दोस्तों शेयर बाजार में अच्छा खासा प्रॉफिट करने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस सिखाना जरूरी है। टेक्निकल एनालिसिस सीखते समय आपको सभी चार्ट पेटर्न चाहिए। हम इस लेख में Cup and Handle Chart Pattern के बारे में विस्तार से जानकारी लेंगे।
कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न कैसे तैयार होता है, यह पैटर्न तैयार होने के बाद ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए इस प्रकार के सभी सवालों का जवाब नीचे दिए गए हैं।
अगर आपने यह लेख अच्छे से पढ़ लिया तो आपको फिर से “Cup and Handle Chart Pattern In Hindi” जानने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न क्या है? (Cup and Handle Chart Pattern In Hindi)
दोस्तों कप एंड हैंडल इस नाम से आपको पता चला होगा कि इस पैटर्न का नाम एक कप के ऊपर रखा गया है।
यह चार्ट पेटर्न शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों ट्रेडिंग करते समय उपयोग में आता है। यह चार्ट पैटर्न क्या है, इसे जानने के लिए और इसकी रचना समझे के लिए इसके दो प्रकारों को समझना होगा।
Cup and Handle Chart Pattern के प्रकार
1) Bullish Continuation Cup and Handle
बुलिश कंटीन्युएश पैटर्न तेजी को बरकरार रहने का संकेत देता है। मतलब की जो तेजी का ट्रेंड चल रहा है वह और भी ज्यादा समय तक चलेगा।
यह पैटर्न तैयार होते समय शुरुआत में अप ट्रेंड होना जरूरी होता है। बाजार में ट्रेंड के बाद पहले रेजिस्टेंस तैयार होता है। रेजिस्टेंस तैयार करने के बाद मार्केट नीचे आने लगता है और अर्ध गोलाकार आकृति तैयार करता है। इस अर्ध गोलाकार आकृति का आकर कप की तरह दिखता है इसलिए इसे कप कहा जाता है।
अर्ध गोलाकार आकृति तैयार करके प्राइस फिर से दूसरा रेजिस्टेंस बनता है। यह दूसरा रेजिस्टेंस पहले रेजिस्टेंस के बराबर या फिर थोड़ा ऊपर नीचे हो सकता है। इसके बाद प्राइस थोड़ा सा कंसोलिडेशन पीरियड में चला जाता है। मतलब की एक सीमित रेंज में रहता है। और इसी कंसोलिडेशन पीरियड को हैंडल कहा जाता है।
कंसोलिडेशन पीरियड के बाद बाजार में एकदम से ब्रेक आउट होकर तेजी का ट्रेंड फिर से शुरू हो जाता है। और जब ब्रेकअप होता है तब वॉल्यूम भी फिर से बढ़ने लगता है।
जब यह पैटर्न तैयार होने के बाद तेजी की फिर से शुरुआत होती है तब इसे Bullish Continuation Cup and Handle चार्ट पेटर्न कहा जाता है।
2) Bearish Continuation Cup and Handle
बाजार में चल रहे मंदी के ट्रेंड को बरकरार रखने वाले कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न को बेयरिश कंटीन्युएश चार्ट पेटर्न कहा जाता है।
यह पैटर्न तैयार होते समय शुरुआत में डाउन ट्रेंड होना आवश्यक होता है। एक लंबे डाउन ट्रेंड के बाद प्राइस एक पहला सपोर्ट लेवल तैयार करता है। पहले सपोर्ट लेवल तैयार करने के बाद प्राइस फिर से ऊपर जाकर एक अर्ध गोलाकार आकृति तैयार करता है। वह अर्ध गोलाकार आकृति कप के समान दिखती है। इसीलिए इसे कप कहा जाता है।
अर्ध गोलाकार आकृति तैयार होने के बाद प्राइस फिर से दूसरा सपोर्ट लेवल तैयार करता है। दूसरा सपोर्ट लेवल पहले सपोर्ट लेवल के बराबर या फिर थोड़ा ऊपर नीचे हो सकता है।
दूसरा सपोर्ट लेवल तैयार करने के बाद प्राइस थोड़े समय के लिए कंसोलिडेशन पीरियड में चला जाता है, कंसोलिडेशन पीरियड यानी कि एक सीमित रेंज में चला जाता है। इस कंसोलिडेशन पीरियड का आकार हैंडल की तरह होता है।
कंसोलिडेशन पीरियड के बाद अचानक से ब्रेकडाउन होकर फिर से मंदी का ट्रेंड शुरू हो जाता है और मार्केट में बड़े लेवल पर गिरावट होती है।
इस प्रकार जब मार्केट में कप और हैंडल के आकृति तैयार होकर मार्केट में फिर से मंदी शुरू होती है, तब उसे बेयरिश कंटीन्यूएशन कप एंड हैंडल पैटर्न कहा जाता है।
Cup and Handle Chart Pattern में ट्रेड कैसे करें
दोस्तों पैटर्न की पहचान करना काफी नहीं होता है। पैटर्न की पहचान करने के बाद आपको पैटर्न में एंट्री पॉइंट, स्टॉप लॉस और टारगेट फिक्स करके प्रॉफिट करना आना चाहिए। तो चलिए कप और हैंडल चार्ट पेटर्न दिखाई देने के बाद आपको कैसे ट्रेड करना चाहिए यह जानते हैं।
बुलिश कंटीन्यूएशन कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न में ट्रेड
एंट्री
दोस्तों बुलिश कंटीन्यूएशन कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न दिखाई देने के बाद आपको सबसे पहले जो दोनों रेजिस्टेंस है, उनके हाई पॉइंट को टच करने वाले बिंदु को जोड़ने वाली एक रेजिस्टेंस लाइन खींचनी है।
रेजिस्टेंस लाइन खींचने के बाद जब कोई कैंडल इस लाइन को ब्रेक करके ऊपर की ओर क्लोज होती है। तब उसके अगले तैयार होने वाली कैंडल में आपको खरीदी करना है। यानी कि उसे कैंडल में आपको एंट्री लेनी है।
स्टॉपलॉस
सभी ट्रेडर को नुकसान से बचने के लिए स्टॉपलॉस लगाना बहुत आवश्यक होता है । रेजिस्टेंस लाइन को ब्रेक करने वाली लाइन के लो पर आपको स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। ट्रेड में एंट्री लेने से पहले आपको एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि, एंट्री पॉइंट और स्टॉप लॉस के बीच दो प्रतिशत का गैप होना चाहिए।
टारगेट
ट्रेड में एंट्री लेने के बाद और स्टॉपलॉस लगाने के पश्चात आपको प्रॉफिट कहां पर बुक करना है यह भी समझ में आना चाहिए। यहां पैटर्न दिखाई देने के बाद आपको पहले रेजिस्टेंस और अर्ध गोलाकार कप के लो के बीच में जितना गैप होता है, उतने गैप का टारगेट आपको एंट्री पॉइंट से ऊपर लगाना चाहिए।
बेयरिश कंटीन्यूएशन कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न में ट्रेड
एंट्री
दोस्तों कंटीन्यूएशन कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न दिखाई देने के बाद आपको ट्रेड में एंट्री लेने से पहले दोनों सपोर्ट लेवल लो पॉइंट को जोड़कर एक सपोर्ट लाइन खींच लेनी है। और जब प्राइस इस सपोर्ट लाइन को ब्रेक करके नीचे की ओर क्लोज होता है, तब उसकी अगली कैंडल में आपको एंट्री लेनी चाहिए।
स्टॉपलॉस
सभी ट्रेडर्स को रिस्क एंड रीवार्ड रेशों मैनेज करके स्टॉप लॉस लगाना आवश्यक है। स्टॉप लॉस के कारण आप खुद नुकसान का कम से कम कर सकते है। यह पैटर्न दिखाई देने के बाद जो कैंडल सपोर्ट लाइन को ब्रेक करके नीचे क्लोज होती है, उस कैंडल के हाई पॉइंट पर आपका स्टॉपलॉस होना चाहिए।
स्टॉपलॉस लगाते समय एक बार जरूर ध्यान में रखनी चाहिए। स्टॉपलॉस पर एंट्री पॉइंट के बीच कम से कम 2% का गैप होना चाहिए।
टारगेट
स्टॉपलॉस लगाने के बाद खुद के मन पर काबू रखने के लिए आपको टारगेट लगाना भी जरूरी होता है। यह पैटर्न दिखाई देने के बाद पहले सपोर्ट लेवल और अर्ध गोलाकार उल्टे कप के हाई बिंदु के बीच जितना अंतर होता है। उतने अंतर के समान एंट्री पॉइंट के नीचे आपको टारगेट लगाना चाहिए।
कप एंड हैंडल चार्ट पैटर्न के लाभ और नुकसान
दोस्तों यह पैटर्न दिखाई देने के बाद अगर आपने खुद के मन पर काबू रखकर ट्रेडिंग की तो आपको अच्छा खासा प्रॉफिट हो सकता है। लेकिन अगर आपने इस पैटर्न को अच्छे से समझा नहीं और फिर भी ओवर कॉन्फिडेंस में ट्रेनिंग की हो तो आपको नुकसान हो सकता है।
Cup and Handle Chart Pattern में लाभ
1) कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न को जिस ट्रेंड में तैयार होता है उसी ट्रेंड को बरकरार रखता है, इसीलिए यह पैटर्न दिखाई देने के बाद आप अच्छा खासा प्रॉफिट कर सकते हैं।
2) इस पैटर्न की रचना अच्छे से समझ में आई तो आप एंट्री पॉइंट, स्टॉपलॉस और टारगेट आसानी से फिक्स कर सकते हैं।
3) इस में आप स्टॉपलॉस को लगाकर एक सीमित रेंज में टारगेट लगाकर अच्छा खासा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
Cup and Handle Chart Pattern में नुकसान
1) यह पैटर्न दिखाई देने के बाद अगर आपने खुद के मन पर काबू नहीं रखा और ओवर ट्रेडिंग की तो आपका नुकसान हो सकता है।
2) जिस ट्रेंड में पैटर्न दिखाई देता है उसी ट्रेंड की तरफ आपको ट्रेड में एंट्री लेनी है नहीं तो नुकसान का सामना हो सकता है।
3) बुल्लिश कप एंड हैंडल चार्ट पैटर्न में आपको खरीदी करनी है, यह पैटर्न दिखाई देने के बाद बिकवाली की तो आपको नुकसान हो सकता है।
4) बेयरिश कप एंड हैंडल चार्ट पैटर्न में आपको बिकवाली करनी है। अगर यह पैटर्न दिखाई देने के बाद अपने खरीदी की तो आपको नुकसान हो सकता है।
FAQ
1) कप और हैंडल पैटर्न को कैसे पढ़ा जाता है?
इस पैटर्न को पढ़ने के लिए सबसे पहले आपको इसकी रचना समझ में आनी चाहिए। जब ट्रेंड की तरफ अर्ध गोलाकार कप का आकार तैयार होता है, और छोटा कंसोलिडेशन पीरियड तैयार होता है, तब यह पैटर्न निर्माण होता है।
2) हैंडल पैटर्न वाला कप क्यों काम करता है?
हैंडल पैटर्न वाला कप दिखाई देने के बाद जिस ट्रेंड में वह तैयार हुआ है, उस ट्रेंड को को बरकरार लगता है। इसीलिए हैंडल पैटर्न वाला कप जब तैयार होता है तब वह काम करता है।
3) क्या कप एंड हैंडल चार्ट पैटर्न बुलिश है?
जी हा, कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न जब अप ट्रेंड में तयार होता है तब वह बुलिश होता है।
4) क्या कप एंड हैंडल चार्ट पैटर्न बेयरिश होता है?
जी हा, जब उल्टा कप एंड हैंडल चार्ट पैटर्न मंदी में तयार होता है, तब वह बेयरिश होता है।
Conclusion
दोस्तों “Cup and Handle Chart Pattern In Hindi” इस लेख में कप एंड हैंडल चार्ट पेटर्न को निर्माण से लेकर ट्रेड करने तक सभी बरकाईयों को विस्तार से समझने की कोशिश की गई है। यह लेख पढ़ने के बाद आपको सबसे पहले इसका उपयोग पेपर ट्रेडिंग करते समय करना चाहिए। पेपर ट्रेडिंग में कॉन्फिडेंस आने के बाद आप इसका उपयोग रियल ट्रेडिंग करते समय कर सकते हैं।
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