Technical analysis in hindi / टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है

दोस्तों टेक्निकल एनालिसिस आजकल सबसे सटीक और विश्वसनीय एनालिसिस है। पिछले कुछ सालों में टेक्निकल एनालिसिस की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही है।

टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार बाजार के भूतकाल का परफॉर्मेंस वर्तमान और भविष्य के परफॉर्मेंस के लिए मजबूत निर्देश देता है। इसलिए हर कोई टेक्निकल एनालिसिस सीखना चाहता है।

लेकिन जो ट्रेडर्स शेयर बाजार में नए हैं, उनके लिए टेक्निकल “Technical analysis kya hota hai” और टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कैसे करें यह इस लेख में विस्तार से बताने की कोशिश की है।

मैं आपसे वादा करता हूं कि अगर आपने यह लेख अच्छे से पढ़ लिया तो आपको फिर से “Technical analysis in hindi” यह सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है (Technical analysis in hindi)

Technical analysis kya hota hai

टेक्निकल एनालिसिस बाजार में घटने वाली घटनाओं के आधार से, या फिर शेयर्स के भूतकाल के भाव और वॉल्यूम का विश्लेषण करके भविष्य में आने वाले शेयर का मूल्य तय करने की एक प्रक्रिया है। विविध शेयर्स के चार्ट के आधार पर जो अभ्यास किया जाता है उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं।

आसान भाषा में यह कह सकते हैं कि चार्ट के आधार पर किसी कमोडिटी या फिर कंपनी के भविष्य की स्थिति का पता लगाने की अभ्यास को टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस के प्रमुख तीन अंग

Technical analysis in hindi ( Imp )

1) कैंडलेस्टिक पेटर्न

1700 के दशक में जापान में चावल की ट्रेडिंग होती थी। जापान में एक व्यापारी  मुनेहिसा होम्मा ने चावल की ट्रेडिंग करते वक्त कैंडलेस्टिक पेटर्न की खोज की थी।
कैंडलेस्टिक पैटर्न में उन्होंने दो कैंडलेस्टिक को महत्व दिया था। एक बुलिश कैंडलेस्टिक और दूसरी बेयरिश कैंडलेस्टिक होती हैं।

हरे रंग की बुलिश कैंडलेस्टिक तेजी के ट्रेंड को प्रदर्शित करती है। लाल रंग की बेयरिश कैंडलेस्टिक मंदी के ट्रेंड को प्रदर्शित करती है। शुरुआत में इन दोनों कैंडल्स को सफेद और काले रंग में दिखाया जाता था।

कैंडलेस्टिक पेटर्न के प्रमुख प्रकार की फुल लिस्ट

1) मारुबोजू कैंडलस्टिक पैटर्न
2) हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न
3) इन्वर्टेड हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न
4) हैंगिंग मैंन कैंडलस्टिक पैटर्न
5) शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न
6) डोजी कैंडलस्टिक पैटर्न
7) एन्गल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न
8) हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न
9) पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न
10) डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न
11) मॉर्निंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न
12) इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न
13) तीन सफेद सैनिक कैंडलस्टिक पैटर्न
14) तीन काले कौवे कैंडलस्टिक पैटर्न

2) चार्ट पेटर्न

टेक्निकल एनालिसिस का दूसरा अंग चार्ट पेटर्न है। में कैंडलेस्टिक पेटर्न की खोज होने के कुछ समय बाद मुनेहिसा होम्मा ने चार्ट कॉटन की खोज की।

चार्ट पेटर्न कैंडलेस्टिक पेटर्न और अन्य सामान्य कैंडल्स के समूह की मदद से तैयार होता है। पैटर्न की तरह इसमें कोई सीमित कैंडल्स नहीं होती है। इसमें कई कैंडल्स की समूह से एक पैटर्न तैयार होता है। जिसे सामान्य रूप से हम ऊपर जाने वाले समूह को अप ट्रेंड कहते हैं। और नीचे जाने वाले समूह को डाउन ट्रेंड कहते है।

कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न में ना तो कैंडल्स की कोई सीमा होती है, और ना ही  टाइम की कोई सीमा होती है। कैंडलेस्टिक पेटर्न एक महीने में बन सकता है, 6 महीना में बन सकता है, या फिर कई सालों में भी बन सकता है।

टेक्निकल एनालिसिस में दो प्रकार के चार्ट पेटर्न होते हैं

1) रिवर्सल चार्ट पेटर्न 

रिवर्सल चार्ट पेटर्न जब तैयार होता है, तब बाजार में तेजी या मंदी के ट्रेंड के बाद बाजार रिवर्सल होने का संकेत मिलता है।
जब बाजार में तेजी होती है, तब चार्ट पेटर्न तैयार होने के बाद मंडी आने का संकेत मिलता है।
और जब बाजार में मंदी होती है, तब रिवर्सल चार्ट पैटर्न दिखाई देने के बाद दिए जाने का संकेत मिलता है।

इस रिवर्सल चार्ट पेटर्न के साथ हमें वॉल्यूम, MACD, RSI
इन टेक्निकल को भी साथ में देखना चाहिए। क्योंकि यह भी रिवर्सल का संकेत देते हैं।

यह कुछ रिवर्सल चार्ट पेटर्न है

1) हेड एंड शोल्डर
2) राइजिंग वेज
3) फॉलिंग वेज
4) डबल टॉप/ डबल बॉटम
5) राउंडिंग बॉटम

2) कंटीन्युएशन चार्ट पेटर्न

कंटीन्युएशन चार्ट पेटर्न ट्रेंड को हमेशा कंटिन्यू रहने का संकेत देते हैं। अगर तेजी का ट्रेंड चल रहा होता है और यह चार्ट पेटर्न तैयार होता है तो ट्रेंड इस तरह आगे बढ़ता है।

इसी तरह अगर मंडी का ट्रेंड चल रहा होता है, तब यह कंटीन्युएशन चार्ट पेटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेंड इसी तरह आगे चलता रहता है।

यह कुछ कंटीन्युएशन चार्ट पेटर्न

1) ट्रायंगल
2) सिमिट्रिकल ट्रायंगल
3) असेंडिंग ट्रायंगल
4) डिसेंडिंग ट्रायंगल
5) फ्लैग
6) रेक्टेंगल
7) प्राइस चैनल
8) कप एंड हैंडल

3) टेक्निकल इंडिकेटर्स

दोस्तों टेक्निकल एनालिसिस का यह तीसरा अंग है। चार्ट पेटर्न और कैंडलेस्टिक पेटर्न के सटीकता को बढ़ाने के लिए और बाजार को दिशा देने के लिए टेक्निकल इंडिकेटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह टेक्निकल एनालिसिस का सबसे प्रमुख अंग है। टेक्निकल इंडिकेटर्स को जान लेना यानी कि टेक्निकल एनालिसिस में महारत हासिल कर लेना।

टेक्निकल एनालिसिस में बहुत सारे इंडिकेटर काम आते हैं। लेकिन कौन सा इंडिकेटर कब काम आएगा यह कोई नहीं बता सकता। इसीलिए सभी प्रकार के इंडिकेटर समझने के बाद आपको सोनी खुद से देखने आना चाहिए।

यह कुछ महत्वपूर्ण इंडिकेटर 

1) MACD
2) RSI
3) Bollinger bands
4) ADX
5) Super Trend
6) Moving Average
7) Stochastic Oscillator

इंडिकेटर को दो प्रकार में डिवाइड किया गया है

A) लीडिंग इंडिकेटर –

बाजार ओवर बॉट है या फिर ओवर सोल्ड है इसकी जानकारी यह इंडिकेटर देता है। यह इंडिकेटर शॉर्ट टर्म ट्रेड के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें RSI, Stochastic Oscillator शामिल होते हैं।

B) लेगिंग इंडिकेटर –

यह ट्रेंड के अनुसार चलने वाले इंडिकेटर है। यह इंडिकेटर लंबे समय में निर्माण होने वाले ट्रेंड में बहुत ही अच्छा काम करते हैं। यह भविष्य में आने वाले भाव का अंदाजा नहीं दे सकते। लेकिन यह बाजार किस दिशा में जा रहा है इसका अंदाजा देते हैं। इस इंडिकेटर में Moving Average और MACD शामिल है।

टेक्निकल एनालिसिस कैसे करे

दोस्तों टेक्निकल एनालिसिस की गणितीय  जटिलता में आपको उतरने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि आजकल सभी प्रकार की गणना कंप्यूटर पर की जाती है।

ट्रेडिंग के लिए कंप्यूटर में सभी सॉफ्टवेयर उपलब्ध होने के बाद सभी प्रकार के इंडिकेटर उसमें उपलब्ध होते हैं। ट्रेंड को मात्र उन इंडिकेटर की जानकारी होनी चाहिए।

ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर की मदद से टेक्निकल एनालिसिस करने में बहुत कम समय लगता है। इसीलिए टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए आपके ऊपर दिए गए तीन अंग को पहले समझ लेना चाहिए और उसके बाद सॉफ्टवेयर की मदद से इंडिकेटर का उपयोग करके आप टेक्निकल एनालिसिस कर सकते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस के फायदे

Technical analysis in hindi advantage

1) टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद ट्रेडर्स को और निवेशक को ट्रेड लेने में आसानी होती है।

2) टेक्निकल एनालिसिस से हमें किसी भी कंपनी के भूतकाल को समझने में मदद होती है। जिससे हम भविष्य में होने वाले बदलाव को बता सकते हैं।

3) टेक्निकल एनालिसिस करते समय चार्ट हमें सक्षम चित्र के रूप में किसी भी शेयर्स में क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमारे सामने पेश करता है।

4) चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश करना यानी नक्शे के बिना अनजान देश में घूमने के समान है।

5) चार्ट का अभ्यास आपको हर कोई शेर किसी भी समय वह ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर है, ओवर बॉट है या ओवर सोल्ड है, आदि बातों को स्पष्ट करता है।

टेक्निकल एनालिसिस की मर्यादा

Technical analysis in hindi disadvantages

1) दोस्तों टेक्निकल एनालिसिस यह कोई वैज्ञानिक थ्योरी नहीं है। इसका मतलब यह हर बार एक समान ही काम नहीं कर सकता।

2) यह आपको सिर्फ भूतकाल के जानकारी के आधार से भविष्य में क्या हो सकता है इसका अंदाजा देता है।

3) भूतकाल में जो कुछ हुआ है ठीक वैसा ही भविष्य में नहीं हो सकता। क्योंकि भूतकाल के शेयर्स के पैटर्न ऊपर- नीचे, आगे- पीछे हो सकते हैं।

4) टेक्निकल एनालिसिस सिखाना बहुत ही आसान काम है। लेकिन इसका उपयोग करना, और इस पर प्रभुत्व हासिल करना कठिन है।

टेक्निकल एनालिसिस में अधिक जोर क्यों दिया जाता है

दोस्तों आजकल देखा होगा की बहुत सारे ट्रेडर्स टेक्निकल एनालिसिस करना बहुत महत्वपूर्ण समझते हैं। क्योंकि किसी भी कंपनी में सिर्फ फंडामेंटल के आधार पर आंखें बंद करके निवेश करना कभी कबार जोखिम भरा हो सकता है। क्योंकि कंपनियां झूठ मुनाफा दिखाकर उनके शेयर्स के भाव आसमान पहुंचा देती है। और जब कंपनी होती है यह झूठ पकड़ में आते हैं तब कंपनी के शेयर्स धड़ाधड़ नीचे गिरने लगते हैं।

लेकिन अगर आप टेक्निकल एनालिसिस करते हैं, तो आपको कहां पर चार्ट टूटा है यह जल्दी समझ में आता है, और उसे देखकर हाल समझ सकते हैं। यह देखने के बाद आप कंपनी में कितनी देर तक निवेश करें रखना चाहिए इसका डिसीजन ले सकते हैं।

लेकिन सभी कंपनियां ऐसा नहीं करते हैं इसलिए फंडामेंटल एनालिसिस को कम समझने की गलती नहीं करनी चाहिए।
अगर आपको हमेशा अच्छा मुनाफा हासिल करना है, तो आपको फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस दोनों सीखने के बाद उन पर प्रभुत्व हासिल करने की कोशिश करते रहना चाहिए।

FAQ

1) टेक्निकल एनालिसिस में क्या क्या आता है?
टेक्निकल एनालिसिस में सभी प्रकार के इंडिकेटर, एस कैंडलेस्टिक पेटर्न और सभी प्रकार के कैंडलेस्टिक आती है।

2) तकनीकी विश्लेषण से क्या तात्पर्य है?
तकनीकी विश्लेषण से हम शेयर के चार्ट के आधार पर जो भूतकाल अभ्यास करते है, उससे हमें भविष्य में मार्केट की स्थिति का अंदाजा आता है।

3) तकनीकी विश्लेषण कितने प्रकार के होते हैं।
दोस्तों तकनीकी विश्लेषण के प्रमुख तीन अंग होते हैं, 1) कैंडलेस्टिक पेटर्न 2) इंडिकेटर 3) चार्ट पेटर्न

4) तकनीकी विश्लेषण का उद्देश्य क्या है?
भूतकाल में होने वाले शेयर्स की स्थिति को देखने के बाद भविष्य में किस तरह शेयर्स का भाव रहने वाला है। यह बताना तक तकनीकी विश्लेषण का उद्देश्य होता है।

5) तकनीकी विश्लेषण क्यों काम करता है?
टेक्निकल एनालिसिस किसी भी शेयर में कैसी स्थिति है इसका चित्र अपने सामने खड़ा करता है, और टाइमिंग करने में आपको मदद करता है। इसीलिए भूतकाल को देखने के बाद भविष्य में क्या हो सकता है इसका अंदाजा लगाने के कारण यह विश्लेषण काम करता है।

Conclusion

दोस्तों इस लेख में हमने विस्तार से टेक्निकल एनालिसिस क्या है यह जानने की कोशिश की है। किसी के साथ हमने टेक्निकल एनालिसिस के तीनों प्रमुख तीन अंगों को विस्तार से बताने की कोशिश की है। अगर आपको टेक्निकल एनालिसिस क्या है यह समझ में आया तो आपको हमेशा इस पर प्रभुत्व प्राप्त करने के लिए प्रैक्टिस करते रहना चाहिए।

एक्चुअल ट्रेडिंग करने से पहले सभी ट्रेडर्स को पेपर ट्रेडिंग करते समय टेक्निकल एनालिसिस सीखने पर काम करते रहना चाहिए। अगर आपने यह लेख अच्छा पढ़ लिया होगा तो आपको “Technical analysis in hindi” यह दोबारा पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

यह लेख पढ़ने के बाद अगर आपको किसी भी तरह का सवाल है तो आप मुझे हमसे पूछ सकते हैं। फ्री में शेयर बाजार सीखने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट पर बाकी के लेख पढ़ सकते हैं।

Contents

Leave a Comment

Jai Balaji Share Price Target 2025 to 2050 Ksolves Share Price Target 2025 to 2050 Inventure Share Price Target 2025 to 2050 PMC Fincorp Share Price Target 2025 to 2050 Integra Essentia Share Price Target 2025 to 2050