स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक / Spinning top candlestick pattern in hindi

नमस्कार दोस्तों आज हम इस लेख में Spinning top candlestick pattern के बारे में विस्तार से जानेंगे। जो लोग शेयर बाजार में नए हैं, जिन्होंने शेयर बाजार हाल हि में सीखना शुरू किया है, उन लोगों को कैंडलेस्टिक पेटर्न की जानकारी जरूर मालूम होनी चाइए। टेक्निकल एनालिसिस करते समय आपको कैंडलेस्टिक पेटर्न की पहचान करना आना चाहिए। तभी आप शेयर बाजार में अच्छे ट्रेडर बन सकते हैं।

इस लेख में हमने “Bullish Spinning top candlestick pattern और Bearish Spinning top candlestick pattern” की जानकारी विस्तार से देने की कोशिश की है। यह लेख पढ़ने के बाद आपको “Spinning top candlestick pattern in hindi” फिर से खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पैटर्न क्या है (Spinning top candlestick pattern in hindi)

दोस्तों यह एक सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न है। जापानी लोगों ने स्पिनिंग टॉप का नाम एक घूमते हुए लट्टू के ऊपर रखा है। बचपन में आपने बहुत बार लट्टू चलाया होगा। ठीक उसी लट्टू के प्रकार जैसी इस कैंडलस्टिक पैटर्न की रचना होती है।

What is Spinning top candlestick pattern in hindi

स्पिनिंग शब्द का मतलब “गोल- गोल घूमता हुआ” होता है, और टॉप का मतलब “ऊपर की ओर” या फिर किसी चीज का ऊपरी भाग होता है।

जब यह पैटर्न तैयार होता है, तब मार्केट में यह अनुमान लगाना मुश्किल होता है, की मार्केट किस तरफ जाने वाला है। लेकिन अगर यह पैटर्न बुलिश या बेयरिश ट्रेंड के दौरान तैयार होता है, तब हम मार्केट का अनुमान लगा सकते हैं।

अगर यह कैंडलेस्टिक पेटर्न डाउन ट्रेंड में नीचे की तरफ सपोर्ट लेवल पर तैयार होता है, तब मार्केट ऊपर की तरफ जाता है। और अगर Spinning top candlestick pattern ऊपर जा रहे ट्रेंड में रेजिस्टेंस लेवल पर तैयार होता है, तब मार्केट नीचे की तरफ जाने के संकेत देता है। इसीलिए इस कैंडलेस्टिक पेटर्न को रिवर्सल कैंडलेस्टिक पैटर्न कहा जाता है।

Spinning top candlestick pattern की संरचना

इस कैंडलेस्टिक पेटर्न में कैंडल के बीचो-बीच एक छोटी बॉडी होती है, बॉडी के नीचे और ऊपर लगभग बॉडी के दो गुना बड़ी शैडो होती है।

कैंडलेस्टिक पेटर्न की संरचना विस्तार से जाने

1) बॉडी

जब यह कैंडलेस्टिक तैयार होती है, तब बॉडी कैंडल के बीचो-बीच तैयार होती है, बॉडी का आकार ऊपरी शैडो और नीचे की शैडो से छोटा होता है।

2) शैडो

इस कैंडलेस्टिक प्रकार में दोनों तरफ शैडो दिखाई देती है। यह दोनों शैडो एक दूसरे की तुलना में थोड़ी छोटी बड़ी हो सकती है।

A) अप्पर शैडो

ऊपरी शैडो बॉडी से लगभग 2 गुना होती है। कभी कबार यह शैडो बॉडी से थोड़ी बड़ी हो सकती है।

B) लोअर शैडो 

लोअर शैडो बॉडी से 2 गुना होती है। जब लोअर शैडो अपर शैडो से बराबर या फिर बड़ी होती है, तब यह कैंडलेस्टिक पेटर्न अच्छा संकेत देता है।

स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पैटर्न के प्रकार ( Types of Spinning top candlestick pattern )

स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न किस ट्रेंड ( बुलिश / बेयरिश ) में तैयार होता है, उसके हिसाब से इस पैटर्न के दो प्रकार होते है।

1) Bullish Spinning top candlestick pattern / बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न

2) Bearish Spinning top candlestick pattern / बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न

चलिए इन दोनों पैटर्न को विस्तार से जानते हैं।

Bullish Spinning top candlestick pattern / बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न

Bullish Spinning top candlestick pattern

जब शेयर बाजार में ट्रेंड नीचे की तरफ जा रहा होता है, उस समय डाउन ट्रेंड में सपोर्ट लेवल पर यह स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होता है, तब उसे बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है।

जब यह कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होता है, तब मार्केट नीचे से ऊपर की तरफ जाने का संकेत देता है।

Bullish Spinning top candlestick pattern volume 

Bullish Spinning top candlestick pattern में वॉल्यूम को भी बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। यह कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होने से पहले जो बेयरिश कैंडल तैयार हुई होती है, उस बेयरिश कैंडल में जितना वॉल्यूम होता है, उससे ज्यादा वॉल्यूम बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में होना चाहिए।

आसान भाषा में कह सकते हैं कि, बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में पिछले कैंडल की तुलना में ज्यादा वॉल्यूम होना चाहिए। तभी यह पैटर्न तगड़ा संकेत देता है।

Bullish Spinning top candlestick pattern colour

इस कैंडलेस्टीक प्रकार में रंग का कोई महत्व नहीं है, लेकिन बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न सपोर्ट लेवल पर दो प्रकार रंग में देख सकते हैं। कभी कबार यह कैंडलेस्टीक हरे रंग की होती है, या फिर कभी-कभी इस कैंडलेस्टिक का रंग लाल होता है। यह दोनों कैंडलेस्टिक एक ही प्रकार से अपना काम करती है।

यह प्रकार तेजी को प्रदर्शित करता है, जब इस प्रकार के कैंडलेस्टिक तैयार होती है, तब उसका रंग हरा हो तो अच्छा होता है।

Bullish Spinning top candlestick pattern का उपयोग

दोस्तों इस कैंडलेस्टिक का उपयोग कई प्रकार के ट्रेडिंग करते समय कर सकते हैं। यह कैंडलेस्टिक प्रकार हमें इंट्राडे चार्ट, डेली चार्ट, वीकली चार्ट या फिर मंथली चार्ट में भी दिखाई दे सकता है।

लेकिन यह कैंडलेस्टिक पेटर्न इंट्राडे, डेली और वीकली चार्ट में बहुत बार दिखाई देता है, और बहुत अच्छी तरह से काम करता है। जब  मार्केट क्लोज होते समय यह कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देता है, तब अगले दिन मार्केट ऊपर की तरफ दौड़ता है। यह कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होने के बाद बाजार में खरीदारों की पकड़ मजबूत होती है।

अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं, तो इस पैटर्न को 5 मिनट, 15 मिनट, या फिर 1 घंटे की चार्ट फ्रेम में देखना चाहिए।
और अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग करते हैं, तो फिर आपको इस पैटर्न को डेली चार्ट या फिर वीकली चार्ट टाइम फ्रेम देखना चाहिए।

Bullish Spinning top candlestick pattern ट्रेड कब लेना चाहिए

मान लीजिए कि ट्रेंड नीचे की तरफ जा रहा है, और आपको डाउन ट्रेंड में सपोर्ट लेवल पर एक हरे रंग का स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देता है। तब स्पिनिंग टॉप कैंडल के ऊपर एक बड़ी हरी रंग की बुलिश कैंडल तैयार होती है, और यह बुलिश कैंडल स्पिनिंग टॉप कैंडल के ऊपर ओपन होकर ऊपर ही क्लोज होती है। तब आपको ट्रेड में एंट्री लेनी है।

स्टॉपलॉस

ट्रेड में एंट्री लेने के बाद आपको स्टॉपलॉस फिक्स कर लेना है। स्टॉपलॉस की मदद से आप  लॉस से बच सकते हैं। आपका स्टॉपलॉस स्पिनिंग टॉप कैंडल के लोअर शैडो पर होना चाहिए।
अगर मार्केट ने आपके हिसाब से बर्ताव नहीं किया तो आपका स्टॉपलॉस नुकसान होने से बचा सकता है।

टारगेट

जब तक ट्रेंड ऊपर की तरफ जा रहा है, और जब तक ट्रेंड नीचे जाने के संकेत नहीं मिलते, तब तक ट्रेड में पेशेंस रखकर टिके रहना है। अगर आपको लगता है की मार्केट नीचे जा सकता है, तब कुछ पॉइंट प्रॉफिट बुक करने के बाद आप टारगेट सेट कर सकते हैं। और मार्केट नीचे जाने से पहले टारगेट लगा सकते है।

Bearish Spinning top candlestick pattern / बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न

Bearish spinning top candlestick pattern

जब शेयर बाजार में ट्रेंड ऊपर की तरफ जा रहा होता है, उस समय रेजिस्टेंस लेवल पर स्पिनिंग टॉप कैंडल तैयार होती है, तब उसे बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है। जब यह कैंडलेस्टिक पेटर्न तैयार होता है, तब मार्केट ऊपर से नीचे की तरफ जाने का संकेत देता है। इसीलिए इसे रिवर्सल कैंडलेस्टिक पेटर्न भी कहा जाता है।

बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न वॉल्यूम का महत्व

जब Bearish Spinning top candlestick pattern तैयार होता है, तब इस पैटर्न में वॉल्यूम को भी बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है। जब स्पिनिंग टॉप कैंडल तैयार होती है, तब उसके पहले तैयार होने वाले बुलिश कैंडल की वॉल्यूम स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक की तुलना में कम होनी चाहिए। तब यहां पैटर्न अच्छा संकेत देता है।

आसान भाषा में हम यह कह सकते हैं कि बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में पिछले कैंडल की तुलना में वॉल्यूम ज्यादा होना चाहिए। तब यह कैंडलेस्टिक पेटर्न ट्रेंड को चेंज करके नीचे की तरफ जाने लगता है।

बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में रंग का महत्व

इस कैंडलेस्टिक प्रकार में रंग को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। लेकिन  स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न जब रेजिस्टेंस लेवल पर तैयार होता है, तब हमें स्पिनिंग टॉप कैंडल के दो रंग दिखाई दे सकते हैं। एक कैंडल का रंग हरा सकता है और दूसरे कैंडल का रंग लाल हो सकता है।

लेकिन बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न जब लाल रंग की स्पिनिंग टॉप कैंडल तैयार होती है। तब उसे ज्यादा महत्व दिया जाता है और वह कैंडल ट्रेंड को नीचे जाने का तगड़ा संकेत देती है।

Bearish Spinning top candlestick pattern का उपयोग

इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का उपयोग कई प्रकार के ट्रेडिंग करते समय किया जाता है। यह कैंडलेस्टिक पेटर्न हमें इंट्राडे ट्रेडिंग, डेली चार्ट, वीकली चार्ट, या फिर मंथली चार्ट में भी दिखाई दे सकता है।

लेकिन यह कैंडलेस्टिक पेटर्न ज्यादातर इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय, उसी के साथ डेली और वीकली चार्ट में बहुत बार दिखाई देता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न 5 मिनट, 15 मिनट या फिर 1 घंटे की चार्ट फ्रेम में दिखाई दे सकता है।

इस प्रकार से पोजीशनल ट्रेडिंग करते समय बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न डेली चार्ट और वीकली चार्ट टाइम पेमेंट दिखाई देता है।

ट्रेड कब लेना चाहिए

मान लीजिए की शेयर बाजार में ट्रेंड ऊपर की तरफ जा रहा है, तब रेजिस्टेंस लेवल पर आपको लाल रंग की एक स्पिनिंग टॉप कैंडल दिखाई देने के बाद अगली लाल रंग की बड़ी कैंडल नीचे तैयार होने के बाद आपको ट्रेड में एंट्री लेनी चाहिए।

स्टॉपलॉस

सभी प्रकार की ट्रेडिंग करते समय आपको स्टॉपलॉस लगाना अनिवार्य है। स्टॉपलॉस लगाने से आप नुकसान होने से खुद को बचा सकते हैं। इस प्रकार से बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडल दिखाई देने के बाद  आपको स्टॉपलॉस लगाना चाहिए।

ट्रेड में एंट्री लेने के बाद बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडल के ऊपर की शैडो में आपका स्टॉपलॉस होना चाहिए।

टारगेट

जब मार्केट नीचे की तरफ जाने लगता है, आपको ट्रेड में तब तक बने रहना है, जब तक मार्केट ऊपर जाने के संकेत दिखाई नहीं देते। जब आपको मार्केट ऊपर जाने के संकेत दिखाई दे तो उसके पहले आपको आपका टारगेट फिक्स कर लेना चाहिए।

Spinning top candlestick pattern महत्व

1) स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में और रंग को महत्व नहीं दिया जाता है।

2) इस प्रकार के कैंडलेस्टिक पेटर्न में लोअर शैडो थोड़ी बड़ी या छोटी हो सकती है।

3) ऊपर शैडो और लोअर शैडो बॉडी से दुगनी या फिर उससे थोड़ी सी कम हो सकती है।

4) इस कैंडलेस्टिक पेटर्न में आपको ट्रेंड को पहचानना बहुत जरूरी होता है।

Spinning top candlestick pattern में साइकोलॉजी

जब स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देता है, तब सेलर्स और बायर्स के साइकोलॉजी में कुछ बदलाव होता है। इस बदलाव के कारण मार्केट में जो ट्रेंड चल रहा होता है, वह बदलकर रिवर्स हो जाता है। इसीलिए यह पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेडर्स के साइकोलॉजी में क्या बदल होता है यह जानना जरूरी है।

A) Bullish Spinning top candlestick pattern साइकोलॉजी

1) जब डाउन ट्रेंड में यह पैटर्न दिखाई देता है, तब खरीदार खुद की साइकोलॉजी मजबूत करते हैं, और बहुत बड़े लेवल पर खरीदना शुरू करते हैं। इससे मार्केट नीचे से ऊपर की तरफ जाने लगता है।

2) सेलर यह पैटर्न दिखाई देने के बाद अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं और बेचना शुरू कर देते हैं।

B) Bearish Spinning top candlestick pattern साइकोलॉजी

1) जब ट्रेंड ऊपर की तरफ जा रहा होता है, तब सेलर्स एक्टिव हो जाते हैं और बड़े लेवल पर बेचना शुरू करते हैं। इस कारण से मार्केट ऊपर से नीचे की तरफ जाने लगता है।

2) यह पैटर्न दिखाई देने के बाद खरीदार अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं, और अपनी पोजीशन स्क्वायर ऑफ कर लेते हैं।

Spinning top candlestick pattern एडवांटेजेस और डिसएडवांटेजेस

हर एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, इस प्रकार से स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न के भी कुछ अच्छाइयां और कुछ बुराइयां है। चलिए उसे विस्तार से जानते हैं।

स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न के लाभ

1) यह कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देने के बाद मार्केट में ट्रेंड रिवर्स होने वाला है यह संकेत मिलता है।

2) यह पैटर्न दिखाई देने के बाद सेलर्स और बायर्स पहले से अपनी स्ट्रेटजी तैयार करके बड़े लेवल पर प्रॉफिट करते हैं।

3) यह एक सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न है जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है।

4) इस कैंडलेस्टिक पेटर्न में रंग को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है।

स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न के नुकसान

1) यह कैंडलेस्टिक पेटर्न किस ट्रेंड में तैयार हुआ है, यह पहचानना जरूरी होता है, गलत ट्रेंड में ट्रेड लेने से नुकसान हो सकता है।

2) पैटर्न दिखाई देने के बाद स्टॉप लॉस नहीं लगाया, तो नुकसान सहना पड़ सकता है।

3) इस पैटर्न को पहचानना आसान होने के कारण यह पैटर्न दिखाई देने के बाद नए ट्रेंड उत्साहित होकर ओवर ट्रेडिंग कर सकते हैं और नुकसान कर सकते हैं।

4) इस पैटर्न में कंफर्मेशन लेने के बाद ही ट्रेडिंग करनी चाहिए नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।

FAQ

1) स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है?
यह एक सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न है जिसमें कैंडल की बॉडी बीचों बीच छोटी सी होती है, नीचे और ऊपर की शैडो कैंडल की बॉडी से 2 गुना होती है।

2) स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में रंगों को महत्व दिया जाता है?
स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में रंग को महत्व नहीं दिया जाता है।

Conclusion

शेयर बाजार में कैंडलेस्टिक पेटर्न सीखते समय आपको स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न के बारे में भी मालूम होना चाहिए। इसीलिए इस लेख में ऊपर स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या है, पहचान कैसी करनी चाहिए, उसका उपयोग क्या है, यह पैटर्न दिखाई देने के बाद ट्रेड कब लेना चाहिए, इस पैटर्न में टारगेट और स्टॉप लॉस कैसे लगाना चाहिए, इस पैटर्न के कितने प्रकार हैं आदि विषयों को विस्तार से बताने की कोशिश की है।

“Spinning top candlestick pattern in Hindi” यह लेख पढ़ने के बाद आपको यह पैटर्न अच्छे से समझ में आएगा। इस पैटर्न को सीखने के बाद आपको उसे पेपर ट्रेडिंग करते समय आजमाना चाहिए। फ्री में शेयर बाजार सीखने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट पर दिए गए बाकी के लेख पढ़ सकते हैं।

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