ट पेटर्न मार्केट में चल रहे तेजी के माहौल को बदलकर मंदी के ट्रेंड की शुरुआत होने का संकेत देता है।
5) बायर्स लोगों का प्रभाव कम होकर मार्केट में सेलर्स हावी होते हैं और मार्केट नीचे की तरफ ले जाते हैं।
राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न के नुकसान
1) Rising wedge chart pattern हो या फिर कोई और पैटर्न क्यों ना हो, आपको उसके बेसिक्स अच्छे से आने चाहिए। चार्ट की पहचान आसानी से करनी आनी चाहिए। अगर आप यह चार्ट पेटर्न की पहचान करने में गलती करते हैं तो आपको भारी नुकसान हो सकता है।
2) यह पैटर्न तैयार होते समय एंट्री और टॉपलेस के बीच कम से कम दो प्रतिशत का फर्क होना चाहिए। अगर आप इस फर्क को पहचान नहीं पाए तो आपको नुकसान हो सकता है।
3) यह पैटर्न दिखाई देने के बाद भी अगर आपने बायर की तरह लॉन्ग पोजिशन बनाई तो आपको नुकसान हो सकता है।
4) अगर आधे अधूरे नॉलेज से डायरेक्ट प्रैक्टिकल ट्रेडिंग की तो नुकसान का सामना हो सकता है।
FAQ
1) राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न क्या है?
जब मार्केट ऊपर की तरफ जा रहा होता है, तब लंबे अप ट्रेंड के बाद कम से कम दो हायर रेजिस्टेंस पॉइंट और दो हायर सपोर्ट पॉइंट जोड़ने के बाद, जो रेजिस्टेंस लाइन का सपोर्ट लाइन तैयार होती है वह एक दूसरे को टकराती है। तब तैयार होने वाले पैटर्न को राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न कहा जाता है।
2) क्या राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न बेयरिश होता है?
जी हां, राइजिंग में चार्ट पेटर्न बेयरिश होता है।
3) राइजिंग भी चार्ट पेटर्न में एंट्री पॉइंट कौन सा होना चाहिए?
ट्रेडिंग करते समय राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न दिखाई देने के बाद, जब सपोर्ट लाइन को ब्रेक किया जाता है, तब अगली तैयार होने वाली कैंडल में एंट्री पॉइंट होना चाहिए।
4) क्या राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न बुलिश होता है?
जी नहीं, राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न बुलिश नहीं होता है।
Conclusion
दोस्तों “Rising wedge chart pattern in hindi” इस लेख में हमने राइजिंग वेज चार्ट पेटर्न को विस्तार से जानने की कोशिश की है। यह पैटर्न क्या होता है? इस सवाल से लेकर हमने यह पैटर्न दिखाई देने के बाद कैसे करना चाहिए? इस इस तरह के सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की है। यह पैटर्न समझने के बाद आपको सबसे पहले इसका इस्तेमाल पेपर ट्रेडिंग करते समय करना चाहिए। और अच्छे से सीखने के बाद कॉन्फिडेंस आने के बाद आपको इस रियल ट्रेडिंग करते समय हाथ मारना चाहिए।
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