दोस्तों अगर आपने शेयर बाजार सीखना शुरू किया है।
तो आपको Square off क्या होता है यह जरूर मालूम होना चाहिए।
जब हम किसी ट्रेड में एंट्री लेते हैं, तब समय रहते उसे ट्रेड को पूरा करना, यानी कि ट्रेड से एग्जिट लेने का मतलब स्क्वायर ऑफ होता है।
अगर आपने शेयर्स को खरीदा है तो एक फिक्स टाइम लिमिट में आपको उसे बेचना होता है।
अगर आपने शॉर्ट सेलिंग करते समय शेयर्स को बेचा है, तो एक फिक्स टाइम लिमिट में आपको उसे फिर से खरीदना पड़ता है।
स्क्वायर ऑफ करते समय आप किस प्रकार की ट्रेडिंग कर रहे हैं, उस पर स्क्वायर का टाइमिंग निर्भर होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय स्क्वायर ऑफ टाइमिंग सुबह के 9:15 से लेकर शाम के करीब 3:15 तक होता है।
फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में एक्सपायरी तक स्क्वायर ऑफ टाइमिंग होता है।
अगर आपने अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ नहीं किया तो -
ब्रोकर आपको बताए बगैर आपकी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर देता है।
अगर ब्रोकर आपको बताएं बगैर स्क्वायर ऑफ करता है तो उसे ऑटो स्क्वायर ऑफ कहा जाता है।
ऑटो स्क्वायर ऑफ करने से आपको एक्स्ट्रा चार्ज देने पड़ते हैं।
इसीलिए समय रहते आपको अपनी पोजीशन को खुद स्क्वायर ऑफ करना चाहिए।