दोस्तों किसी भी कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस करते समय हमें फाइनेंशियल ratios की बहुत जरूरत होती है। इस लेख में हम उसी ratios में से एक ROCE के बारे में जानेंगे।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ROCE Ratio क्या होता है, इसे कैलकुलेट कैसे किया जाता है, इसका फार्मूला क्या है, एनालिसिस करते समय इसका महत्व कितना है ।
मैं आपसे वादा करता हूं कि अगर आपने “शेयर बाजार में ROCE Meaning In Hindi” यह लेख अच्छे से पढ़ लिया तो आपको फिर से ROCE के बारे में सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ROCE ratio क्या होता है ( ROCE Meaning In Hindi)
ROCE में R का मतलब Return है, और CE का मतलब Capital Employed है। इसीलिए ROCE का फुल फॉर्म Return On Capital Employed है।
व्याख्या – जो प्रॉफिटेबिलिटी ratio हमें यह बताता है कि एक कंपनी अपने टोटल कैपिटल एंप्लॉयड (CP) पर कितना प्रॉफिट बना रही है, उस ratio को ROCE ratio कहा जाता है।
आसान भाषा में हम यह कह सकते हैं कि कंपनी के टोटल इक्विटी पर और लिए हुए कर्जे पर कितना प्रॉफिट किया है यह बताने वाला ratio यानी की ROCE ratio है।
ROCE Ratio Formula
दोस्तों ROCE ratio का फार्मूला आसान है, इस फार्मूले से हम सभी कंपनियों का ROCE निकाल सकते हैं। लेकिन सिर्फ फार्मूला समझना और उसे याद करना काफी नहीं है। आपको उसे फार्मूला में दी गई कॉन्सेप्ट को भी समझना चाहिए।
ROCE Ratio = Earings before intrest and taxes (EBIT)/ Capital Employed
ROCE अनुपात = टैक्स और इंटरेस्ट के पहले की इनकम/कंपनी की पूरी पूंजी
ROCE ratio में EBIT
ROCE ratio निकालने के लिए EBIT ( Earings before intrest and taxes ) निकालना बहुत जरूरी होता है। लेकिन EBIT होता क्या है, यह भी आपको मालूम होना चाहिए।
EBIT का मतलब होता है, कंपनी का प्रॉफिट जिसमें से इंटरेस्ट और ब्याज अब तक घटाया गया नहीं है। EBIT हमें कंपनी के बैलेंस शीट में दिया जाता है।
ROCE ratio में Capital Employed
ROCE ratio समझने से पहले आपको कैपिटल एंप्लॉयड क्या होता है यह भी समझ में आना चाहिए।
कंपनी में लगाई गई सभी प्रकार की पूंजी का मतलब कैपिटल एंप्लॉयड होता है। जिसमें जिसे कंपनी की इक्विटी और कंपनी का कर्ज भी शामिल होता है।
Capital employed = Equity + Liability
ROCE कैसे कैलकुलेट करे
दोस्तों अगर आपके ऊपर दिए गए सभी संकल्पना एक अच्छे से समझ में आ गई तो आप फार्मूले के मदद से ROCE ratio आसानी से निकाल सकते हैं।
चलिए हम ROCE ratio कैलकुलेट कैसे करते हैं इसे एक उदाहरण से जानते हैं।
ROCE ratio example
मान लीजिए की XYZ लिमिटेड एक कंपनी है। मान लीजिए की कंपनी की टोटल इक्विटी 40 करोड रुपए, टोटल लायबिलिटी 20 करोड रुपए है। और कंपनी के बैलेंस शीट में EBIT 15 करोड रुपए है।
सबसे पहले हमें कैपिटल एंप्लॉयड कितना है यह निकलना होगा।
Capital Employed= Equity+Liability
Capital Employed= 40+20
Capital Employed=60
अब हम कैपिटल एंप्लॉयड और EBIT के मदद से ROCE ratio निकाल सकते हैं।
ROCE Ratio = Earings before intrest and taxes (EBIT)/ Capital Employed *100
ROCE Ratio = 15/60 *100
ROCE Ratio = 25%
इस तरह कंपनी के ROCE को कैलकुलेट किया जाता है।
ROCE का महत्व
दोस्तो ROCE Meaning in hindi समझने के बाद आपको इसका महत्व भी जानना चाहिए।
1) यह एक महत्वपूर्ण ऋषि होने के कारण कंपनियां इसे अपने एनुअल रिपोर्ट में पेश करती है।
2) ROCE को आमतौर पर इन्वेस्टर बिजनेस के स्ट्रैंथ का इंडिकेटर मानते हैं।
3) हर एक निवेशक को निवेश करने से पहले यह रेशों देखना जरूरी होता है। क्योंकि जब निवेशक निवेश करता है तब उसे कितने प्रतिशत रिटर्न मिल सकता है यह जानना जरूरी होता है। Roce हमें इसके लिए मदद करता है।
4) अगर निवेशक अपना पैसा किसी कंपनी में इन्वेस्ट करना चाहता है, तो वह कंपनी निवेशक को अच्छा रिटर्न दे सकती है या नहीं यह इस रेशों से समझ में आता है।
ROCE ratio kitna hona chahiye
दोस्तों जनरली 15% से ज्यादा ROCE ratio अच्छा माना जाता है। अगर एक कंपनी का ROCE पिछले 7 से 10 सालों में लगातार हर साल 15% से ज्यादा है। जाता है कि कंपनी अपने बिजनेस में काफी अच्छी है। और इस कंपनी में इन्वेस्ट करना लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा हो सकता है।
लेकिन यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले सिर्फ एक ही रेशों को ध्यान में नहीं रखना चाहिए। लगभग सभी रेशों को देखने की कोशिश करनी चाहिए।
रिटन ऑन कैपिटल इन्वेस्टमेंट हमें यह बताता है कि कंपनी के ऊपर कर्जा होने के बावजूद कंपनी कितना रिटर्न दे रही है। लेकिन ROE हमें यह बताता है कि सिर्फ कंपनी के इक्विटी पर कितना रिटर्न मिल रहा है।
इसीलिए हमें फंडामेंटल एनालिसिस करते समय ज्यादा से ज्यादा रेशों देखने की कोशिश करनी चाहिए। और कंपनी के प्रोडक्ट और सर्विसेस पर भी ध्यान देना चाहिए।
और जब सभी प्रकार के एनालिसिस करने के बाद हमें यह लगे की कंपनी फ्यूचर में अच्छा ग्रोथ दे सकती है तभी उसे कंपनी में निवेश करना चाहिए।
ROCE ratio कहा देख सकते है
ROCE Ratio हम कई वेबसाइट पर देख सकते हैं। वह वेबसाइट समय डायरेक्टली ROCE कैलकुलेट करके देता है। किसी के साथ हम कंपनी के बैलेंस शीट में भी देख सकते हैं।
1) मनीकंट्रोल वेबसाइट
2) Screener website
3) Stock Rover website
4) Tickertap website
ROCE ratio क्यों देखना चाहिए
1) कंपनी में निवेश करने से पहले कंपनी की ग्रोथ कैसी है यह जानने के लिए हमें ROCE ratio देखना चाहिए।
2) ROCE ratio देखने के बाद अगर कंपनी पर कर्ज है तब हमें कंपनी के ग्रोथ समझने में आसानी होती है।
3) आपको कभी भी हाई ROCE देख कर खुश नहीं होना है। क्योंकि कंपनी का बहुत ही ज्यादा ROCE भी अच्छा नहीं होता है। बहुत ही ज्यादा ROCE होने का मतलब होता है कि कंपनी के ऊपर बहुत कर्ज भी हो सकता है।
4) इसीलिए इस रेशों को देखने के बाद आपको उसके पीछे की वजह जान लेनी जरूरी है।
FAQ (ROCE Meaning In Hindi)
1) ROCE कितना होना चाहिए?
ROCE कितना होना चाहिए इसका सटीक जवाब कोई नहीं दे सकता। लेकिन कंपनी पर अगर ठीक-ठाक कर्ज है तो ROCE 15 से ऊपर अच्छा होता है।
2) किसी कंपनी का ROCE क्या होता है?
किसी भी कंपनी के टोटल कैपिटल पर कंपनी कितना रिटर्न दे रही है यह बताने वाला रेशों यानी की ROCE ratio होता है।
3) ROCE का अच्छा नंबर क्या होता है?
ROCE का अच्छा नंबर 15 से 20% के बीच होता है।
4) ROCE कम होने का क्या कारण है?
ROCE कम होने का कारण यह होता है कि कंपनी का Employed कैपिटल कम है, या फिर कंपनी पर लायबिलिटी कम है।
5) शेयर बाजार में ROCE का अर्थ क्या है?
आसान भाषा शेयर बाजार में ROCE का अर्थ होता है कंपनी के लगाए हुए पूरी पूंजी पर टैक्स और ब्याज जाने के पहले कितना लाभ मिल रहा है।
6) कोई कंपनी अपने ROCE को कैसे सुधार सकते हैं?
किसी भी कंपनी को अपना ROCE सुधारना है तो उसे सबसे पहले लायबिलिटी कम करनी होगी और EBIT बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।
7) 20% के नीचे ROCE अच्छा होता है क्या?
जी हां 20% से नीचे लेकिन 15% से ऊपर ROCE होना अच्छी बात होती है।
Conclusion ( ROCE Meaning In Hindi )
दोस्तों “शेयर बाजार में ROCE क्या होता है ( ROCE Meaning In Hindi)” इस लेख में हमने ROCE के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश की है। किसी भी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करते समय, निवेश करने से पहले ROCE का क्या महत्व होता है, उसे कैसे कैलकुलेट किया जाए आदि विषयों पर हमने इस लेख में विस्तार से चर्चा करने की कोशिश की है।
ROCE ratio को समझने की पश्चात आपको इस रेशों का उपयोग कंपनी के एनालिसिस करते समय जरूर करना चाहिए। लेकिन यह रेशों काम ज्यादा हो सकता है, इसके पीछे क्या कारण है इसे भी जानना जरूरी है। इस सभी विषयों को के हमने ऊपर बताया है।
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