Swing Trading क्या होता है / Swing Trading meaning in hindi

अगर आप शेयर बाजार में इंटरेस्ट रखते हैं, तो आपने कई बार स्विंग ट्रेडिंग का नाम सुना ही होगा। लेकिन अगर आपको swing trading kya hota यह मालूम नहीं है तो आप सही जगह आए हैं।

इस लेख में हम स्विंग ट्रेडिंग से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी को जानने की कोशिश करेंगे। अगर आपने यह लेख अच्छे से पढ़ लिया तो आपको फिर से “swing trading meaning in hindi” यह जानने की कोशिश नहीं पड़ेगी।

Swing Trading क्या होता है?

दोस्तों स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग स्टाइल है, जिसमें शेयर प्राइस में होने वाले शॉर्ट टर्म बदलाव से प्रॉफिट बनाने की कोशिश की जाती है।

Swing Trading in hindi ( What is Swing Trading )

स्विंग ट्रेडिंग में आमतौर पर शेयर्स को एक दिन से लेकर कुछ महीने तक होल्ड किया जाता है। यह ट्रेडिंग करते समय  खरीदने और बेचने के सभी प्रकार के डिसीजन ज्यादातर टेक्निकल एनालिसिस पर किए जाते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग करते समय आपको हमेशा ट्रेड में एंट्री लेने के बाद बाहर निकालने की स्ट्रेटजी पहले से तैयार करनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि आपको जोखिम का प्रबंधन करना चाहिए। यह ट्रेडिंग करते समय आपको टारगेट और स्टॉपलॉस जरूर लगाना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग में स्विंग क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग क्या है, यह जानते समय बहुत से ट्रेडर को शुरुआत में यह सवाल आता है कि आखिरकार यह स्विंग क्या है ?

शेयर बाजार तीन तरीके से आगे बढ़ता है, 1) अप ट्रेंड, 2) डाउन ट्रेंड, 3) साइडवाइस । इन तीनों तरीकों में से एक छोटे से हिस्से को स्विंग कहा जाता है।

जब मार्केट ऊपर की तरफ जा रहा होता है, तब अचानक से मार्केट में बदलाव आकर मार्केट की दिशा बदल जाती है, और मार्केट नीचे की तरफ जाने लगता है। इस छोटे से मूवमेंट को स्विंग कहा जाता है।

ठीक उसी तरह जब मार्केट नीचे जा रहा होता है, तब मार्केट की दिशा बदलकर ऊपर की तरफ जाने लगती है। इस मोमेंट को सिम कहा जाता है।

स्विंग हम साइड वाइज मार्केट में भी तैयार होता हुआ देख सकते हैं। जब मार्केट साइड वाइस होता है, तब ट्रेड लोग इस स्विंग का बहुत ज्यादा फायदा उठाते हैं।

किसी भी मार्केट में स्विंग दो कारणों से तैयार होता है,

1) जब कोई कंपनी भविष्य में ग्रोथ बढ़ाने के लिए बड़े -बड़े इन्वेस्टमेंट करती है, या फिर किसी कारण वाश कंपनी को बड़ा नुकसान होता है।

2) कभी कबार किसी सेक्टर के बारे में बाजार में सभी इन्वेस्टर्स की भावनाओं में बदलाव होता है।

स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है?

दोस्तों स्विंग ट्रेडिंग में शेयर्स को कम से कम एक दिन के लिए तो होल्ड करके रखना पड़ता है। इस शेयर्स के होल्डिंग कई महीनो तक जा सकती है।

इसीलिए स्विंग ट्रेडिंग करते समय यह सबसे महत्वपूर्ण होता है, कि हम कब खरीदने और बेचने का डिसीजन कर रहे हैं। क्योंकि इसी से यह डिसाइड होता है कि हम शेयर प्राइस में होने वाले बदलाव का कितना फायदा उठा पाएंगे।

चलिए इस एक उदाहरण से समझते हैं

मान लीजिए कि एबीसी लिमिटेड एक कंपनी है। इस कंपनी का शेयर प्राइस 140 रुपए पर ट्रेड कर रहा है। कुछ हफ्तों में यह शेयर बढ़कर 210 रुपए हो जाता है। और अगले कुछ हफ्तों में वापस 170 रुपए पर आ जाता है।

इस शेयर में 140 रुपए के low से लेकर 210 रुपए का high तैयार हुआ। यानी की 140 रुपए से लेकर 200 रुपए तक टोटल 70 रुपए का एक मूवमेंट हुआ। और इसी मूवमेंट को हम स्विंग कहते हैं।

कंपनी के शेयर प्राइस में जरूर 70 रुपए का स्विंग तैयार होता है। लेकिन यह स्विंग तैयार होते समय यह हमारे खरीदने और बेचने की डिसीजन पावर पर निर्भर होता है कि हम इस स्विंग का कितना फायदा उठाते हैं।

शेयर ऊपर की तरफ जाते समय अगर हमने 160 रुपए पर उसे खरीद लिया होता, और 200 रुपए पर बेच देते तो हमें हर शेयर पर ₹40 का प्रॉफिट होता। इस प्रॉफिट को बहुत ही अच्छा प्रॉफिट कहा जा सकता है।

लेकिन अगर हमने शेयर को 180 रुपए पर लिया होता, और ₹200 पर भेज दिया होता तो हमें सिर्फ ₹20 का प्रॉफिट होता। लेकिन 70 रुपए की तुलना में यह प्रॉफिट एवरेज प्रॉफिट है।

Swing Trading Analysis

दोस्तों स्विंग ट्रेडिंग करते समय एक दिन से लेकर कई सप्ताह तक या फिर कई महीनो तक आपको शेयर्स को होल्ड करके रखना पड़ता है। इसीलिए किसी भी शेयर में उतरने से पहले आपको उस शेयर्स का एनालिसिस करना जरूरी होता है। स्विंग ट्रेडिंग करते समय दो तरह की एनालिसिस की जाती है।

1) टेक्निकल एनालिसिस इन स्विंग ट्रेडिंग

दोस्तो स्विंग ट्रेडिंग करते समय ज्यादातर सभी ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस ही करते हैं। टेक्निकल एनालिसिस करते समय ट्रेडर आमतौर पर शेयर प्राइस के चार्ट का एनालिसिस करते हैं। क्योंकि शेयर प्राइस अपनी मूवमेंट से कई प्रकार के चार्ट पेटर्न तैयार करते हैं।

इन्ही पैटर्न के मदद से ट्रेडर शेयर बाजार में होने वाले बदलाव का अंदाजा लगाते हैं, और अगर उन्हें लगता है की  कोई ट्रेड में स्विंग की मूवमेंट तयार होनेवाली है, तो वह उसे ट्रेड में उतरकर स्विंग ट्रेडिंग करते हैं।

2) फंडामेंटल एनालिसिस इन स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस को ज्यादा महत्व दिया जाता है, लेकिन कई ट्रेडर्स फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े खबरों से भी ट्रेडिंग करते हैं।

अगर किसी ट्रेंड को किसी कोई अंदरूनी खबर पता चलती है, तो वह पहले से तैयार होता है। बाजार में उस कंपनी के ट्रेड में स्विंग आने से पहले से एंट्री लेने के कारण इन लोगों को फायदा होता है।

जो ट्रेंड फंडामेंटल एनालिसिस करने में माहिर है, वह कंपनी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को देखकर पहले से ही अंदाजा लगाते हैं कि भविष्य में इस कंपनी के शेयर्स की दशा क्या होने वाली है।

क्वार्टरली रिपोर्ट देखकर यह ट्रेडर ट्रेडिंग करते हैं। क्योंकि कभी कबार ऐसा हो सकता है कि कंपनी की क्वार्टर रिपोर्ट उम्मीद से बहुत ज्यादा अच्छा, या फिर उम्मीद से बहुत ज्यादा बुरा आ सकता है। कब कंपनी के शेयर प्राइस में बहुत ज्यादा मूवमेंट हो सकती है।

स्विंग ट्रेडिंग क्यों की जाती है

स्विंग ट्रेडिंग करते समय ट्रेडर लोगों का प्रमुख उद्देश्य होता है कि, कुछ समय तक ट्रेड में एंट्री लेना, और अच्छा खासा स्विंग आने के बाद उसे ट्रेड से एग्जिट कर लेना।

स्विंग ट्रेडिंग इसीलिए किए जाते हैं, कि अगर किसी ट्रेडर का अपने एनालिसिस पर बहुत ज्यादा भरोसा है। वह जानता है कि भविष्य में  कंपनी का शेयर किस तरह से बर्ताव कर सकता है। कंपनी का शेयर किस दिशा में जा सकता है। यह मालूम होने के कारण तब तैयार होने वाले स्विंग का फायदा उठाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग की जाती है।

लेकिन स्विंग ट्रेडिंग हो या फिर कोई भी ट्रेडिंग हो सभी ट्रेडर्स लोगों का ट्रेडिंग करने का मोटिव एक ही होता है। वह मोटिव पैसा कमाने का होता है।

स्विंग ट्रेडिंग करने की स्टेप्स

स्विंग ट्रेडिंग करते समय हर कोई ट्रेडर एक बड़ी मूवमेंट का इंतजार कर रहा होता है। सभी स्विंग ट्रेडर्स मार्केट में स्विंग का इंतजार करते है। और अगर उन्हें मार्केट में कोई स्विंग नजर आता है, तो वह नीचे दी गई स्टेप अनुसार स्विंग ट्रेडिंग करते हैं।

1) सबसे पहले स्टॉक को चुनना

ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक ऐसी कंपनी की शेयर को ढूंढना है जो अच्छे रिटर्न दे सकता है।

2) टेक्निकल/ फंडामेंटल एनालिसिस

 जब आपको ऐसा शेयर मिलता है, जो शॉर्ट टर्म में अच्छा रिटर्न दे सकता है। तब आपको उसे कंपनी की टेक्निकल एनालिसिस करनी चाहिए। और अगर आपको फंडामेंटल एनालिसिस करके अंदाजा लगाना आता है, तो आप फंडामेंटल एनालिसिस भी कर सकते हैं।

3) स्विंग को देखे

टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद अगर आपको लगता है, कि इस कंपनी के शेयर प्राइस में भविष्य में बदलाव होकर कोई स्विंग तैयार हो सकता है, तो आपको उसे कंपनी बारे में और जानकारी दिलानी चाहिए।

4) और चार्ट विश्लेषण करना चाहिए

स्विंग का अंदाज़ आने के बाद आपको कन्फर्मेशन करने के लिए उसे कंपनी के बारे में और चार्ट विश्लेषण करना चाहिए। चार्ट विश्लेषण करते समय आपको जिस इंडिकेटर पर भरोसा है वह इंडिकेटर का उपयोग करके एंट्री और एग्जिट प्वाइंट फिक्स कर लेने चाहिए।

5) रिस्क कहां प्रबंधन

एंट्री और एग्जिट प्वाइंट फिक्स करते समय आपको सबसे पहले आप कितना रिस्क ले सकते हैं, यह रिस्क और रिवॉर्ड रेशों मैनेज करके देखना चाहिए।

6) टारगेट और स्टॉपलॉस

रिस्क कम करने के लिए आपको टारगेट और स्टॉपलॉस लगाकर ट्रेडिंग करनी चाहिए। अगर आप टारगेट पोस्ट ऑफिस लगाकर ट्रेडिंग नहीं कर सकते तो आपको बहुत बड़ा खामियांजा भुगतना पड़ सकता है।

स्विंग ट्रेडिंग करने के लाभ और नुकसान

दोस्तों किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग करते समय आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि आप कितने भी बड़े अनुभवी क्यों ना हो, फिर भी आपको कभी कबार लाभ और नुकसान इन दोनों का सामना करना पड़ सकता है। इसी प्रकार से स्विंग ट्रेडिंग करने के भी अपने कुछ फायदे और नुकसान है। तो चलिए जानते हैं ।

स्विंग ट्रेडिंग के लाभ

1) स्विंग ट्रेडिंग करने का सबसे पहला फायदा यह है, कि आपको लॉन्ग और शॉर्ट टर्म दोनों स्ट्रेटजी में इन्वेस्ट करने की अनुभूति होती है।

2) यह ट्रेडिंग करते समय आपको ज्यादा देर तक स्क्रीन के सामने बैठना नहीं पड़ता है।

3) एक बार एनालिसिस करने के बाद भविष्य का अंदाजा आने पर आप शेयर्स में एंट्री लेने के बाद टारगेट और स्टॉपलॉस लगाकर आराम से अपना बाकी का काम कर सकते हैं।

4) इंट्राडे  ट्रेडिंग की तरह इसमें ज्यादा समय देने की जरूरत नहीं होती है।

स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान

1) दोस्तों हर सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार से स्विंग ट्रेडिंग का नुकसान यह है की यह ट्रेडिंग करने के लिए आपको ज्यादा अनुभव की जरूरत होती है।

2) अगर आप शुरुआत में बड़ी क्वांटिटी में स्विंग ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको मार्केट का अंदाजा न होने के कारण नुकसान सहना पड़ सकता है।

3) स्विंग ट्रेडर हमेशा लाभ पाने के चक्कर में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदे भूल जाते हैं।

4) अगर भविष्य में आपके अंदाज के अनुसार मार्केट ने बर्ताव नहीं किया तो आपको नुकसान भुगतना पड़ सकता है।

FAQ

1) स्विंग ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है?
बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने के लिए, भविष्य में तैयार होने वाले स्विंग का अंदाज़ लेकर, एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड करके की गई ट्रेडिंग को स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है।

2) स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर कैसे चुने?
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपका टेक्निकल एनालिसिस तगड़ा होना चाहिए। सबसे पहले आपको अच्छा रिटर्न देने वाला शेयर खोज निकालना है। बाद में उस शेयर का टेक्निकल एनालिसिस करके भविष्य के स्विंग का अंदाजा लगाना। अगर अच्छा स्विंग तैयार हो सकता है, तभी उस शहर में स्विंग ट्रेडिंग करनी चाहिए।

3) स्विंग ट्रेडिंग में कितना कमा सकते हैं?
दोस्तों इसका कोई सटीक जवाब नहीं। लेकिन अगर आप अच्छे अनुभव ट्रेडर है सालाना एवरेज 15 से 25% कमा सकते हैं । आप कितना कमा सकते हैं, यह आप कितना रिस्क ले सकते हैं, उसे पर निर्भर करता है।

4) स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए कितना पैसा चाहिए?
आपको कौन से कंपनी के शेयर्स में ट्रेडिंग करना है, उस पर यह निर्भर करता है, कि आपको स्विंग ट्रेडिंग करते समय कितना पैसा चाहिए। कम से कम आप ₹1 से लेकर ज्यादा से ज्यादा करोड़ों रुपए में स्विंग ट्रेडिंग कर सकते हैं।

5) क्या स्विंग ट्रेडिंग आपको अमीर बन सकती है?
अगर आप एक अनुभवी ट्रेडर है, और आपका खुद के मन पर काबू है। तो आप स्विंग ट्रेडिंग करके अमीर बन सकते हैं। लेकिन उसके लिए आपको बहुत अमीर होने के लिए कम से कम कुछ सालों का तो अनुभव चाहिए।

Conclusion

दोस्तों इस लेख में हमने Swing Trading kya hota, और उसे कैसे किया जाता है, यह विस्तार से जाने की कोशिश की है। स्विंग ट्रेडिंग के बारे में जानने के बाद आपको सबसे पहले पेपर ट्रेडिंग में से आजमाना चाहिए।

हमारा भारतीय शेयर बाजार बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्विंग ट्रेडिंग अच्छे से सीखने के बाद आप भविष्य में इसका अच्छा उपयोग कर सकते है। हमारा “swing trading meaning in hindi” यह लेख पढ़ने के बाद आपको इस ट्रेडिंग के रिलेटेड कोई सवाल है, तो आप हमे नीचे पूछ सकते है।

फ्री में शेयर बाजार का नॉलेज लेने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट के बाकी के आर्टिकल पढ़ सकते है।

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