दोस्तों किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसे कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस जरूर करना चाहिए। फंडामेंटल एनालिसिस करते समय आपको PE ratio और PB ratio क्या है यह मालूम होना चाहिए। क्योंकि यह दोनों वैल्यूएशन tools है, जो आपको कंपनी के स्टॉक की वैल्यूएशन निकालने में मदद करते हैं। इसीलिए इन दोनों ratios का महत्व क्या है, और इन दोनों में क्या अंतर होता है इसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए।
“PE Ratio and PB Ratio in Hindi” इस लेख में हम हम विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे की यह दोनों ratios क्या है, और इन दोनों रेशों में क्या फर्क होता है।
PE ratio क्या है
PE ratio का फुल फॉर्म Price to Earnings ratio है।
यह एक ऐसा ratio है जिससे आप कंपनी के अर्निंग्स के अनुसार कंपनी के स्टॉक की कीमत को समझ सकते हैं।
PB ratio क्या है
PB ratio का फुल फॉर्म Price to Book Ratio है।
यह भी एक वैल्यूएशन टूल है, जो आपको बताता है कि कंपनी का शेयर खरीदते वक्त बुक वैल्यू की तुलना में कितने गुना भुगतान करना पड़ रहा है। यह बताने वाले ratio को PB ratio कहा जाता है।
PE Ratio and PB Ratio Difference
दोस्तों अभी हमने यह ratios क्या यह जाना, की लेकिन इन दोनों रेशों में क्या अंतर होता है यह हम विस्तार से एक- एक point को ध्यान में रखते हुए जानेंगे। तो चलिए जानते हैं कि PB ratio और PE ratio में क्या अंतर होता है।
A) फॉर्मूला
PE ratio
PE ratio = Current market price of one share/ Earing per Share (EPS)
PB ratio
PB ratio = Market price per Share/Book value per share
B) Overvalued and Undervalued stocks
इस ratios से हमें यह पता चलता है कि कौन सा स्टॉक ओवर वैल्यू है, और कौन सा स्टॉक अंडर वैल्यू है।
PE ratio
1) अगर PE ratio ज्यादा है, तो शेयर की कीमत उसकी कमाई से ज्यादा होती है। इस शेयर को ओवरवैल्यूड माना जाता है।
2) अगर PE ratio कम है, शेयर की कीमत उसकी कमाई से कम होती है। और इस शेयर को Undervalued माना जाता है।
3) दोस्तों इसीलिए आपको ज्यादातर हमेशा लो PE वाले शेयर्स में निवेश करना चाहिए।
PB ratio
1) अगर स्टॉक का PB ratio एक से ज्यादा है, तो यह स्टॉक अपनी बुक वैल्यू से ज्यादा पर ट्रेड हो रहा होता है। ऐसे शेयर्स को ओवरवैल्यूड माना जाता है।
2) अगर स्टॉक का PB ratio एक से कम है, तो यह स्टॉक अपनी बुक वैल्यू से कम कीमत पर ट्रेड कर रहे होते हैं। इसलिए ऐसे शेयर को Undervalued माना जाता है।
3) अगर PB ratio एक से कम है, तो कंपनी अपने सारे असेट्स बेचने के बाद भी तो वह बुक वैल्यू से ज्यादा पर भेज पाएगी। इसलिए नहीं बेशक हमेशा कम PB ratio वाली कंपनियों में निवेश करने की कोशिश करते हैं।
C) Compare Market price Differently
PE ratio
1) PE ratio में शेयर की प्राइस को EPS के साथ कंपेयर किया जाता है।
2) EPS हमें यह बताता है कि आज अगर कंपनी अपनी कमाई शेरहोल्डर्स में बांट देती है, तो हर एक शेयर और कितनी कमाई होगी।
3) यह ratio हमें यह बताता है कि हर एक स्टॉक की 1 रुपए की कमाई पर इन्वेस्टर कितना पैसा लगाना चाहते हैं।
PB ratio
1) PB ratio में स्टॉक की कीमत को बुक वैल्यू के साथ कंपेयर किया जाता है।
2) कंपनी के अकाउंट के हिसाब से कंपनी के लायबिलिटी को घटाने के बाद उसके पास कितने असेट्स बचते हैं बुक वैल्यू कहा जाता है।
3) यह रेश्यो दिखता है कि कंपनी के इन्वेस्टर 1 रुपए की बुक वैल्यू पर कितना पैसा लगाना चाहते हैं।
D) अगर कोई कंपनी प्रॉफिट कमा नहीं रही है तो
PE ratio
1) अगर कंपनी कुछ भी नहीं कमा रही है, या फिर घाटे में चल रही है, तो PE ratio निकाल नहीं सकते।
2) इस परिस्थिति में कंपनी का EPS निकाला नही जा सकता।
3) इसीलिए अगर पिछले कुछ सालों से कंपनी कोई कमाई नहीं कर रही या फिर घाटे में जा रही है तो कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए इस PE ratio का इस्तेमाल नहीं हो सकता।
PB ratio
1) अगर पिछले कुछ सालों से कंपनी कोई कमाई नहीं कर रही, और घाटे में जा रही है, तब भी PB ratio निकाला जा सकता है।
2) क्योंकि इस परिस्थिति में कंपनी की बुक वैल्यू को कैलकुलेट किया जा सकता है।
3) इसलिए अगर कंपनी नुकसान नहीं चल रही है, तब भी कंपनी का PB ratio फंडामेंटल एनालिसिस करते समय उपयोग में लाया जा सकता है।
E) Industries Suitability
PE ratio
1) PE ratio किसी भी इंडस्ट्री में इस्तेमाल की जा सकती है।
PB ratio
1) लेकिन PB ratio का ज्यादातर इस्तेमाल फाइनेंशियल सर्विसेस और बैंकिंग सेक्टर में किया जाता है।
2) इसका कारण यह है कि बैंक की asset और लायबिलिटी हर रोज निकल जाती है। क्योंकि उनकी कमाई बहुत ज्यादा बदलती रहती है।
3) IT कंपनी में सभी ratio को अच्छा नहीं माना जाता। क्योंकि इन कंपनियों में टेजिबल असेट्स काम होते हैं। और एसेट के रूप में ह्यूमन एम्पलाइज होते हैं। जिनका बुक वैल्यू में वैल्यूएशन नहीं होता।
4) Other Ratios
PE ratio और PB ratio शेयर्स की वैल्यूएशन में इंपॉर्टेंट होते हैं। इसलिए इनका इस्तेमाल स्टॉक की कंपैरिजन में होता है।
लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि, किसी भी एक ही मेट्रिक्स पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना है। किसी एक रेशों को एनालाइज करके कंपनी में निवेश नहीं करना है।
निवेश करते समय कंपनी का बिजनेस, कैश फ्लो, का कंपनी के दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स को समझना भी जरूरी है।
इन रेश्यो को अच्छी तरह से समझ कर, और एनालिसिस करके निवेश करते समय आप अच्छा डिसीजन ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रखिए की शेयर बाजार में हमेशा निवेश खतरे के साथ ही आता है इसीलिए हमेशा सही जानकारी से ही निवेश करें।
FAQ ( PE Ratio and PB Ratio in Hindi )
1) PE और PB ratio में क्या अंतर है?
PE ratio में EPS का उपयोग किया जाता है और PB ratio में बुक वैल्यू का उपयोग किया जाता है। यह इन दोनों में से बड़ा अंतर है।
2) PE और PB ratio में कौन सा अच्छा है?
दोनों रेशों फंडामेंटल एनालिसिस करते समय महत्वपूर्ण है। लेकिन PB ratio को हम कंपनी की कमाई ना होने के बावजूद भी उपयोग कर सकते हैं।
3) PE और PB ratio कितना होना चाहिए।
कंपनी में निवेश करने से पहले कंपनी के ऊपर कर्ज कितना है, और कंपनी की कमाई कितनी है। यह ध्यान में रखते हुए इन दोनों ratios को कम से कम होना चाहिए।
4) पी ई अनुपात और पीबी अनुपात क्या है?
यह दोनों कंपनी के वैल्यूएशन टूल है। जो हमें कंपनी के स्टॉक की वैल्यूएशन निकालने में मदद करते हैं। PE ratio हमें बताता है कि शेयर के अर्निंग के तुलना में हम कंपनी को कितना गुना भुगतान कर रही है। PB ratio हमें यह बताता है कि कंपनी के बुक वैल्यू के तुलना में हम कितने गुना भुगतान कर रहे हैं।
Conclusion (PE Ratio and PB Ratio in Hindi)
दोस्तों कुछ पिछले लेख में हमने PE ratio क्या, PB ratio क्या है, उनका महत्व क्या है, आदि विषयों को विस्तार से जानने की कोशिश की है। लेकिन इस लेख में हमने इन दोनों ratios के के बीच में क्या अंतर है यह जानने की कोशिश की है।
अगर आपको इन दोनों Ratios की संकल्पना आए समझ में आ गई है, लेकिन फिर भी कंफ्यूजन हो रहा है, तो आप यह लेख पढ़ने के बाद आपका कंफ्यूजन दूर कर सकते हैं। क्योंकि इस लेख में में इन दोनों ratio के बारे में सभी प्रकार के फर्क को बताने की कोशिश की है।
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Contents [hide]
- 1 PE ratio क्या है
- 2 PB ratio क्या है
- 3 PE Ratio and PB Ratio Difference
- 4 4) Other Ratios
- 5 FAQ ( PE Ratio and PB Ratio in Hindi )
- 6 Conclusion (PE Ratio and PB Ratio in Hindi)